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Friday 22 September 2017 02:55:14 AM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि हमारा देश एक बहुरत्न वसुंधरा है, जहां कई लोगों ने अनेक क्षेत्रों में और अलग-अलग कालखंडों में महान योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि उनमें से कुछ अच्छी तरह प्रसिद्ध हैं और उनके बारे में मीडिया बात करती है, लेकिन कई ऐसे भी लोग हैं, जिनका देश और समाज में बहुमूल्य योगदान है, फिरभी वे व्यापक रूपसे अज्ञात हैं। प्रधानमंत्री ने यह बात नई दिल्ली में लक्ष्मणराव इनामदार की जन्मशताब्दी के अवसर पर आयोजित सहकार सम्मेलन में कही। प्रधानमंत्री ने कहा कि वकील साहब लक्ष्मणराव इनामदार ऐसे ही व्यक्तियों में से एक थे, जिनका सहकारी आंदोलन का पहला सिद्धांत ही सभी को एकजुट करना था, भले ही बाकी चीजें गुमनाम रहें। उन्होंने कहा कि लक्ष्मणराव इनामदार ने इस सिद्धांत को अपने जीवन में आत्मसात किया, उनका जीवन प्रेरणा स्रोत है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लक्ष्मणराव इनामदार के सहकारी आंदोलन को याद किया और कहा कि इसकी आज भारत में गांव-गांव में जरूरत है। नरेंद्र मोदी ने सम्मेलन में सहकारिता से जुड़े अनेक संस्मरणों और देश में सहकारिता आंदोलनों का जिक्र करते हुए 2022 तक किसानों की आय को दुगुना करने और ग्रामीण तथा शहरी क्षेत्रों में संतुलित विकास जैसे लक्ष्यों की चर्चा की। उन्होंने कहा कि सहकारी आंदोलन कई सामूहिक उद्देश्यों की प्राप्ति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। प्रधानमंत्री ने सहकारी आंदोलन में उत्साह बनाए रखने के महत्व पर बल दिया और कहा कि अभी भी ग्रामीण इलाकों में यह काफी हद तक कायम है। उन्होंने लक्ष्मणराव इनामदार का मंत्र बिना संस्कार, नहीं सहकार को उद्धृत किया।
नरेंद्रभाई मोदी ने कहा कि आज किसान खुदरा खरीदते हैं, लेकिन थोक में बेचते हैं, इसमें बिचौलियों को खत्म करने और आय को बढ़ाने के लिए इस प्रक्रिया को ही उलट देने की जरुरत है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डेयरी सहकारी समितियों का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि सहकारी आंदोलन में लोगों की समस्याओं को हल करने की क्षमता है, सहकारी आंदोलन भारतीय समाज के स्वभाव के साथ एक समन्वय है। प्रधानमंत्री ने यूरिया का नीम कोटिंग, मधुमक्खी पालन और समुद्री खरपतवार संवर्धन का उल्लेख सहकारिता क्षेत्रों के रूपमें किया, जहां सहकारी आंदोलन महत्वपूर्ण योगदान कर सकता है। प्रधानमंत्री ने दो पुस्तकों का विमोचन भी किया। पहली पुस्तक लक्ष्मणराव इनामदार पर और दूसरी भारतीय सहकारी आंदोलन के नौरत्न है। उन्होंने सहकारी उत्कृष्टता के लिए पुरस्कार भी प्रदान किए।