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इंटरनेट भारत में छाया पर वायरस भी आया !

सावधानी बरतें तो बमिताल वायरस का नहीं होगा खतरा

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Monday 25 February 2013 07:25:50 AM

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नई दिल्ली। इंटरनेट की दुनिया में भारत का अब अहम स्थान हो गया है। भारत में इंटरनेट यूजर्स की तादाद दिनों दिन बढ़ती ही जा रही है, इतना ही नहीं इंटरनेट पर हिंदी भी अब काफी हद तक समृद्ध हो चुकी है। भारत में इंटरनेट का जादू सर चढ़कर बोल रहा है, पर अब इंटरनेट पर बमिताल नाम के वायरस का खतरा भी मंडरा गया है। आपको अगर इंटरनेट पर सर्फिंग करने में दिक्कत आ रही है या फिर इस दौरान संदिग्ध वेबसाइट्स खुल जा रही हैं, तो हो सकता है कि आप स्पैम हमले का शिकार हो गए हैं। देश की प्रीमियर साइबर सिक्युरिटी एजेंसी का कहना है कि भारतीय इंटरनेट सिस्टम एक स्पैम हमले का खतरा झेल रहे हैं। यह स्पैम सर्च इंजन के रिक्वेस्ट को हाइजैक कर सर्फिंग की स्पीड कम कर देता है।
कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉस टीम (सीईआरटी-इन) एजेंसी ने अपनी हालिया एडवाइजरी में इस बात की जानकारी दी। उसका कहना है कि बमिताल नाम का एक ट्रोजन वायरस देश के इंटरनेट नेटवर्क में पाया गया है। एडवाइजरी के मुताबिक, ऐसा पाया गया है कि ट्रोजन बमिताल चारों तरफ फैल रहा है। यह वायरस इंटरनेट ब्राउजिंग के दौरान यूजर्स को विज्ञापन संबंधित साइट्स पर लेकर चला जाता है। वायरस को सर्च इंजन के रिजल्ट को हाइजैक करने के लिए तैयार किया गया है, अगर कोई सर्च के बाद आए किसी रिजल्ट पर क्लिक करता है तो वह हाइजैकरों के कमांड और कंट्रोल वाले सर्वर में चला जाता है।
एडवाइजरी में कहा गया कि ऐसा होने के बाद ये बमिताल सर्वर विज्ञापन सर्वर को जोड़ देते हैं और सर्च करने के बाद वही रिजल्ट आता है जो हाइजैकरों की पसंद का होता है। ऐसा होने पर बिना यूजर इंटरैक्शन के भी इन विज्ञापनों पर क्लिक हो सकता है, आप और ज्यादा मुसीबतों के चंगुल में फंसते चले जाते हैं। एजेंसी ने इन खतरों के मद्देनजर सुरक्षा की खातिर इंटरनेट यूजर्स के लिए निर्देश भी जारी किए हैं। एजेंसी का कहना है कि बमिताल से लड़ने के लिए यूजर्स भरोसेमंद एंटीवायरस का इस्तेमाल करें। इसके अलावा डेस्कटॉप और सभी गेटवे लेवल पर अपडेटेड एंटीस्पाइवेयर सिग्नेचर्स का इस्तेमाल किया जाए।

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