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Tuesday 22 August 2017 02:18:17 AM
हैदराबाद। उपराष्ट्रपति मुप्पवरपु वैंकेया नायडू ने संसद और राज्य विधानसभाओं में नियमित अवरोध पर चिंता जताते हुए सांसदों और विधायकों को सदन की कार्यवाही ठप करने की बजाय विषय पर चर्चा करने और उसके बाद फैसला करने का सुझाव दिया। उपराष्ट्रपति हैदराबाद में तेलंगाना सरकार की ओर से अपने सम्मान में आयोजित एक समारोह को संबोधित कर रहे थे। उपराष्ट्रपति ने भारत के राष्ट्रपति रहे प्रणब मुखर्जी के डिस्कस, डिबेट और डिसाइड के सुझाव को याद किया। उन्होंने कहा कि चौथे डी यानि डिसरप्ट के लिए कहीं कोई गुंजाइश नहीं होनी चाहिए। उन्होंने विधायकों से लोगों से लगातार मिलते रहने और देश के विकास को तेज करने के लिए प्रभावी कानून लाने का आह्वान किया।
वैंकेया नायडू ने दो तेलुगु भाषी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को सलाह दी कि वे आपस में मिलकर अपनी समस्याएं निपटाएं और तेलुगु भाषा के संवर्द्धन के लिए काम करें। उन्होंने दोनों मुख्यमंत्रियों से तेलुगु राज्यों के पुराने वैभव को फिरसे हासिल करने का आग्रह किया। हैदराबाद से अपने जुड़ाव को याद करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि वे पिछले 40 वर्ष इस ऐतिहासिक शहर में रहे हैं और यहीं उनका राजनीतिक जीवन फला-फूला है। तेलंगाना की समृद्ध संस्कृति और इतिहास को याद करते हुए उन्होंने कहा कि यह भूमि संघर्षों और आंदोलनों के लिए जानी जाती है। उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान तेलंगाना के लोगों के योगदान की प्रशंसा की एवं निजाम और रजाकरों से किए गए संघर्ष को याद किया।
तेलंगाना के व्यंजनों पर वैंकेया नायडू ने कहा कि हैदराबाद बिरयानी और हलीम पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। उन्होंने कहा कि सभी लोगों को महात्मा गांधी के रामराज्य की स्थापना के सपने को पूरा करने की दिशा में काम करना चाहिए। उन्होंने स्वराज को सुराज में बदलने पर जोर दिया। कार्यक्रम में तेलंगाना के राज्यपाल ईएसएल नरसिम्हन, मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव, केंद्रीय श्रम एवं रोज़गार राज्यमंत्री बंडारू दत्तात्रेय, उपमुख्यमंत्री एमडी मोहम्मद अली, उपमुख्यमंत्री कादियाम श्रीहरि सहित कई बड़ी हस्तियां मौजूद थीं।