स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Sunday 19 November 2017 01:14:53 AM
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नई दिल्ली के प्रगति मैदान में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में यूपी पैवेलियन का भ्रमण किया। उन्होंने इस अवसर पर कहा कि उत्तर प्रदेश निवेशकों की समस्याओं के निराकरण और उनको सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए सर्वदा तत्पर रहेगा। उन्होंने उल्लेख किया कि उत्तर प्रदेश में निवेशकों के लिए अनुकूल वातावरण बनाया गया है, निवेशकों और उद्यमियों की समस्याओं के त्वरित निराकरण एवं निस्तारण के लिए एकल विंडो सिस्टम को और अधिक बेहतर बनाया गया है, निवेशकों को सभी तरह की सुविधा और सुरक्षा प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की नई औद्योगिक नीति की कई देशों में सराहना हो रही है और वे उत्तर प्रदेश में अधिक से अधिक निवेश के लिए भी तैयार हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बताया कि उत्तर प्रदेश में 'एक उत्पाद एक जनपद' की योजना लागू की गई है, जल्द ही इसके सार्थक परिणाम आएंगे, इसमें उत्पादों की गुणवत्ता बढ़ाने के साथ ही उन्हें इस प्रकार के मेलों और प्रदर्शनियों में प्रतिभाग कराते हुए उन्हें अंतर्राष्ट्रीय पहचान दिलाई जाएगी। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में उद्यमियों और निवेशकों को भूमि, तकनीक और विभिन्न प्रकार की आवश्यक सुविधाएं भी दिलाई जाएंगी। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश में विकास एवं निवेश की अपार संभावनाएं हैं और हम निवेशकों को आमंत्रित करते हैं तथा उन्हें विश्वास दिलाते हैं कि उन्हें उद्योग एवं इकाई संचालन के लिए हर संभव मदद दी जाएगी। उन्होंने मेले में यूपी पवेलियन के विभिन्न स्टॉल्स का भ्रमण एवं निरीक्षण करने के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संकल्प से सिद्धि कार्यक्रम के तहत उत्तर प्रदेश में विभिन्न क्षेत्रों में किए जा रहे प्रयासों और स्टैंडअप इंडिया, स्टार्टअप इंडिया कार्यक्रम में दक्ष एवं उत्साही उद्यमियों की विभिन्न योजनाओं के बारे में भी बताया। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में दक्षता एवं क्षमता की अपार संभावनाएं हैं, इसी आशय से हस्तशिल्पियों के उत्पादों के विपणन और प्रयुक्त सामग्री की भी व्यवस्था की जा रही है।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश में विशेष रूपसे काष्ठकला, पीतल उद्योग, सिल्क उद्योग, चिकन जरदोजी, कालीन, काँच का सामान, पत्थर पर नक्काशी, पॉट्री तथा अन्य विधाओं पर निर्मित सामग्री के विस्तार हेतु भी योजनाओं को मूर्तरूप प्रदान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश से गुजरने वाला दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कोरीडोर, ईस्टर्न डेडीकेटेड फ्रंट कोरीडोर, आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे और पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर विभिन्न उत्पादों के औद्योगिक सेक्टरों का चिन्हिकरण किया जा रहा है, इससे निवेशकों को आयात और निर्यात में सुगमता मिलेगी। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारत सरकार की मुद्रा योजना में बेरोज़गार युवकों को अपने उद्यम स्थापना हेतु ऋण की व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से उत्तर प्रदेश सरकार ने किसान ऋण माफी योजना में बैंकों का सहयोग लिया है, उसी प्रकार से मुद्रा योजना में भी बैंकों की सहायता से ऋण योजना से मुद्रा योजना को सफल बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में जहां खाद्यान्न, दलहन, तिलहन, दुग्ध उत्पादन, फल-सब्जी उत्पादन से प्रसंस्करण इकाइयों की प्रचुर मात्रा में आवश्यकता है, वहीं प्रदेश सरकार की नई औद्योगिक एवं कृषि नीति से उत्पादकों और किसानों को भरपूर सहायता प्रदान की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में आईटी सेक्टर की प्रबल संभावनाएं हैं, जहां पर कुशल एवं दक्ष सॉफ्टवेयर, हार्डवेयर विशेषज्ञों के माध्यम से रोज़गार के नए आयाम सृजित किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि निकट भविष्य में उत्तर प्रदेश ग्लोबल बिजनेस समिट तथा इन्वेस्टर्स मीट आयोजित कर निवेशकों और उद्यमियों को राज्य में पूंजी निवेश के लिए आमंत्रित करेगा, जिसमें देशी-विदेशी पूंजी निवेशकों को औद्योगिक और अवस्थापना क्षेत्र में शिक्षा, चिकित्सा, कृषि, डेयरी, सोलर ऊर्जा, आईटी एवं विभिन्न क्षेत्रों में पूंजी निवेश हेतु भी आमंत्रित किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने उद्यमियों से उनके उत्पादों, उत्पादन, विपणन एवं बिंदुओं पर भी वार्ता की।
मुख्यमंत्री के समक्ष यूपी पवेलियन में नोएडा, ग्रेटर नोएडा, यूपीएसआईडीसी, पर्यटन आदि विभिन्न क्षेत्रों के उद्यमियों ने जैसे-भदोही की कालीन, कन्नौज का इत्र, लखनऊ का चिकन, बनारस की साड़ी, खुर्जा पॉट्री, सहारनपुर की काष्ठकला, मुरादाबाद का पीतल, कानपुर का चर्म उद्योग, फिरोजाबाद का कांच, नोएडा, गाजियाबाद इलेक्ट्रॉनिक, आईटी सेक्टर रामपुर पेंचवर्क, जरदोज़ी, बिजनौर, गोरखपुर हथकरघा, अलीगढ़ के ताले, टेक्सटाइल, फैबरिक, प्लास्टिक एवं अन्य उत्पादों का प्रदर्शन किया। व्यापार मेले में उत्तर प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह, औद्योगिक विकास आयुक्त डॉ अनूपचंद्र पांडेय, स्थानिक आयुक्त देवाशीष पंडा, निदेशक और उद्योग आयुक्त रणवीर प्रसाद तथा उत्तर प्रदेश सरकार के वरिष्ठ अधिकारी एवं उद्यमी भी मौजूद थे।