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Monday 16 October 2017 11:15:40 AM
नई दिल्ली। भारत के मुस्लिम छात्र संगठन मुस्लिम स्टूडेंट्स ऑर्गेनाइज़ेशन ऑफ़ इंडिया का दो दिन का राष्ट्रीय सम्मेलन भारत सरकार की नई हज नीति के विरोध, मुस्लिम छात्र हितों पर चर्चा, कश्मीर में युवाओं को रोज़गार, शिक्षा और उन्हें राष्ट्र की मुख्यधारा में लाए जाने पर चर्चा, जामिया मिल्लिया इस्लामिया से पिछले एक वर्ष से अधिक समय से लापता छात्र नजीब की गुमशुदगी का मुद्दा उठाने और हर दो वर्ष में एक बार होने वाले प्रतिनिधि सम्मेलन में संगठन के चुनाव के साथ समाप्त हो गया। इस बार शुजात क़ादरी मुस्लिम स्टूडेंट्स ऑर्गेनाइज़ेशन ऑफ़ इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष, जबकि अब्दुल क़ादिर हमदानी राष्ट्रीय महासचिव बनाए गए हैं। नए राष्ट्रीय अध्यक्ष शुजात क़ादरी ने दावा किया है कि मुस्लिम स्टूडेंट्स ऑर्गेनाइज़ेशन ऑफ़ इंडिया भारत का सबसे बड़ा मुस्लिम छात्र संगठन है।
एमएसओ संगठन का द्विवार्षिक प्रतिनिधि सम्मेलन में चुनाव करवाया जाता है, इसमें संगठन के सभी 22 राज्यों के चयनित प्रतिनिधि ही राष्ट्रीय कार्यकारिणी का चुनाव करते हैं, इनके तहत हुए चुनावों में राष्ट्रीय अध्यक्ष और राष्ट्रीय महासचिव का चुनाव काफ़ी अहम होता है। इंडिया इस्लामिक सेंटर नई दिल्ली में आयोजित हुए इस कार्यक्रम में देशभर से क़रीब 150 प्रतिभागियों ने एकल संक्रमणीय मत प्रणाली के आधार पर वोट डाला और कार्यकारिणी का चुनाव किया। एमएसओ की नई राष्ट्रीय कार्यकारिणी में राजस्थान के डॉ इदरीस नूरी, दिल्ली के शाहबाज़ मिस्बाही और उत्तर प्रदेश के अनीश शिराज़ी उपाध्यक्ष चुने गए हैं। त्रिपुरा के नज़रुल इस्लाम, तेलंगाना के ज़ीशान रिज़वी, कर्नाटक के ख़ुर्शीद शेख़ सचिव चुने गए हैं। आमिर तहसीनी कोषाध्यक्ष और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के हसन मुबारक इश्क़ी कैम्पस सचिव चुने गए हैं। देशभर के विभिन्न राज्यों से 15 राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य भी चुने गए हैं।
मुस्लिम स्टूडेंट्स ऑर्गेनाइज़ेशन ऑफ़ इंडिया ने सम्मेलन में कई राष्ट्रीय मुद्दों पर विचार विनिमय किया। कश्मीर में युवाओं को रोज़गार, शिक्षा और उन्हें भारत की मुख्यधारा में लाए जाने के विषय पर चर्चा की गई। संगठन का मानना है कि विदेशी धन और ख़ौफ़ के माहौल में कश्मीर के युवाओं की स्थिति काफ़ी जटिल हो गई है और इसे ठीक करने के लिए मुस्लिम स्टूडेंट्स ऑर्गेनाइज़ेशन ऑफ़ इंडिया आगे आएगा। छात्र संगठन के अध्यक्ष शुजात क़ादरी ने कश्मीर में युवाओं के करियर गाइडेंस कैम्प और उनकी शिक्षा के बेहतर माहौल के लिए एक प्रतिनिधि मंडल को ग्राउंड पर शोध करके संगठन को रिपोर्ट देने के लिए नियुक्त किया है।अधिवेशन में राष्ट्रीय अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थान एनसीएमईआई की कार्यप्रणाली पर चर्चा की गई। छात्रों की एक राय थी कि इसकी प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए सरकार पर दबाव डाला जाए और एनसीएमईआई संगठन को अधिक स्वायत्त बनाया जाए। छात्र संगठन के महासचिव अब्दुल क़ादिर हमदानी ने राष्ट्रीय अल्पसंख्यक वित्त विकास निगम की ऋण की शर्तों को आसान बनाए जाने पर बल देते हुए इसे नवरोज़गार के लिए उन्मुक्त किए जाने पर बल दिया।
स्टूडेंट्स संगठन ने भारत सरकार की नई हज नीति को शरीअत में दख़ल मानते हुए इसे तत्काल वापस लिए जाने की मांग की है, हालांकि सऊदी अरब सरकार की तरफ़ से इस बात की पुष्टि नहीं की गई है कि बिना पुरुष साथी यानी मेहरम के हज पर गई महिला को वीज़ा दिया जाएगा या नहीं। मुस्लिम स्टूडेंट्स ऑर्गेनाइज़ेशन ऑफ़ इंडिया यानी एमएसओ ने हज नीति में बदलाव और प्रतिक्रिया को राजनीति मानते हुए इसे लोकतंत्र के लिए घातक बताया है। एमएसओ ने कहा है कि यदि वाकई सरकार हाजियों की मदद करना चाहती है तो हाजियों के हवाई टिकट उन्हें स्वयं बनाने की स्वतंत्रता दी जानी चाहिए, आवश्यकता भ्रष्टाचार दूर करने की है ना कि हाजियों को लूटकर एयर इंडिया के घाटे को उभारने की। गौरतलब है कि भारत सरकार की नई हज नीति बनाने वाली समिति में सभी प्रमुख मुसलमान हैं और इस्लामिक मामलों के जानकार हैं, जिन्होंने इसमें सिफारिशें की हैं। यह भी उल्लेखनीय है कि भारत सरकार ने हाजियों के लिए जो सुविधाएं दी हैं, वैसी उन्हें कभी नहीं मिली हैं।
मुस्लिम स्टूडेंट्स ऑर्गेनाइज़ेशन ऑफ़ इंडिया ने कई राष्ट्रीय मसलों पर चर्चा की, जिनमें अध्यक्ष शुजात क़ादरी ने जामिया मिल्लिया इस्लामिया से पिछले एक वर्ष से अधिक समय से लापता छात्र नजीब की गुमशुदगी को गंभीर मसला बताते हुए इसे राष्ट्रीय समस्या बताया। शुजात क़ादरी ने कहाकि नजीब का लापता होना सरकार की युवाओं के प्रति असंवेदनशीलता का परिचय है और जो लोग मुस्लिम लड़के के नाम पर हमारे साथ नहीं आ रहे थे, उन्हें सभी विश्वविद्यालयों में छात्रों के उत्पीड़न के बाद अहसास हो गया है कि केंद्र की भारतीय जनता पार्टी की सरकार विद्यार्थियों के साथ मज़ाक कर रही है। उन्होंने लापता छात्र नजीब के मसले पर फौरन गंभीरता से कार्य किए जाने की ज़रूरत पर बल दिया। मुस्लिम स्टूडेंट्स ऑर्गेनाइज़ेशन ऑफ़ इंडिया छात्रों की बात तो कर रहा है, लेकिन उसका मुस्लिम छात्राओं के लिए क्या सामाजिक और राजनीतिक एजंडा है या इस छात्र संगठन में उनका क्या प्रतिनिधित्व है? यह संगठन ऐसे सवालों पर पूरी तरह खामोश है।