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Saturday 23 February 2013 07:04:33 AM
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि उनकी सरकार मुसलमानों का सामाजिक एवं आर्थिक स्तर उठाने के लिए दृढ़ संकल्पित है, उनके कल्याण के लिए योजनाएं संचालित की जा रही हैं और योजनाओं के सफल क्रियान्वयन के लिए बजट का भी पर्याप्त प्राविधान किया गया है। मुख्यमंत्री शनिवार को तालकटोरा स्टेडियम के आडिटोरियम में जमात-उल्लाह-ई-हिंदी के तत्वावधान में आयोजित ‘हिस्टारिक कांफ्रेंस’ को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि तमाम सर्वे एवं आयोगों की रिपोर्टों में यह तथ्य सामने आया है कि देश के मुस्लिम भाई सामाजिक एवं आर्थिक रूप से काफी पीछे हैं, इसलिए हमारी सरकार उनको समाज की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए निरंतर प्रयत्नशील है, रंगनाथ मिश्र एवं सच्चर कमेटी की रिपोर्ट पर हमारे नेता मुलायम सिंह यादव ने बेहद गंभीरता से काम किया था और इसे उत्तर प्रदेश में किस स्तर से लागू किया जाए, इस पर हम निरंतर विचार कर रहे हैं और इसे लागू कराने के लिए केंद्र पर भी दबाव बनाएंगे।
अखिलेश यादव ने कहा कि देश में हिंदू-मुस्लिम भाइयों की एकता को और अधिक मजबूत करने के लिए कंधे से कंधा मिलाकर चलना चाहिए, परस्पर विश्वास एवं सहयोग करना चाहिए, अन्याय के विरुद्ध खड़ा होना समाजवाद का सिद्धांत है और आतंकवाद के नाम पर किसी भी धर्म के निर्दोष का उत्पीड़न नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि मुस्लिम नौजवानों पर लगे मुकदमों की गहराई से जांच कराई जा रही है और इस दिशा में समुचित कदम उठाए जाएंगे, हमारे देश का प्रत्येक नागरिक जो इस देश से प्यार करता है, वह आतंकवाद के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि देश के विकास में मुस्लिम भाइयों का भी बड़ा योगदान है, हस्त एवं दस्तकारी के काम सबसे बेहतर यही लोग करते हैं, इसलिए हमने निर्णय लिया है कि ग़रीब महिलाओं को बांटी जाने वाली साड़ियों में से 60 प्रतिशत मुस्लिम भाइयों एवं बुनकरों से खरीदी जाएंगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा से वंचित मुस्लिम छात्र-छात्राओं को पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करने हेतु मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में स्कूल खोले जाएंगे, इसके लिए हमने प्रदेश के बजट में प्रावधान कर दिया है, दसवीं पास छात्र-छात्राओं को टैबलेट एवं बारहवीं पास को लैपटॉप देने जा रहे हैं, जो हिंदी, अंग्रेजी एवं उर्दू तीनों भाषाओं में काम करेगा।