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Sunday 24 February 2013 07:17:41 AM
लखनऊ। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ एसएनएस यादव ने कहा है कि पीसीपीएनडीटी एक्ट गर्भधारण पूर्व एवं प्रसूति पूर्व निदान तकनीक (लिंग चयन प्रतिनिषेध अधिनियम) का उल्लंघन करने वाले तथा नियमों का पालन ना करने वाले डाइगनोस्टिक सेंटर के विरूद्ध अभियान चलाकर सख्त कार्रवाई की जाएगी। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने अपने कार्यालय में गर्ल्स चाइल्ड डे पर पीसीएनडीटी अधिनियम 1994 के क्रियान्वयन एवं कन्या भ्रूण हत्या की रोकथाम पर सेंसटाईजेशन कार्यशाला की बैठक में कहा कि लीगल मैटर्स का निस्तारण प्राथमिकता पर किया जाए, प्रत्येक केस नोटिस रजिस्टर पर दर्ज किया जाए तथा पैरवी समय पर हो।
उन्होंने कहा कि अल्ट्रा साउंड करने से पूर्व फार्म एफ भरवाया जाना जरूरी है, अल्ट्रा साउंड केंद्र का निरीक्षण करने पर यदि फार्म एफ भरा नहीं मिलेगा तो क्लीनिक के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी, अल्ट्रा साउंड वही कर सकता है, जिसने निर्धारित ट्रेनिंग ली हो अन्यथा नहीं। उन्होंने कहा कि मासिक रिपोर्ट प्रत्येक माह की 5 तारीख तक भेजी जाए तथा भेजते समय फार्म एफ का भरा होना आवश्यक है, यह वही रिकार्ड है जो फार्म एफ में भरा जाता है। उन्होंने कहा कि यदि किसी व्यक्ति को ट्रेनिंग दी गई है तो उसे प्रमाण पत्र अवश्य दिया जाए, जिस डाक्टर ने प्रमाण पत्र दिया है, उसे भी एक कॉपी रखनी होगी।
डॉ नीलम सिंह ने जिला सलाहकार समिति पीसीपीएनडीटी के अधिनियम के अंतर्गत केंद्रो की ओर से प्रेषित की जाने वाली मासिक रिपोर्टों के संबंध में तथा केंद्रों पर आवश्यक अभिलेखों के रखरखाव के संबंध में सावधानियां, विधिक पक्ष, नियमों की अपेक्षा तथा उसके परिणाम पर विस्तृत जानकारी दी। बैठक में सलाहकार समिति के सदस्य, प्रोफेसर पीके श्रीवास्तव, डॉ कमलेश यादव, डॉ उत्तम कुमार एवं सहवा हुसैन प्रतिनिधि बेटी फाउंडेशन आदि उपस्थित थे।