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Thursday 30 November 2017 04:04:24 AM
आईजोल। राष्ट्रपति रामनाथ कोविद ने मिजोरम की राजधानी आईजोल में शहरी निर्धनों के लिए मिजोरम सरकार की आधारभूत सेवायोजना के अंतर्गत कमजोर वर्गों के लिए आवासीय परिसरों का उद्घाटन किया। राष्ट्रपति रामनाथ कोविद ने इस अवसर पर कहा कि नवीन मिजोरम के बिना न्यू इंडिया का होना संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि सभी के लिए आवास के साथ-साथ दिन प्रतिदिन बढ़ती शहरी जनसंख्या के लिए योजना का कार्य न केवल मिजोरम, बल्कि पूरे विश्व के लिए एक चुनौती है। उन्होंने कहा कि यह केंद्र सरकार का प्रमुख केंद्रबिंदु है। उन्होंने कहा कि ग़रीबों के लिए शहरी आधारभूत ढांचे के निर्माण की दिशा में कुछ उपलब्धियों को प्राप्त करने से वर्ष 2022 में स्वतंत्र भारत के 75 वर्ष पूरे होने पर लक्ष्य प्राप्ति में सहायक होगा।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविद ने कहा कि मिजोरम समाज की जीवटता सराहनीय है। उन्होंने कहा कि मिजोरम राजनीतिक मतभेदों के शांतिपूर्ण समाधान की दिशा में संपूर्ण विश्व के लिए एक प्रेरणास्रोत है। उन्होंने कहा कि वर्ष 1986 की मिजो संधि का सभी ने सम्मान किया और उग्रवाद का अंत हुआ, संधि के तहत सभी साझीदारों ने राज्य और स्थानीय निवासियों के लिए शांतिपूर्ण कार्य करने पर सहमति बनाई, यह समय का चमत्कार है। उन्होंने मिजोरम के लोगों के साथ-साथ गिरजाघरों, संबद्ध संगठनों, युवा और महिला समूहों, नागरिक समाज समूहों और राजनीतिक दलों को इस भाईचारे और सहयोग की भावना के लिए बधाई दी। राष्ट्रपति ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था आज विश्व में सबसे तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्थाओं में एक है। उन्होंने कहा कि कृषि में नवाचार से लेकर डिजिटल अर्थव्यवस्था, उत्पादन से लेकर सेवा क्षेत्र में बढ़ोतरी तक सफलता की कई गाथाएं हैं और मिजोरम के युवा इस गाथा के अभिन्न अंग हैं।
रामनाथ कोविद ने कहा कि मिजोरम के युवाओं ने देश के अलग-अलग भागों में सूचना प्रौद्योगिकी, अतिथि सत्कार और अन्य सेवा क्षेत्र उद्योगों में अपनी पहचान बनाई है, उनका कार्य मिजोरम के लिए सराहनीय है। उन्होंने कहा कि राज्य के युवाओं की शिक्षा और साक्षरता कौशल की हर जगह प्रशंसा हुई है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार राज्य में साक्षरता दर 91 प्रतिशत है, जो सच में प्रशंसा योग्य है। उन्होंने कहा कि मिजोरम के युवाओं महिलाओं एवं पुरूषों की मूल्य मान्यताएं, कार्यनीति, पेशेवराना अंदाज़ भी सराहना के योग्य हैं। राष्ट्रपति ने कहा कि हमें मिजोरम के युवाओं से बहुत उम्मीदें हैं, वे मिजोरम और भारत के भविष्य का निर्माण करेंगे, वे जोखिम लेने वाले उद्यमी, रोज़गार सृजनकर्ता हैं, जो हमारे भाग्य का सृजन करेंगे। उन्होंने कहा कि मिजोरम में और भी रोज़गार के अवसर सृजन की क्षमताएं मौजूद हैं।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविद ने कहा कि मिजोरम अन्य पूर्वोत्तर राज्यों की तरह देश की एक्ट ईस्ट पॉलिसी की कुंजी है, इस नीति से व्यापार बढ़ेगा और सभी लाभांवित होंगे। उन्होंने कहा कि मिजोरम के पास देने के लिए बहुत कुछ है। उन्होंने कहा कि उचित रूपसे उगाने पर बांस एक अद्भुत फसल बन सकता है, मूल्य संवर्धन से इसका प्रयोग विभिन्न उत्पादों को बनाने और रोज़गार के नए अवसरों का सृजन करने में किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि बागवानी भी बड़ी संभावनाओं वाला एक अन्य प्रमुख क्षेत्र है, मिजोरम में अन्नानास और पेशन फल की पैदावार बहुतायत में होती है, इनका बड़ा बाज़ार है और इसका स्थानीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग में व्यापक प्रयोग संभव है। उन्होंने कहा कि इससे राज्य के निवासियों के अद्भुत पारंपरिक कौशल को प्रौद्योगिकी से जोड़ा जा सकता है।