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Tuesday 22 August 2017 06:40:16 AM
नई दिल्ली। केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में आज यहां वित्तीय स्थिरता और विकास परिषद की 17वीं बैठक हुई, जिसमें भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर डॉ उर्जित आर पटेल, वित्त सचिव अशोक लवासा, आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग, वित्तीय सेवा विभाग की सचिव अंजुली चिब दुग्गल, कॉर्पोरेट कार्य मंत्रालय में सचिव तपन राय, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय में सचिव अजय प्रकाश साहनी, मुख्य आर्थिक सलाहकार डॉ अरविंद सुब्रमण्यम, सेबी के अध्यक्ष अजय त्यागी, आईआरडीएआई के अध्यक्ष टीएस विजयन, पीएफआरडीए के अध्यक्ष हेमंत जी कांट्रेक्टर, भारत सरकार और वित्तीय क्षेत्र नियामकों के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।
वित्त मंत्रालय के मुख्य आर्थिक सलाहकार डॉ अरविंद सुब्रमण्यम ने अर्थव्यवस्था की स्थिति के बारे में एक प्रेजेंटेशन दिया। उन्होंने कहा कि आज भारत में वृहद आर्थिक स्थिरता मौलिकताओं की पृष्ठभूमि में सुधारों, वस्तु और सेवाकर यानी जीएसटी की शुरुआत से संरचनात्मक सुधारों, दोहरे तुलन-पत्र की चुनौतियों के समाधान के लिए की गई कार्रवाई, उच्च और बढ़ते बांड और विशेष रूपसे स्टॉक मूल्यांकन में परिलक्षित विशिष्ट वित्तीय बाज़ार विश्वास तथा विमुद्रीकरण के दीर्घकालीन सकारात्मक प्रभाव के कारण आर्थिक स्थिरता आई है। परिषद ने भारतीय अर्थव्यवस्था के सामने आ रही चुनौतियों के मुद्दों के बारे में भी विचार-विमर्श किया और सदस्यों ने निगरानी रखने तथा बाह्य और आंतरिक कमियों से निपटने के लिए तैयार रहने की स्थिति के बारे में सहमति व्यक्त की।
वित्तीय स्थिरता और विकास परिषद ने अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्वबैंक के संयुक्त रूपसे आयोजित भारत के लिए वित्तीय क्षेत्र आंकलन कार्यक्रम की प्रगति का भी जायजा लिया। परिषद ने निर्देश दिया कि आंकलन रिपोर्ट को इस कैलेंडर वर्ष के अंत तक अंतिम रूप दिया जाना चाहिए। एफएसडीसी ने वित्तीय क्षेत्र यानी सीईआरटी-फिन और वित्तीय डाटा प्रबंधन केंद्र में कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम की स्थापना करने में हुए विकास और प्रगति का जायजा लिया और संस्थान निर्माण पहल का समयबद्ध रूपसे कार्यांवयन करने के उपायों पर भी चर्चा की। एफडीएससी से पहले भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर की अध्यक्षता में एफडीएससी उप समिति द्वारा की गई गतिविधियों के बारे में एक संक्षिप्त रिपोर्ट तैयार की गई।
वित्तीय स्थिरता और विकास परिषद की पिछली बैठकों में सदस्यों ने लिए गए निर्णयों के बारे में की गई कार्रवाई की भी व्यापक समीक्षा की। परिषद में केंद्रीय केवाईसी रजिस्ट्ररी (सीकेवाईसीआर) प्रणाली के बारे में विचार-विमर्श किया गया और इस बारे में सदस्यों की पहल का जायजा लिया गया। सीकेवाईसीआर के परिचालन के संबंध में मुद्दों और सुझावों के बारे में चर्चा की गई। परिषद ने क्रेडिट रेटिंग एजेंसीज (सीआरए) के विनियमन को मजूबत बनाने के बारे में भी विचार विमर्श किया।