स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Wednesday 20 February 2013 08:41:48 AM
लखनऊ। विधान परिषद के सदस्य और भाजपा नेता हृदयनारायण दीक्षित ने बुधवार को सदन में होने वाले हंगामे व शोरगुल का विषय औचित्य प्रश्न के रूप में उठाया और कहा संसदीय कार्य में सभ्य, शालीन और अनुकरणीय परंपराओं का पालन व विकास हम सबका कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि सदस्यगण राज्य के उच्च सदन के सदस्य हैं, इसलिए सभ्य और शालीन परंपरा का कर्तव्य पालन और भी जरूरी है, लेकिन सदन सत्र के पहले दिन अनावश्यक रूप से हल्ला गुल्ला और सदन की कार्यवाही में बाधा डालने का कर्मकांड यहां स्थापित परंपरा का रूप ले चुका है। इस बार भी पहले दिन ऐसे ही हुआ। मान लिया गया है कि पहले दिन ऐसा हल्ला-गुल्ला अनिवार्य है। ऐसे व्यवहार के कारण राज्य की जनता हम सबके बारे में अच्छी राय नहीं रखती।
हृदयनारायण दीक्षित ने सपा और बसपा दोनों को निशाने पर लेते हुए कहा कि जब ये विपक्ष में होते हैं तो अनावश्यक हंगामा करते हैं और जब वे विपक्ष में होते हैं तो वे हंगामा करते हैं। सत्तापक्ष को हंगामे में सुविधा होती है। वह प्रश्नों, ध्यानाकर्षणों और कार्यस्थगत प्रस्तावों के असुविधाजनक प्रश्नों से बच जाता है। उन्होंने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 194 में हम सबको विचार अभिव्यक्ति की निर्बाध स्वातंत्रता है। न्यायालय भी यहां की कार्यवाही का परीक्षण नहीं कर सकते, लेकिन हल्ले गुल्ले के कारण प्रश्नकाल टलता है, शालीन सदस्यों के संविधान प्रदत्त अधिकार बाधित होते हैं। संविधान प्रदत्त अधिकारों का अपहरण होता है। सरकार फायदे में रहती है। वह जवाबदेही से बचती है। बाकी सदस्यों के अधिकार छिन जाते हैं। सदन की कार्यवाही का अबाध संचालन जरूरी है।
हृदयनारायण दीक्षित ने सदन में उप्र में गाय और गोवंश की तस्करी का मामला उठाया और कहा कि समूचे राज्य में गाय और गोवंश की तस्करी बढ़ी है। गोंडा, बहराइच सहित नेपाल देश की सीमा से जुड़े जिलों का गोवंश बचाना नागरिकों के लिए दुष्कर हो रहा है। राज्य सरकार गो हत्या और गो तस्करी रोकने वाले संवेदनशील अधिकारियों के प्रति संवेदनशील है। उन्नाव जिले के थाना मौरावां, पुरवा, बिहार, असोहा और बांगरमऊ क्षेत्रों से गोवंश तस्करी की घटनाएं लगातार हो रही हैं। रायबरेली से उन्नाव की ओर ट्रक से गो वंश लाने वाले या ले जाने वाले तस्कर प्रायः मौरावां व बिहार थाने क्षेत्रों से प्रवेश करते हैं। पुलिस की मिलीभगत के बिना ऐसा कार्य नहीं हो सकता। यही स्थिति उन्नाव की पश्चिमी सीमा की भी है, लेकिन आश्चर्य है कि राजधानी लखनऊ की सीमा से जुड़े उन्नाव जिले के सीमावर्ती थाने सोहरामऊ को भी गो तस्कर सुविधाजनक पा रहे हैं। गोवंश तस्करी से पशुधन नष्ट हो रहा है। उन्होंने कहा कि गोवंश तस्करी का यह मामला अविलंबनीय लोकमहत्व का है। सरकार को इस पर फौरन आवश्यक कार्रवाई करनी चाहिए।