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Saturday 23 September 2017 05:55:33 AM
नई दिल्ली। केंद्रीय जनजातीय मामलों का मंत्रालय जनजातीय उत्पादों की बिक्री बढ़ाने की एक योजना तैयार की है, जिसके तहत कई कदम उठाए जा रहे हैं। मंत्रालय के अधीन सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम ट्राईफेड हस्तनिर्मित उत्पादों को बेचने के लिए आउटलेट खोलने की दिशा में काम कर रहा है। नई दिल्ली में 9 महादेव रोड पर ‘ट्राइब्स-इंडिया’ नामक आउटलेट खुला है, यह आउटलेट अप्रैल 1999 में खोला गया था। इसी तरह देशभर में 42 खुदरा आउटलेट खोले गए हैं, जिनमें 29 ट्राईफेड के अपने हैं और 13 आउटलेट राजस्तरीय संगठनों के सहयोग से चलाए जा रहे हैं। इन आउटलेटों में जनजातीय धातुशिल्प, कपड़े, जनजातीय आभूषण, जनजातीय चित्रकारी, बेंत और बांस के उत्पाद, टेराकोटा और पत्थर के बर्तन, जैविक और प्राकृतिक खाद्य उत्पाद उपलब्ध हैं।
ट्राईफेड जनजातीय कला और शिल्प को प्रोत्साहन देता है और देश के जनजातीय शिल्पकारों के कल्याण के लिए काम करता है। ट्राईफेड प्रदर्शनियों और जनजातीय हस्तशिल्पी मेलों का भी आयोजन करता आ रहा है, जिनमें आदिशिल्प और आदिचित्र प्रमुख हैं। आदिचित्र प्रदर्शनी का आयोजन 2010 से किया जा रहा है, जिनमें मध्यप्रदेश की गोंड, ओडिशा की सावरा, महाराष्ट्र की वर्ली और गुजरात की पिथोरा चित्रकारी के प्रदर्शन और बिक्री की व्यवस्था की जाती है। इसी प्रकार भारत व्यापार संवर्धन संगठन और हस्तशिल्प निर्यात संवर्धन परिषद के जरिए अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शनियों में भी ट्राईफेड भाग लेता है। बाजार तक पहुंच बढ़ाने के लिए ट्राईफेड ने नए कदम उठाए हैं, इनमें फ्रेंचाइजी आउटलेट के जरिए बिक्री योजना प्रमुख रूपसे शामिल है। इसके तहत ट्राईफेड फ्रेंचाइजी जरूरत के मुताबिक माल देगा और फ्रेंचाइजी ट्राईफेड तय किए गए खुदरा मूल्य पर उत्पादों को बेचेगा। समस्त उत्पादों पर ‘ट्राइबल क्राफ्ट मार्क’ के रूप में होलोग्राम इत्यादि लगाए जाएंगे।
ट्राईफेड युवा उद्यमी विकास कार्यक्रम के जरिए बिक्री को प्रोत्साहन दिया जाएगा, जिसमें युवा सेल्स ब्वॉय या गर्ल्स के जरिए इन उत्पादों को घर-घर बेचा जाएगा। जनजातीय उत्पादों को ई-व्यापार प्लेटफार्मों के जरिए भी बेचने की योजना बनाई गई है। बिक्री के लिए मोबाइल वैन लगाई जाएंगी, ताकि घर-घर जनजातीय उत्पादों को बेचा जा सके। इसके अलावा त्योहारों के दौरान जनजातीय उत्पादों को प्रोत्साहन देने के लिए उन्हें छूट पर उपलब्ध कराई जाएगी। जनजातीय उत्पादों को प्रोत्साहन देने के लिए प्रचार अभियान चलाया जाएगा, पोस्टर, बैनर, पर्चे, मोबाइल वैन, स्थानीय टीवी चैनलों इत्यादि की मदद ली जाएगी। यूट्यूब, फेसबुक और गूगल जैसे वेब आधारित माध्यमों का भी इसमें उपयोग किया जाएगा।