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Sunday 17 September 2017 03:19:41 AM
नई दिल्ली। भारत सरकार, उद्योगों और अन्य शेयरधारकों के सहयोग से देश में ओजोन डेपलेटिंग सब्सटांस यानी ओडीएस चरणबद्ध तरीके से लागू किया जा रहा है। केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि व्यक्तिगत जागरुकता और सामुहिक कार्य की शक्ति के बल पर इसे हासिल किया जा सकता है। उन्होंने इस प्रकार के अभियानों की सफलता सुनिश्चित करने में बच्चों की सहभागिता पर विशेष बल दिया। डॉ हर्षवर्धन मॉंट्रियल प्रोटोकॉल के 30वें और 23वें विश्व ओजोन दिवस पर ‘केयरिंग फॉर ऑल लाईफ अंडर द सन’ थीम पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि पर्यावरण मंत्रालय ने पेन इंडिया जागरुकता कार्यक्रम चलाया है, यह अभियान हमारी पीढ़ियों में जागरुकता का संचार करेगा और यह हमारे विस्तृत कार्यों में रहा है, जिसे पूरे देश में विभिन्न राज्यों के विद्यालयों और शैक्षणिक एवं अनुसंधान संस्थानों की सक्रिय साझेदारी से पूरा किया गया है, इस जागरुकता अभियान में 13 हजार से अधिक विद्यालयों के लगभग 28 लाख छात्रों की भागीदारी रही और यह देश के 16 राज्यों के 214 जिलों तक पहुंचा है। डॉ हर्षवर्धन ने मॉंट्रियल प्रोटोकॉल के लिए किगाली संशोधन के लिए भारत के मजबूत पक्ष को भी रखा।
डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि यह सर्वविधित है कि भारत ने मॉंट्रियल प्रोटोकॉल के लिए किगाली संशोधन को शामिल करने में निर्णायक भूमिका निभाई है। डॉ हर्षवर्धन ने प्रकाशन श्रृंखलाओं का विमोचन भी किया। इनमें न्यू टीआरएसी, एसी का पहला संस्करण है। रैफ्रिजिरेशन और एयर कंडीशनिंग क्षेत्र में सर्विस टेक्नीशियन से संबंधित न्यूज़लेटर इन दो प्रकाशनों का शुभारम्भ भारत के एचसीएफसी के प्रबंधन कार्यक्रम के लिए किया गया था। संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम इसकी सहयोग एजेंसी है एवं एनर्जी एफिशियंस सर्विसेस तथा टेरी राष्ट्रीय कार्यांवयन इसमें साझेदार है। इस अवसर पर मॉंट्रियल प्रोटोकॉल को लागू करने में भारत की उपलब्धियों के दो वीडियो भी लॉंच किए गए।