स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Friday 22 February 2013 09:23:56 AM
लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने कहा है कि अफजल गुरू जैसे दुर्दांत आतंकवादी को फांसी पर चढ़ाए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की प्रतिक्रिया किसी भी पाकिस्तानी से ज्यादा कठोर और राष्ट्रविरोधी थी। भारत सरकार अलगाववादी यासीन मलिक को पाकिस्तान जाने का वीजा देती है, यासीन मलिक पाकिस्तान में जाकर मुंबई धमाकों को अंजाम देने वाले दुर्दांत आतंकवादी हाफिज सईद के साथ बैठकर भारत के घावों पर नमक छिड़कता है। हाफिज का भूख हड़ताल पर बैठना तो समझ में आता है, लेकिन यासीन का हाफिज के साथ बराबर में बैठना कौन सा संदेश देता है?
डॉ बाजपेयी ने कहा कि भारत सरकार का इस बारे में मौन रहना सिद्ध करता है कि केंद्र में बैठी सरकार आतंकवादियों को प्रश्रय दे रही है। उन्होंने कहा इशरत जहां और उसके साथी गुजरात की राजधानी में एक खाली और सूनसान सड़क पर उस वक्त क्या कर रहे थे, जिस वक्त उन सबका एंकाउंटर हुआ था? इशरत जहां तथा उसके तीन साथी अहमद अली राणा, जावेद शेख तथा जीशान जौहर मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या के लिए सूनसान स्थान पर नक्शा तैयार कर रहे थे। ऐसी पुष्ट सूचना के बाद ही कार्रवाई की पुष्टि हुई।
डॉ बाजपेयी ने हैदराबाद की आतंकी घटना की निंदा की और मृतकों के प्रति शोक व्यक्त करते हुए कहा कि यह मुंबई की तर्ज़ पर एक सुनियोजित आतंकवादी हमला है। उन्होंने दोषियों की फौरन गिरफ्तारी व सख्त कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहा नरेंद्र मोदी के शासन काल में अब तक कोई दूसरी आतंकवादी घटना नहीं हुई, यह मोदी के कुशल प्रशासन का एक जीता जागता सबूत है। गुजरात की पुलिस और गुप्तचर संस्थाएं अन्य राज्यों के मुकाबले कहीं अधिक दूरदृष्टि और सख्त कार्रवाई करती हैं, देखते ही एक्शन लेती हैं, इशरत जहां के मामले में वैसा ही हुआ जो पुलिस चाहती थी।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि केंद्रीय गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने कहा है कि उन्होंने राज्य सरकार को ऐसी घटना की पूर्व सूचना दी थी, आश्चर्य है कि जब भी आतंकी हमला हुआ। इस घटना से साफ हो गया कि केंद्र सरकार केवल मौसम विभाग की तरह पूर्व सूचना देने का ही काम कर रही है। डॉ बाजपेयी ने प्रश्न उठाया कि केंद्र व राज्य की कांग्रेसी सरकारों ने इस मामले मे सर्तकता और सावधानी क्यों नही बरती? केंद्र एक बार फिर से आतंकवाद पर उचित व प्रभावी कार्रवाई न करने वाला सिद्ध हुआ है।