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Monday 20 November 2017 03:17:32 AM
ईटानगर। राष्ट्रपति रामनाथ कोविद ने ईटानगर में अरुणाचल प्रदेश विधानसभा के एक विशेष सत्र में विधायकों को संबोधित किया। राष्ट्रपति ने विधायकों से यह याद रखने का आग्रह किया कि वे राज्य के लोगों की आकांक्षाओं को प्राप्त करने और उन्हें सार्वजनिक सेवा प्रदान करने के लिए विधानसभा के सदस्य के रूपमें चुने गए हैं। उन्होंने कहा कि विधायकों के रूपमें वे सार्वजनिक रुचि और विश्वास के संरक्षक हैं और यह कानून बनाने की उनकी ज़िम्मेदारी है कि लोगों के जीवन में सुधार और सार्वजनिक चिंता के मुद्दों को हल किया जाए।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविद ने कहा कि हम एक सांस्कृतिक रूपसे समृद्ध देश के नागरिक हैं। उन्होंने कहा कि भारत में भोजन, कपड़े, रीति-रिवाज़ और धार्मिक परंपराओं में ऐसी विविधता है, जो हमारी ताकत है और हमें एकजुट करती है। उन्होंने कहा कि यह हर भारतीय को प्रेरित करता है और हम सभी के लिए यह गर्व की बात है। राष्ट्रपति ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश के अनेकता में एकता का अनुभव हमारे देश की परंपराओं को सुंदर ढंग से व्यक्त करता है। उन्होंने कहा कि यहां कई जातीय और धार्मिक समुदाय हैं, वे सद्भाव में एक साथ रहते हैं और यह सभी भारतीयों के लिए एक आदर्श है। रामनाथ कोविद ने कहा कि एक सीमावर्ती राज्य होने पर अरुणाचल प्रदेश, पड़ोसी देशों के साथ व्यापार करने का एक अनूठा अवसर प्रदान करता है।
रामनाथ कोविद ने आशा व्यक्त की कि अरुणाचल प्रदेश भारत और एशियाई देशों के साथ व्यापार और आर्थिक संपर्क बनाने का प्रमुख सूत्र बनेगा, जो एक्ट ईस्ट पॉलिसी के तहत होगा। गौरतलब है कि अरुणाचल प्रदेश भारत का एक उत्तर पूर्वी राज्य है। अरुणाचल प्रदेश की सीमाएं दक्षिण में असम, दक्षिणपूर्व में नागालैंड, पूर्व में म्यांमार, पश्चिम में भूटान और उत्तर में तिब्बत से मिलती हैं। ईटानगर इसकी राजधानी है। अरुणाचल प्रदेश की मुख्य भाषा हिंदी और असमिया है। भौगोलिक दृष्टि से पूर्वोत्तर के राज्यों में यह सबसे बड़ा राज्य है। इस अवसर पर अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल ब्रिगेडियर डॉ बीडी मिश्रा भी उपस्थित थे।