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Wednesday 30 August 2017 03:35:39 AM
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि राज्य सरकार कौशल विकास के जरिए स्वरोज़गार के अवसर उपलब्ध करा रही है, इसलिए युवा रोज़गार ही नहीं स्वरोज़गार भी करें। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार के इस दिशा में उठाए गए कदम एवं निवेश फ्रेंडली नीतियों के परिणाम अब दिखाई पड़ने लगे हैं, सरकार के प्रयासों के फलस्वरूप उत्तर प्रदेश में निवेश के प्रति रूझान बढ़ा है। उन्होंने 10 नौजवानों को सेवायोजन का प्रमाण पत्र वितरित करने के साथ ही सेवायोजन विभाग की मार्गदर्शिका ‘कैरियर पथ प्रदर्शक’ पत्रिका का विमोचन तथा सेवायोजन मोबाइल एप का लोकार्पण भी किया। उन्होंने कहा कि कौशल विकास को बढ़ावा देकर आगामी पांच वर्ष में करीब 70 लाख नौजवानों को रोज़गार उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में श्रम कानूनों का सरलीकरण एवं निवेशकों की सुरक्षा की गारंटी देकर निवेश का वातावरण सृजित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री साइंटिफिक कंवेंशन सेंटर में श्रम एवं सेवायोजन विभाग की प्रथम रोज़गार समिट को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कोई भी व्यक्ति अयोग्य नहीं होता, केवल उसे योग्य योजक की जरूरत होती है और उत्तर प्रदेश सरकार इसी भूमिका को निभाते हुए नौजवानों को रोज़गार उपलब्ध कराने के लिए काम कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने नेशनल ह्यूमन रिसोर्स डेवलपमेंट नेटवर्क यानी एनएचआरडीएन के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर कर राज्य के नौजवानों की देश के प्रतिष्ठित उद्यमियों तक पहुंच बनाने के लिए अवसर उपलब्ध कराने का काम किया है। उन्होंने कहा कि राज्य के हर नागरिक को सुरक्षा प्रदान करना प्रदेश सरकार की जिम्मेदारी है, चाहे वो व्यावसायी हो या आम नागरिक और राज्य सरकार इसे पूरी तत्परता से निभाने के लिए कटिबद्ध है। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रारंभ में कई व्यापारिक गतिविधियों में कोई विशेष संभावना नज़र नहीं आतीं, लेकिन बाद में वही बहुत बड़े पैमाने पर बाज़ार का हिस्सा हो जाती हैं। चाय एवं मोबाइल फोन का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि शुरुआत में चाय की आदत डालने के लिए कंपनियां शिविर लगाती थीं, इसी प्रकार प्रारम्भ में मोबाइल फोन भी भी शिविर लगाकर ब्रांडिंग होती थी, क्योंकि बहुत कम लोग इनका प्रयोग करते थे, लेकिन आज यह दोनों वस्तुएं बाज़ार में किस प्रकार से स्थापित हो चुकी हैं, यह किसी से छिपा नहीं है, आज इनसे लाखों लोगों को रोज़गार भी मिले हैं।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि एनएचआरडीएन के साथ लगभग 12 हजार 500 से अधिक सदस्य जुड़े हुए हैं, जिसका फायदा प्रदेश के नौजवानों को निश्चित रूपसे मिलेगा। उन्होंने कहा कि इस पोर्टल पर अबतक प्रदेश के 6 लाख नौजवानों ने अपना पंजीयन कराया है। रोज़गार मेलों के माध्यम से नौजवानों को रोज़गार उपलब्ध कराने की बात को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि अभी हाल ही में लखनऊ में तीन दिवसीय वृहद रोज़गार मेले का आयोजन किया गया, जिसमें 36 कंपनियों ने करीब 1800 से अधिक अभ्यर्थियों का चयन किया। उन्होंने कहा कि किसी भी समाज के लिए अपने नौजवानों को स्वावलंबी बनाना सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए, जिससे यह नौजवान अपने परिवार की देखभाल स्वतः कर सकें और प्रदेश सरकार इसी दिशा में काम कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कौशल विकास को प्राथमिकता देते हुए अलग से मंत्रालय बनाने का काम किया है और प्रदेश सरकार, केंद्र सरकार की इस योजना का लाभ उठाने के लिए हर सम्भव प्रयास करेगी।
मुख्यमंत्री ने उत्तर प्रदेश के इंजीनियरिंग, पॉलीटेक्निक तथा आईटीआई संस्थानों की गुणवत्ता पर संदेह व्यक्त करते हुए कहा है कि यहां से नौजवानों को डिग्रियां या डिप्लोमा तो मिल जाते हैं, लेकिन इनको रोज़गार के अवसर नहीं मिल पाते हैं, इनकी विश्वसनीयता समाप्त होने के कारण उत्तर प्रदेश के अधिकांश निजी इंजीनियरिंग कॉलेज बंद होने लगे हैं, वर्तमान शिक्षा सत्र में कई इंजीनियरिंग कॉलेजों ने पठन-पाठन का कार्य बंद करने की अनुमति मांगी थी, जिसे राज्य सरकार ने देने से इंकार कर दिया है और ऐसे इंजीनियरिंग कॉलेजों को सुझाव दिया गया है कि वे अपने यहां कौशल विकास का कार्यक्रम संचालित करें। योगी आदित्यनाथ ने इस बात पर खुशी जाहिर की कि राज्य सरकार की इच्छा के अनुरूप इन इंजीनियरिंग कॉलेजों एवं व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रतिष्ठानों के माध्यम से इस वर्ष करीब 10 लाख नौजवानों को प्रशिक्षित करने में मदद मिलेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में स्थापित आईटीआई एवं पॉलीटेक्निक संस्थानों को संचालित करने के इच्छुक उद्योग समूहों को राज्य सरकार हर संभव मदद प्रदान करेगी, जिससे प्रदेश में बेहतर और उद्योगों की जरूरत के अनुरूप पठन-पाठन का कार्य सम्पादित हो सके।