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भारत-बांग्लादेश में बढ़ेगा नौसैनिक सहयोग

बांग्लादेश के नौसैनिक प्रमुख की तीनदिनी भारत यात्रा

रक्षामंत्री अरुण जेटली से मिले नौसैनिक प्रमुख

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Monday 28 August 2017 06:22:10 AM

navy chief meets defense minister arun jaitley

नई दिल्ली। भारत और बांग्लादेश में नौसैनिक सहयोग का विस्तार होने की संभावना है। बांग्‍लादेश नौसेना के प्रमुख एडमिरल निजामुद्दीन अहमद इस हेतु आज से 30 अगस्‍त तक भारत की आधिकारिक यात्रा पर हैं, उन्होंने भारत पहुंचते ही आज नई दिल्ली में केंद्रीय रक्षामंत्री अरुण जेटली से गर्मजोशी से मुलाकात की। एडमिरल निजामुद्दीन अहमद की इस यात्रा का उद्देश्‍य भारत और बांग्लादेश के बीच द्विपक्षीय नौसैनिक संबंधों को मजबूत बनाना और नौसैनिक सहयोग के लिए नए अवसरों का पता लगाना है। वे चेयरमैन चीफ ऑफ स्‍टाफ कमेटी और नौसेना प्रमुख एडमिरल सुनील लांबा और भारतीय नौसेना के वरिष्‍ठ अधिकारियों के साथ भी द्विपक्षीय चर्चा करेंगे।
एडमिरल निजामुद्दीन अहमद का वायुसेना प्रमुख से मिलने का भी कार्यक्रम है तथा वे नई दिल्‍ली में आधिकारिक बैठकों के एक हिस्‍से के रूपमें राष्‍ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और रक्षा सचिव से भी मुलाकात करेंगे। एडमिरल निजामुद्दीन अहमद का विशाखापत्तनम जाने का कार्यक्रम है, जहां वे आईएनएस कलिंग, आईएनएस कर्ण और आईएनएस साहवाहन सहित विभिन्‍न नौसैनिक प्रतिष्‍ठानों का भ्रमण करेंगे। भारत और बांग्‍लादेश के बीच नौसैनिक सहयोग परंपरागत रूप से बहुत मजबूत रहा है, जिसमें प्रशिक्षण के माध्‍यम से परिचालन बातचीत, पोर्ट कॉल, क्षमता निर्माण के साथ-साथ पैसेज अभ्‍यास और क्षमता वृद्धि पहल सहित व्‍यापक क्षेत्र शामिल हैं। बांग्‍लादेश की नौसेना हिंद महासागर संगोष्‍ठी यानी आईओएनएस की अध्‍यक्ष भी है, जो भारतीय नौसेना द्वारा शुरू किया गया बहुपक्षीय समुद्रीय सहयोग मंच है। बांग्‍लादेश की नौसेना का नवंबर 2017 में आईएमएमएसएआरईएक्स नामक अंतर्राष्‍ट्रीय बहुपक्षीय समुद्रीय खोज और बचाव अ‍भ्‍यास आयोजित करने का भी कार्यक्रम है,जिसका आईओएनएस के तहत आयोजन किया जा रहा है।
गौरतलब है कि भारत और बांग्लादेश के बीच अच्छे दोस्ताना संबंध हैं, तथापि बांग्लादेश की आंतरिक स्थिति में भारत के लिए कमोबेश पाकिस्तान जैसे ही हालात हैं। वहां पाकिस्तानी एवं बांग्लादेशी मुस्लिम कट्टरपंथियों पर सरकार की कोई खास लगाम दिखाई नहीं देती है। भारत ने बांग्लादेश को हर प्रकार की सहायता दी हुई है और भारत-बांग्लादेश के सांस्कृतिक रिश्तों में भी कोई कमी नहीं है, मगर यह सहयोग केवल सरकारी स्तर पर है। जहां तक बांग्लादेश की मुस्लिम जनता का सवाल है तो कुछ अपवादों को छोड़कर वह इस्लामिक ज़ेहाद पर ही चल रही है, वहां भी आएदिन हिंदुओं पर बर्बर अत्याचार सुनने को और देखने को मिलते हैं। बंगाल और आसाम की हिंसक घटनाओं में उनकी घुसपैठ और इस्लामीकरण की गतिविधियां आमबात हैं। बहरहाल भारत सरकार इस बात की काफी कोशिश कर रही है कि भारत और बांग्लादेश के आंतरिक रिश्तों में भी सौहार्द और सहयोग को जनता ‌की ओर से प्रोत्साहन मिले।

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