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Thursday 23 November 2017 12:37:52 AM
लखनऊ। उत्तर प्रदेश इन्वेस्टर्स समिट 2018 के आयोजन के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में एक आयोजक समिति का गठन किया गया है, जिसके उत्तर प्रदेश के अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त अनूपचंद्र पांडेय संयोजक सदस्य बनाए गए हैं। यह समिति समिट की तैयारी हेतु रणनीतिक निर्णय लेने, मार्गदर्शन एवं दिशा-निर्देश देने तथा आयोजन के यथा आवश्यक बजट एवं कार्यसमिति के प्रस्तावों पर अनुमोदन प्रदान करेगी। आयोजक समिति में उप मुख्यमंत्री केशवप्रसाद मौर्य, उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा के अतिरिक्त औद्योगिक विकास, वित्त, पर्यटन, नगर एवं शहरी विकास, ऊर्जा विभाग के मंत्री एवं मुख्य सचिव राजीव कुमार सदस्य हैं। इन्वेस्टर्स समिट के आयोजन की गतिविधियों का रोडमैप तैयार करने, कार्यक्रमों की रूपरेखा बनाने, भागीदार देशों को आमंत्रित करने तथा प्रधानमंत्री कार्यालय एवं विदेश मंत्रालय के साथ समन्वय स्थापित करने हेतु अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त अनूपचंद्र पांडेय की अध्यक्षता में 33 सदस्यीय कार्यकारी समिति का भी गठन किया गया है।
इन्वेस्टर्स समिट की इस समिति में कृषि उत्पादन आयुक्त या उनके प्रतिनिधि, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री कार्यालय, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास, प्रमुख सचिव वित्त, अपर मुख्य सचिव, सूचना एवं प्रौद्योगिकी, अपर मुख्य सचिव श्रम, भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग या उनके प्रतिनिधि, उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण, दुग्ध एवं पशुपालन, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, व्यावसायिक शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव, प्रबंध निदेशक उत्तर प्रदेश कौशल विकास निगम, सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्योग, वस्त्र उद्योग, ऊर्जा, लोक निर्माण, नागरिक उड्डयन, सूचना एवं जनसम्पर्क, गृह, पर्यटन, परिवहन, नगर विकास, आवास एवं शहरी नियोजन, खादी एवं ग्रामोद्योग विभाग के प्रमुख सचिव, प्रोटोकॉल, संस्कृति विभाग के सचिव, मुख्य कार्यपालक अधिकारी नोएडा-ग्रेटर नोएडा, प्रबंध निदेशक यूपीएसआईडीसी, प्रबंध निदेशक यूपीएसआईसी, मंडलायुक्त लखनऊ तथा जिलाधिकारी लखनऊ को सदस्य बनाया गया है। अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास विभाग के सचिव-सह अधिशासी निदेशक उद्योग बंधु को समिति का संयोजक बनाया गया है।
अनूपचंद्र पांडेय ने बताया कि समिति समिट के दौरान आयोजित होने वाली बैठकों हेतु आवश्यक व्यवस्था, नोडल समितियों के कार्यों की प्रगति की समीक्षा के साथ-साथ उन्हें मार्गदर्शन देने का कार्य करेगी। उन्होंने बताया कि समिट के दौरान की गतिविधियों की प्रगति का अनुश्रवण एवं नोडल समितियों द्वारा वांछित अनुमोदन प्रदान करने का दायित्व समिति को सौंपा गया है। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार के गठन के बाद पहली बार उत्तर प्रदेश इन्वेस्टर्स समिट होने जा रही है। मुलायम सिंह यादव सरकार, मायावती सरकार और अखिलेश यादव सरकार में भी बड़ी खर्चीली इन्वेस्टर्स समिट हो चुकी हैं, लेकिन उत्तर प्रदेश में अभी तक कोई भी उल्लेखनीय पूंजी निवेश नही हो सका है, सिवाय मिट्टी के मोल उत्तर प्रदेश की भूमि संपत्ति आदि बेच डालने के। सच्चाई तो यह है कि इन तीनों ही मुख्यमंत्रियों और उनके अधिकारियों ने उत्तर प्रदेश की संपत्तियों की कीमत पर एक प्रकार से रियल इस्टेट का धंधा ही किया है। यूपी में इन्वेस्टर्स समिट की जोरदार तैयारियां शुरू हो गई हैं और अब देखना है कि योगी आदित्यनाथ सरकार अपनी इन्वेस्टर्स समिट में इस मिथक को तोड़ पाएगी कि नहीं।