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Thursday 30 November 2017 05:46:46 AM
नई दिल्ली। भारत और सिंगापुर के बीच दूसरी रक्षामंत्री वार्ता नई दिल्ली में हुई, जिसमें भारतीय रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण और सिंगापुर के रक्षामंत्री डॉ एनजी इन्ग हेन ने दोनों देशों के बीच हस्ताक्षरित संशोधित रक्षा सहयोग समझौते के दौरान सिंगापुर सशस्त्रबल और भारतीय सशस्त्रबल के बीच लंबे समय से लंबित रक्षा संबंधों को सुदृढ़ बनाए जाने पर विचार-विमर्श किया। इस अवसर पर एक संयुक्त बैठक में रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण और सिंगापुर के रक्षामंत्री डॉ एनजी इन्ग हेन ने नेवी सहयोग के लिए भारत-सिंगापुर द्विपक्षीय वार्ता में सामुद्री सुरक्षा, संयुक्त अभ्यास, एक दूसरे की नाविक सुविधाओं से अस्थायी नियोजन एवं पारस्परिक लॉजिस्टिक सहायता में सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई।
भारत-सिंगापुर के रक्षामंत्रियों ने अगले वर्ष सिंगापुर-भारत सामुद्रिक द्विपक्षीय अभ्यास की 25वीं वर्षगांठ पर भी बातचीत की। सिंगापुर के रक्षामंत्री डॉ एनजी इन्ग हेन ने वायुसेना तथा सेना द्विपक्षीय समझौते के अंतर्गत सिंगापुर सशस्त्रबलों के भारत में प्रशिक्षण के लिए निरंतर सहायता की प्रशंसा की। दोनों रक्षामंत्रियों ने इस वर्ष जनवरी में 11वीं सिंगापुर-भारत रक्षानीति वार्ता के आधार पर वायुसेना द्विपक्षीय समझौते के नवीकरण का स्वागत किया और अगले वर्ष सेना द्विपक्षीय समझौते के सफलतापूर्वक नवीकरण की कामना की। क्षेत्रीय सुरक्षा के संबंध में दोनों रक्षामंत्रियों ने नौकायन और व्यापार के लिए अंतरराष्ट्रीय कानून के समरूप सामुद्रिक स्वतंत्रता को बनाए रखने के महत्व की पुन: पुष्टि की। भारत आशियान रक्षामंत्रियों की बैठक एडीडीएमएम प्लस में अहम भूमिका निभाता है।
भारत और सिंगापुर के रक्षामंत्रियों ने सभी एडीएमएम प्लस देशों को अनियोजित सामुद्रिक मुठभेड़ों के विस्तार तथा सैनिक वायुयानों के बीच अंतरिक्ष मुठभेड़ों के मार्ग निर्देश तैयार करने के सिंगापुर के प्रस्ताव पर भी विचार-विमर्श किया, ताकि गलत गणना के जोखिम को कम किया जा सके। भारतीय समुद्री क्षेत्र में भारत की बढ़ती हुई भूमिका की प्रशंसा करते हुए सिंगापुर के रक्षामंत्री डॉ एनजी इन्ग हेन ने भारत के उस प्रस्ताव पर सहमति जताई, जिसमें उनके सामुद्रिक क्षेत्र में निरंतर तथा संस्थानिक नाविक संलिप्तता एवं समान विचार वाले क्षेत्रीय या आशियान भागीदारों के साथ सामुद्रिक अभ्यास की व्यवस्था करना शामिल है। दोनों मंत्रियों ने अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा धमकियों तथा विशेषकर आतंकवाद की धमकियों से निपटने के संयुक्त रूपसे उपायों के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के महत्व पर जोर दिया। दोनों मंत्रियों ने संयुक्त अनुसंधान परियोजनाएं शुरू करने के लिए अक्टूबर 2006 में भारत-सिंगापुर रक्षा प्रौद्योगिक स्टेयरिंग समिति की स्थापना के दौरान से हुई प्रगति को भी प्रशस्त किया।
डॉ एनजी इन्ग हेन ने भारत की इस पेशकश की प्रशंसा की, जिसमें सिंगापुर को परीक्षण आयोजित करने तथा अनुसंधान एवं अभिकल्प परियोजनाओं के मूल्यांकन के आयोजनार्थ अपने परीक्षण केंद्रों और अवसंरचना का उपयोग करने की छूट दी है। सिंगापुर और भारत ने इस वर्ष अगस्त में रक्षा उद्योग कार्यकारी समूह के लिए विचारार्थ विषयों पर हस्ताक्षर करके रक्षा उद्योग सहयोग में भी प्रगति की है। दोनों मंत्रियों ने दोनों देशों के अंतरिक्ष, इलेक्टॉनिक्स तथा अन्य पारस्परिक महत्व के क्षेत्रों में भी अधिक सहयोग की सुविधा प्रदान करने पर सहमति जताई। डॉ एनजी इन्ग हेन ने स्थिर हिंद-प्रशांत क्षेत्र के भारत के विज़न को स्पष्ट करने के लिए 2018 सांगरी-ला वार्ता में मुख्य वक्ता बनना स्वीकार करने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा की।