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Thursday 21 February 2013 09:38:57 AM
नई दिल्ली। भारत के उच्चतम न्यायालय ने 2010 की रिट याचिका (दीवानी) संख्या 423 के संदर्भ में 2 फरवरी 2012 के अपने आदेश में 10 जनवरी 2008 को जारी दो प्रेस विज्ञप्तियों के आधार पर 10 जनवरी 2008 को अथवा इसके बाद दिए गए लाइसेंस और स्पेक्ट्रमों के आवंटन को रद्द कर दिया था। इसके साथ ही नीलामी प्रक्रिया से 22 सेवा क्षेत्रों में 2-जी बैंड में स्पेक्ट्रम के लाइसेंस और आवंटन का भी आदेश दिया गया।
इसके पश्चात 15 फरवरी 2013 के अपने आदेश में उच्चतम न्यायालय ने कहा कि 2 फरवरी, 2012 को लाइसेंस को रद्द किए जाने के परिणामस्वरुप जारी हुए संपूर्ण स्पेक्ट्रम की बिना अधिक देरी किए नीलामी की जानी चाहिए। इसके मुताबिक दूरसंचार विभाग ने यह निर्णय किया है कि 15 फरवरी 2013 के उच्चतम न्यायालय के आदेश का अनुपालन करते हुए 1800 मेगाहर्ट्ज बैंड में बकाया स्पेक्ट्रमों के लिए अलग से नीलामी की जाएगी। इस पर काम चल रहा है और इस संदर्भ में एक अलग एनआईए जल्द ही जारी किया जाएगा।