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Monday 20 November 2017 01:25:47 AM
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने आइनॉक्स सिनेमा हॉल में विवेकानंद केंद्र लखनऊ की एकनाथ रानडे के जीवन पर आधारित फिल्म ‘एक जीवन एक ध्येय’ के विशेष शो का अवलोकन किया। एकनाथ रानडे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के एक समर्पित कार्यकर्ता थे, जिन्होंने वर्ष 1926 से ही संघ के विभिन्न दायित्वों का निर्वाह किया। एकनाथ रानडे कन्याकुमारी में विवेकानंद स्मारक शिला के निर्माण के लिए आंदोलन करने और सफलतापूर्वक इस स्मारक का निर्माण करने के कारण प्रसिद्ध हैं। एकनाथ रानडे का जन्म 19 नवंबर 1914 को महाराष्ट्र के अमरावती जिले के टिम्टाला गांव में हुआ था। वे डॉ हेडगेवार से प्रेरणा लेकर 1938 में प्रचारक के रूपमें संघ के कार्य हेतु महाकौशल प्रांत आए।
राज्यपाल राम नाईक ने इस अवसर पर कहा कि यह संयोग है कि एकनाथ रानडे के जन्म दिवस पर भारत की प्रधानमंत्री रहीं इंदिरा गांधी का भी जन्मशताब्दी दिवस है, भारत सरकार इस दिन को कौमी एकता दिवस के रूपमें मनाती है, जिसमें राष्ट्रीय अखंडता की शपथ दिलाई जाती है। उन्होंने कहा कि यह उनका सौभाग्य है कि मुंबई में रहते हुए उन्हें कई बार एकनाथ रानडे को देखने, सुनने और बातचीत करने का अवसर मिला। राम नाईक ने कहा कि एकनाथ रानडे विश्व के सबसे बड़े संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सदस्य थे, उनका संघ से पुराना रिश्ता है, उन्होंने विभिन्न पदों की जिम्मेदारी वहन करते हुए क्षेत्र प्रचारक तथा संघ सरकार्यवाह जैसे महत्वपूर्ण पदों पर अपनी भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि एकनाथ रानडे ने शिला स्मारक का निर्माण तथा विवेकानंद केंद्र जैसे महत्वपूर्ण कार्य की जिम्मेदारी पूरी तनमयता से निभाई।
राम नाईक ने कहा कि एकनाथ रानडे ने शिला स्मारक के निर्माण में प्रत्येक प्रांत को सहयोगी बनाने के साथ ही आम जनता का सहयोग एक, दो तथा पांच रुपये के पत्रक द्वारा प्राप्त किया, शिला स्मारक के निर्माण में 1 करोड़ 35 लाख रुपये का खर्च आया, जिसमें 85 लाख रुपये का सहयोग 30 लाख सामान्य नागरिकों ने किया है। राम नाईक ने कहा कि आधुनिककाल में शिला स्मारक पूरे भारत को एक सूत्र में बांधने का सुंदर उदाहरण है। राज्यपाल ने लघु वृतचित्र की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे महापुरुषों के कार्य को जनता के समक्ष लाना वास्तव में प्रेरणा देने वाला कार्य है, जनता के लिए किए गए कार्य को जनता के समक्ष लाना महत्व का काम होता है, इससे काम करने वाले को प्रेरणा मिलती है और दूसरे लोग भी प्रेरित होते हैं। इस मौके पर विवेकानंद केंद्र के संचालक दयानंद लालजी, अपर महाधिवक्ता रमेश सिंह और गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।