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Thursday 7 September 2017 02:20:58 AM
लखनऊ। इंडियन पुलिस फाउंडेशन यूपी चैप्टर के तत्वावधान में यूपी 100 के प्रज्ञा सभागार में सुरक्षित डिजाइन विषय पर एक सेमिनार हुआ, जिसका शुभारंभ उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक सुलखान सिंह ने किया। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूपमें इंडियाना विश्वविद्यालय यूएसए के डॉ अरविंद वर्मा, एकेटीयू लखनऊ से वंदना सहगल, आईपीएफ के अध्यक्ष एन रामचंद्रन, आईआईटी लखनऊ के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर एनबी सिंह और अन्य विशेषज्ञ अतिथियों ने भवन निर्माण की नवीनतम पद्धतियों पर विस्तृत चर्चा की। उनका कहना था कि भवन निर्माण के न्यूनतम व्यय पर सुरक्षा के ऐसे प्रावधान किए जाने चाहिएं, जिनमें गृहस्वामी की सुरक्षा प्राथमिकता पर हो।
डॉ अरविंद वर्मा ने कहा कि भवन निर्माण के समय इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि प्रवेश से आने एवं जाने वाले व्यक्ति पर भवन के भीतर से नज़र रखी जा सके तथा घर में सीढ़ियों एवं लाबी के पास किसी भी बाहरी व्यक्ति की आसानी से पहुंच न हो सके। उन्होंने कहा कि विदेशों में कोई भी दुर्घटना होने पर शैक्षणिक संस्थान शोधकर समस्या का हल निकालते हैं। पुलिस महानिदेशक सुलखान सिंह ने कहा कि इस विषय पर शोध संस्थानों में रिसर्च की जाएगी और इस विषय पर पुलिस, बिल्डर्स एवं संस्थानों में सामंजस्य स्थापितकर सुरक्षा मानको के अनुरूप निर्माण कराने का कार्य किया जाएगा। एन रामचंद्रन ने आपराधिक घटनाओं के कारण जानने के लिए स्थानीय लोगों को शामिलकर घटना के मूल कारण जानने और उनके निदान हेतु उनकी सहभागिता सुनिश्चित किए जाने का सुझाव दिया।
वंदना सहगल ने कहा कि शोध संस्थानों में इसपर शोध करने की आवश्यकता है कि बनने वाले नए भवनों में सुरक्षा के दृष्टिगत कहां-कहां और बेहतर बदलाव लाया जा सकता है, इसपर हमें अवश्य विचार करने चाहिए। उन्होंने कहा कि यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ़ अमेरिका में ऐसी पद्धतियों को पर्यावरण डिजाइन के माध्यम से अपराध की रोकथाम के नाम से जाना जाता है, जबकि यूके में इसे डिजाइन से सुरक्षित नाम दिया जाता है। सेमिनार का उद्देश्य ऐसी पद्धतियों को प्रदेश में भवन निर्मित करने हेतु शोध कार्यक्रमों को बढ़ावा देना रहा है, जिससे भवन निर्माण में संरचनात्मक बदलाव कर अपराध को रोका जा सके। सेमिनार में एडीजी कार्मिक आदित्य मिश्रा, एडीजी-पीसीए आरके विश्वकर्मा, आईजी-डीजीपी संजय सिंघल, एसपी सुरक्षा मोहित गुप्ता, यूपी के डीजीपी रहे आईसी द्विवेदी, श्रीराम अरुण एवं एसवीएम त्रिपाठी और संबंधित विभागों के अधिकारियों ने अपने-अपने अनुभवों को साझा करते हुए सेफ डिजाइन के संबंध में अपने विचार रखे। सेमिनार के संयोजक उत्तर प्रदेश एटीएस पुलिस महानिरीक्षक असीम अरुण ने धन्यवाद ज्ञापित किया।