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Saturday 18 November 2017 03:04:47 AM
नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने कहा है कि वर्तमान में पत्रकारों को सटीकता, निष्पक्षता, वस्तुपरकता, समाचार के महत्व एवं स्वतंत्रता के मूलभूत मूल्यों का अनुसरण करना चाहिए। उपराष्ट्रपति राष्ट्रीय प्रेस दिवस पर भारतीय प्रेस परिषद के समारोह के समापन सत्र को संबोधित कर रहे थे। उपराष्ट्रपति ने कहा कि जब अंग्रेजों के खिलाफ स्वतंत्रता की लड़ाई में गति आई तो प्रेस लोगों की आकांक्षाओं और उनकी उम्मीदों को स्वर देने का एक महत्वपूर्ण वाहक बन गया। उन्होंने कहा कि कई समाचार पत्रों एवं पत्रिकाओं, विशेष रूपसे भाषाई समाचार पत्रों ने स्वतंत्रता आंदोलन में बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वेंकैया नायडू ने कहा कि पत्रकारिता एक महान व्यवसाय है और पत्रकार एवं संपादक इस व्यवसाय के ध्वजावाहक हैं, जिन्हें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि लोगों को सही और निष्पक्ष जानकारी मिले।
उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा कि यद्यपि पत्रकारिता का स्वरूप बदल गया है, लेकिन अभी भी पत्रकारिता सार्वजनिक विचार बनाने और सरकार के निर्णय को प्रभावित करती है। उपराष्ट्रपति ने प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया दोनों के न्यूज़रूम में दिखीं खतरनाक प्रवृतियों पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि इसपर नियंत्रण लगाना आवश्यक है, ताकि अतीत में प्रेस की भूमिका की महत्ता बनी रहे। समारोह में केंद्रीय सूचना और प्रसारण तथा वस्त्रमंत्री स्मृति इरानी भी मौजूद थीं। उन्होंने कहा कि मीडिया की आवाज़ नहीं दबाई जानी चाहिए और मीडिया की अभिव्यक्ति सुनिश्चित करना हमारी संवैधानिक जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि आजकल नागरिक सोशल मीडिया के माध्यम से पत्रकार बन रहे हैं और वह मीडिया को अपनी जिम्मेदारियों के बारे में याद दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
उपराष्ट्रपति और स्मृति इरानी ने संयुक्त रूपसे पत्रकार सेन राजप्पा और शरत मिश्रा को पत्रकारिता में उनके योगदान के लिए राजा राममोहन राय पुरस्कार दिया। इंडियन एक्सप्रेस की शालिनी नायर को ग्रामीण पत्रकारिता तथा विकास रिपोर्टिंग का पुरस्कार दिया गया। खोजी पत्रकारिता का पुरस्कार मंगलम् दैनिक के के सुजीत और ओडिशा की स्वतंत्र पत्रकार चित्रांगदा चौधरी को दिया गया। फोटो पत्रकारिता के पुरस्कार चंद्रिका दैनिक के सीके थानसीर, प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया के विजय वर्मा और मलयालय मनोरमा के जे सुरेश को दिए गए। बेस्ट न्यूज़ पेपर आर्ट के लिए टाइम्स ऑफ इंडिया के गिरिश कुमार को पुरस्कार प्रदान किया गया।