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Sunday 13 August 2017 03:16:08 AM
नई दिल्ली। केंद्रीय वन एवं पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने हाथियों के संरक्षण के लिए राष्ट्रव्यापी अभियान ‘गज यात्रा’ का उद्घाटन किया, जिसके तहत ‘गज यात्रा’ अभियान हाथियों की बहुलता वाले 12 राज्यों में चलाया जाएगा। डॉ हर्षवर्धन ने इस अवसर पर अनुरोध किया कि देश के सभी राज्य हाथियों की संख्या के लिए रणनीति तैयार करें और इस तरह के प्रयास भी किए जाने चाहिएं, जिनसे मनुष्य और जानवर के बीच द्वंद समाप्त हो जाए। उन्होंने कहा कि हाथियों और जंगली जानवरों को नुकसान पहुंचाने और उनका शिकार करने वाले लोगों के खिलाफ भी अभियान चलाया जाना चाहिए। गौरतलब है कि कल दुनियाभर में विश्व हाथी दिवस मनाया गया, जिसमें हाथियों को कंदमूल फल और विभिन्न प्रकार के फल परोसे गए और उन्होंने बड़े चाव से उन्हें ग्रहण किया।
पर्यावरण मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने लोगों का आह्वान किया कि वे वन्य जानवरों के संरक्षण के प्रति रक्षात्मक, अभिनव और नए विचार सुझाए। डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि हाथियों के संरक्षण के लिए प्रयासों का असर अगले विश्व हाथी दिवस पर जनगणना में उनकी संख्या की बढ़ोतरी के रूपमें दिखाई देना चाहिए। उन्होंने कहा कि हाथियों के संरक्षण के लिए आंदोलन चलाए जाने की आवश्यकता है, इसमें सभी का सहयोग चाहिए, ताकि हाथियों और अन्य वन्य जानवरों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। उन्होंने कहा कि ऐसे अभियान के लिए बच्चों की ऊर्जा का भरपूर्ण उपयोग किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि प्रमुख सार्वजनिक स्थलों संसद, राष्ट्रपति भवन, मंत्रालय के परिसर इंदिरा पर्यावरण भवन में बेकार वस्तुओं से हाथियों की प्रतिकृति लगाई जाने का प्रयास किया जा रहा है।
पर्यावरण मंत्री ने हाथियों पर अखिल भारतीय जन-गणना 2017, और राइट ऑफ पेसेज दस्तावेज जारी किया। यह दस्तावेज भारत में हाथियों के कोरिडोर के बारे में जानकारी मुहैया करता है। वर्ष 2012 से 2017 के बीच उठाए गए संसदीय प्रश्नोत्तर पर आधारित एक संकलन एनविस सेंटर, डब्ल्यूडब्ल्यूएफ-इंडिया प्रोजेक्ट एलिफेंट डिविजन एवं मंत्रालय ने जारी किया है। इसका शीर्षक ‘ग्लिम्पसिस ऑफ इनीशिएटिव टेकन फोर एलिफेंट कंज़र्वेशन इन इंडिया’ यानी भारत में गज संरक्षण के प्रयासों की झलक है। संकलन में पर्यावरण के विभिन्न मुद्दों को उठाया गया है यह कॉम्पेक्ट डिस्क के रूपमें उपलब्ध कराई गई है। वैज्ञानिकों, नीति निर्धारकों, तकनीकी विशेषज्ञों और अन्य व्यक्तियों को इस डिस्क के जरिए पर्याप्त जानकारी प्राप्त हो सकेगी। डॉ हर्षवर्धन ने बच्चों को हाथियों के संरक्षण की शपथ भी दिलाई।
वन महानिदेशक और मंत्रालय में विशेष सचिव सिद्धांता दास, प्रोजेक्ट एलिफेंट के निदेशक आरके श्रीवास्तव, वाइल्ड लाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया के निदेशक विवेक मेनन और प्रोफेसर आर सुकुमार ने भी हाथी दिवस कार्यक्रम को संबोधित किया। गज अभियान के दौरान कलाकार और दस्तकार हाथियों की विषय वस्तु पर रोड शो करेंगे। हाथियों की बहुलता वाले 12 राज्यों में वहां की स्थानीय कला और दस्तकारी में हाथी और अन्य वन्य जानवरों के प्रसंग को शामिल किया जाएगा। मंत्रालय के 2012 में जारी ‘गजु’ शुभंकर हाथी को इस अभियान में प्रमुखता से शामिल किया जाएगा, यह अभियान वाइल्ड लाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया चलाएगा। कलाकार और वन्यजीव प्रेमी फिल्म अभिनेत्री दीया मिर्जा ने भी बच्चों के साथ इस हाथी यात्रा में हिस्सा लिया।
विश्व हाथी दिवस 12 अगस्त को पूरे विश्व में मनाया जाता है, इसका प्रमुख उद्देश्य हाथियों का संरक्षण है। विश्व हाथी दिवस जंगली हाथियों की संख्या, उनकी बेहतरी और प्रबंधन के बारे में जागरुकता पैदा करता है। आईयूसीएन की रेड लिस्ट में अफ्रीकन हाथी, ‘कमजोर हाथी’ एवं एशियन हाथी ‘लुप्त प्राय’ श्रेणी में दिखाए गए हैं। हाथियों की जनसंख्या के बारे में प्राप्त आकलन के अनुसार दुनियाभर में 400,000 अफ्रीकन हाथी और 40,000 एशियन हाथी हैं। विश्व हाथी दिवस हाथियों के संरक्षण, गैर-कानूनी शिकार और तस्करी को रोकने, हाथियों के बेहतर इलाज और पकड़े गए हाथियों को अभ्यारण्यों में भेजे जाने के लिए जागरूकता प्रदान करने की दिशा में कार्य के लिए प्रेरित करता है।
हाथी सुभ्रता भारत के जनसमुदाय कला संस्कृति और राजशाही विरासत का प्रमुख हिस्सा हैं, भारत सरकार भी हाथियों के प्रति जागरूकता और इनके संरक्षण के प्रयासों को बढ़ाने के लिए विश्व हाथी दिवस मनाती है। यद्यपि हाथियों की राष्ट्रव्यापी जनगणना हर पांच वर्ष में की जाती है, लेकिन इस वर्ष यह जनगणना एक वर्ष पूर्व ही की गई है। विश्व हाथी दिवस की शुरूआत कनाडा की फिल्म निर्माता पेक्ट्रीका सिम्स और केनाजवेस्ट पिक्चर्स के माइकल क्लार्क, थाइलैंड के एलिफेंट री इंट्रोडक्शन फॉउंडेशन के महासचिव सिवापॉर्न दरदारेंडा ने 2011 में की थी। आधिकारिक रूपसे इसका शुभारम्भ 12 अगस्त 2012 को सिम्स और एलिफेंट री इंट्रोडक्शन फॉउंडेशन ने किया था। दुनिया के 65 से भी अधिक वन्यजीव संगठन, व्यक्ति और बहुत से देश इस अभियान का समर्थन कर रहे हैं।