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Thursday 29 June 2017 03:05:52 AM
नई दिल्ली। केंद्रीय शिपिंग, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि क्रूज पर्यटन दुनियाभर में पर्यटन उद्योग के सबसे तेजी से बढ़ते घटकों में से एक है, यह बड़ी संख्या में रोज़गार के अवसर जुटाकर भारतीय अर्थव्यवस्था का विकास करने वाला एक प्रमुख चालक हो सकता है। नितिन गडकरी नई दिल्ली में 'भारत में क्रूज पर्यटन के विकास के लिए कार्य योजना' पर एक राष्ट्रीय कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। कार्यशाला में संस्कृति और पर्यटन मंत्रालय में स्वतंत्र प्रभार राज्यमंत्री डॉ महेश शर्मा और क्रूज पर्यटन को प्रभावित करने वाले मुद्दों से निपटने वाली नियामक एजेंसियों सहित सरकारी और निजी क्षेत्र के सभी हितधारक संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने इस बात का उल्लेख करते हुए कि पर्यटन का रोज़गार गुणक में सबसे अधिक निवेश है, कहा कि औसत रूपसे क्रूज जहाज पर रोज़गार का सृजन 3-4 यात्रियों के लिए एक नौकरी का है, भारत में प्रतिवर्ष 700 क्रूज जहाजों के रख-रखाव की क्षमता है, जबकि इस साल केवल 158 जहाजों का रख-रखाव हुआ। उन्होंने कहा कि क्रूज उद्योग दस लाख क्रूज यात्रियों के लिए 2.5 लाख से अधिक रोज़गार के अवसर उत्पन्न कर सकता है और यह देश की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा दे रहा है। उन्होंने बताया कि क्रूज टर्मिनलों का पांच मुख्य बंदरगाहों मुंबई, गोवा, कोचीन, मैंगलोर और चेन्नई में विकास किया जा रहा है, इसके अलावा 111 अंतर्देशीय जलमार्गों की परिवहन क्षमता का भी इस्तेमाल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस वर्ष के अंत तक दस अंतर्देशीय जलमार्गों के विकास के लिए कार्य शुरू हो जाएगा, जिसमें गंगा और ब्रह्मपुत्र नदियां शामिल हैं, इन पर पहले से ही काम चल रहा है।
नितिन गडकरी ने सभी राज्य सरकारों से यह अनुरोध किया है कि वे पर्यटकों का ध्यान आकर्षित करने के लिए अधिक से अधिक विकास, पैकेजिंग और मार्केटिंग से क्रूज पर्यटन को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं। उन्होंने कहा कि शिपिंग मंत्रालय देश में क्रूज पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सभी संबंधित मंत्रालयों और सरकारी संगठनों के साथ सक्रिय रूपसे कार्य कर रहा है और शिपिंग सचिव एवं पर्यटन सचिव के नेतृत्व में इस कार्य के लिए एक संयुक्त कार्य बल का गठन किया गया है। कार्य योजना तैयार करने के लिए एक वैश्विक सलाहकार भी नियुक्त किया गया है। कार्यशाला का उद्देश्य इस कार्य योजना के बारे में विचार-विमर्श करना था, जिसमें देश में क्रूज पर्यटन के विकास के लिए एक समर्थ व्यापार पारिस्थितिकी तंत्र का सृजन करने के लिए सरकार के विभिन्न भागों में कार्य करने की जरूरत है।
पर्यटन राज्यमंत्री डॉ महेश शर्मा ने इस अवसर पर कहा कि भारत तेजी से बढ़ता हुआ एक आकर्षक पर्यटक गंतव्य है, देश में क्रूज पर्यटन की पूरी क्षमता प्राप्त करने के लिए सभी हितधारकों को आपस में सहयोग करके मिलजुलकर काम करने की जरूरत है, ताकि विकास के लिए अनुकूल पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण किया जा सके। क्रूज पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए शिपिंग मंत्रालय के प्रयासों पर प्रकाश डालते हुए शिपिंग मंत्रालय में विशेष सचिव डॉ आलोक श्रीवास्तव ने बताया की ई-वीजा, ई-लैंडिंग तथा सभी क्रूज जहाज सम्बंधित प्रभारों पर न्यूनतम 30 प्रतिशत छूट और तटीय क्रूज आवाजाही पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त छूट जैसे प्रोत्साहन पहले ही लागू किए जा चुके हैं, इसके अलावा शिपिंग और पर्यटन मंत्रालय ने एक संयुक्त कार्यबल की स्थापना की है और मानक परिचालन प्रक्रिया के लिए एक कार्य योजना तैयार की गई है, जिसे विभिन्न हितधारकों के साथ विचार-विमर्श करने के बाद समयबद्ध रूप से लागू किया जाएगा।
पर्यटन सचिव रश्मि वर्मा ने कहा कि देश में क्रूज पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए शिपिंग और पर्यटन मंत्रालयों के एक साथ मिलकर काम करने से इस क्षेत्र से अधिकतम लाभ प्राप्त करने में मदद मिलेगी। कार्यशाला मेंहितधारकों ने सुरक्षा, अप्रवास, कस्टम और बंदरगाह जैसे क्रूज बंदरगाह परिचालन के विभिन्न पहलुओं से सम्बंधित अनेक नियामक मुद्दों पर विचार-विमर्श किया। उन्होंने क्रूज जहाज रख-रखाव के लिए सभी सरकारी संगठनों हेतु मानक परिचालन प्रक्रियाओं को तैयार करने के लिए कार्य किया।