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Friday 22 February 2013 07:40:17 AM
लखनऊ। विधान परिषद में सपा सरकार के मंत्रियों के आपसी झगड़े पर सदस्य विधान परिषद हृदयनारायण दीक्षित ने प्रक्रिया नियमावली के नियम 39क के अधीन औचित्य का प्रश्न उठाया और कहा कि संविधान के अनुक्रमांक 164 के अनुसार मंत्रिपरिषद की जिम्मेदारी सामूहिक है, लेकिन राज्य मंत्रिपरिषद में सामूहिकता का अभाव है, कृषि मंत्री व राज्य मंत्री के बीच झगड़ा सार्वजनिक है, खादी ग्रामोद्योग मंत्री व राज्य मंत्री का तनाव भी सर-ए-आम है, राज्य मंत्री ने पत्र भी लिखा है, नगर विकास मंत्री से भी कई मंत्रियों की नहीं बनती, मंत्रिपरिषद में कलह है, सामूहिकता के अभाव का असर इस आदरणीय सदन की कार्रवाई पर भी पड़ता है, मंत्रिगण नीतिगत उत्तर देते समय संकोच में होते हैं, आयुर्वेदिक शिक्षा का प्रचार-प्रसार और महत्व नीतिगत मामला था, लेकिन 20 फरवरी 2013 की कार्यसूची में एक प्रश्न के उत्तर में इसी नीति स्पष्टीकरण का अभाव देखा गया, नीतिगत प्रश्नों, कार्यस्थगनों आदि पर इसीलिए मंत्रियों के उत्तर संतोषजनक नहीं रहते।
हृदयनारायण दीक्षित ने कहा कि गत सत्र में नियम 115 के अंतर्गत 67 ध्यानाकर्षण सूचनाएं पेश की गई थीं। सभापति ने सभी सूचनाओं को सरकार को आवश्यक कार्रवाई के लिए प्रेषित किया था। उन्होंने कहा कि सरकार ने विधान परिषद की नियमावली का पालन नहीं किया है, नियमावली के अनुसार एक माह के भीतर सदस्य को कृत कार्रवाई का अंतरिम उत्तर और अगला सत्र शुरू होने के पहले ही पूर्ण उत्तर मिल जाना चाहिए, लेकिन आज जब इस नियम के अंतर्गत कृत कार्रवाई का विवरण सदन में रखा गया तो 67 सूचनाओं में से 61 सूचनाओं के उत्तर में प्रक्रियात्मक विलंब बताया गया है, यह सरकारी ढिलाई का प्रमाण है, मंत्रियों में सामूहिक जिम्मेदारी न होने का असर इस सूची में दिखाई पड़ता है। सभापति ने नेता सदन को नियमावली के इस नियम के अनुसार कार्रवाई के निर्देश दिए।