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नई औद्योगिक निवेश एवं रोज़गार प्रोत्साहन नीति का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार ने श्रम कानून को सरल एवं व्यावहारिक बनाते हुए केंद्र सरकार के पास स्वीकृति हेतु भेजा है, इन सुधारों में उद्यमियों एवं श्रमिकों, दोनों का लाभ निहित है, क्योंकि उद्योग चलेगा तभी रोज़गार के अवसर भी मिलेंगे। उन्होंने कानपुर एवं बंगाल का उदाहरण देते हुए कहा कि यहां के उद्योग धंधे अनावश्यक यूनियनबाजी के कारण समाप्त हो गए, जिसका खामियाजा बेरोज़गारों और तकनीकी प्रशिक्षण प्राप्त युवाओं एवं जनता को उठाना पड़ा है। उन्होंने कहा कि अप्रत्यक्ष रोज़गार की अनदेखी नहीं की जा सकती और उद्योग और श्रमिक का हित आपस में जुड़ा है। योगी आदित्यनाथ ने कृषि को रोज़गार का सबसे बड़ा साधन बताते हुए कहा कि इस क्षेत्र की काफी उपेक्षा की गई है, यहां तक कि केंद्र सरकार के घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य भी प्रदेश के किसानों को नहीं मिल पा रहा था, लेकिन वर्तमान राज्य सरकार ने तकनीक का प्रयोग करते हुए इस वर्ष भारी मात्रा में गेहूं की खरीदारी की और तकनीक का प्रयोग करते हुए किसानों की धनराशि सीधे उनके बैंक खाते में भेजने का काम किया गया। उन्होंने कहा कि अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने किसानों को सुविधा प्रदान करने में घोर लापरवाही बरती है, जिसे राज्य सरकार कतई बर्दाश्त नहीं करेगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वर्ष 2014 में किसानों को दी जाने वाली राहत राशि वर्ष 2017 में वितरित की गई है, हाल ही में बाढ़ से प्रभावित विभिन्न क्षेत्रों में वितरित किए जा रहे मुआवजे का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार के सख्त रुख के कारण 24 घंटे के भीतर राहत का वितरण किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने किसानों के फसली ऋण मोचन योजना की चर्चा करते हुए कहा कि विभिन्न संस्थाओं द्वारा राज्य सरकार को इस दिशा में कदम न बढ़ाने का सुझाव दिया गया था, लेकिन प्रदेश सरकार ने किसानों के सतत विकास को प्राथमिकता देते हुए करीब 86 लाख लघु और सीमांत किसानों को राहत पहुंचाने का काम किया। राज्य सरकार ने विभिन्न योजनाओं में लीकेज को रोककर एवं फिजूलखर्ची तथा अनुपयोगी योजनाओं को समाप्त कर इसके लिए आवश्यक 36 हजार करोड़ रुपए का प्रबंध किया। मुख्यमंत्री ने उत्तर प्रदेश के परंपरागत उद्योग-धंधों की चर्चा करते हुए कहा कि राज्य सरकार वन डिस्ट्रिक्ट-वन प्रोडक्ट की नीति का पालन करते हुए जनपदों को पहचान दिलाने का काम करेगी। उन्होंने लखनऊ के अवध शिल्प ग्राम को प्रदेश का इनोवेशन सेंटर बनाने का आश्वासन देते हुए कहा कि इस अवस्थापना सुविधा को बिना सम्यक विचार-विमर्श के बनाया गया, इसीलिए विभागीय अधिकारियों के समक्ष इसके उपयोग की कोई रचनात्मक योजना नहीं है, लेकिन सरकार ऐसी सभी अवस्थापना सुविधाओं के बेहतर उपयोग के लिए कटिबद्ध है।
उप मुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा ने कहा कि देश की राजनीति की दिशा एवं दशा तय करने में उत्तर प्रदेश की महत्वपूर्ण भूमिका है और प्रदेश के चतुर्दिक विकास के लिए वर्तमान राज्य सरकार काम कर रही है। उन्होंने कहा कि बेरोज़गारों को रोज़गार, भ्रष्टाचार की समाप्ति एवं विकास योजनाओं को तेजी से आगे बढ़ाकर प्रत्येक नागरिक को अच्छी सुविधा उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कौशल विश्वविद्यालय की स्थापना एवं प्रत्येक विश्वविद्यालय में कैम्पस प्लेसमेंट सेल की स्थापना का काम आगे बढ़ाया गया है। श्रम एवं सेवायोजन मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि बेहतर कानून-व्यवस्था एवं समाज के सभी वर्गों की भलाई के लिए किए जा रहे प्रयासों के फलस्वरूप उत्तर प्रदेश अब उद्यमियों के लिए सबसे सुरक्षित गंतव्य बन चुका है। इस अवसर पर श्रम एवं सेवायोजन राज्यमंत्री मनोहर लाल मन्नू कोरी, अपर मुख्य सचिव श्रम एवं सेवायोजन राजेंद्र कुमार तिवारी, एनएचआरडीएन के महानिदेशक धनंजय सिंह, पद्मश्री डॉ प्रीतम सिंह, मारुति सुजुकी के चीफ मेंटर एसवाई सिद्दीकी एवं निदेशक सेवायोजन राजेंद्र प्रसाद ने भी अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में उद्यमी, नवयुवक, छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।