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ममता गोरखा नेताओं से वार्ता करें-गृहमंत्री

गोरखा नेताओं ने गृहमंत्री को मांगों का ज्ञापन सौंपा

गृहमंत्री ने की हड़ताल वापस लेने की अपील

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Monday 14 August 2017 02:46:21 AM

a delegation of gorkhaland movement leaders calling on the home minister rajnath singh

नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल में गोरखालैंड आंदोलन के नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात कर उनको अपनी मांगों का एक ज्ञापन सौंपा। गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने क्षेत्र में सामान्‍य स्थिति बहाल करने के लिए गोरखा जनमुक्ति मोर्चा और अन्‍य हितधारकों से भूख हड़ताल समाप्‍त करने और बंद का आह्वान वापस लेने की अपील की। उन्‍होंने पश्चिम बंगाल की मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी से भी 60 दिन से हड़ताल कर रहे जीजेएम और दार्जिलिंग के हितधारकों के साथ बातचीत शुरू करने का आग्रह किया। गोरखा जनमुक्ति मोर्चा ने अलग गोरखालैंड राज्‍य की मांग करते हुए 12 जून 2017 से दार्जिलिंग के पहाड़ी इलाके में अनिश्चितकालीन हड़ताल का आह्वान किया हुआ है।
राजनाथ सिंह ने कहा कि राष्‍ट्रहित के साथ ही बहादुर और बड़े दिल वाले तथा राष्‍ट्र निर्माण में अत्‍याधिक योगदान देने वाले गोरखा भाइयों और बहनों के हित को ध्यान में रखते हुए क्षेत्र में सामान्‍य स्थिति बहाल करने के लिए मैं जीजेएम और अन्‍य सभी हितधारकों से भूख हड़ताल समाप्‍त करने तथा बंद वापस लेने का आग्रह करता हूं। राजनाथ सिंह ने कहा कि भूख हड़ताल समाप्‍त करने तथा बंद वापस लेने के कदम से समस्‍या का समाधान खोजने के लिए वातावरण तैयार करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल की मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी हड़ताली जीजेएम और दार्जिलिंग के हितधारकों के साथ बातचीत शुरू करें और राज्‍य सरकार को सभी नागरिक आपूर्ति, इंटरनेट सेवाएं, केबल टीवी और लोकल चैनलों का प्रसारण भी शुरू करना चाहिए।
केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि मैं दार्जिलिंग के विकास और अमूल्‍यजीवन की क्षति को लेकर चिंतित हूं और पिछले 60 दिन से लोगों को हो रही परेशानियों से अत्‍यंत दु:खी हूं। उन्होंने कहा कि हिंसा से कभी भी किसी समस्‍या का समाधान नहीं हो सकता है, लोकतंत्र में संयम और कानूनी दायरे के भीतर आपसी बातचीत के जरिए ही समस्‍या का समाधान निकाला जाता है। उन्होंने कहा कि हम सभी इस इलाके के रणनीतिक महत्‍व और क्षेत्र की चुनौतियों को जानते हैं और दार्जिलिंग के सांसद एसएस अहलूवालिया नियमित रूपसे इसके विकास के लिए मुझे जानकारी देते रहते हैं।

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