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Wednesday 6 December 2017 05:20:21 AM
नई दिल्ली/ लखनऊ। राष्ट्रपति रामनाथ कोविद के नेतृत्व में आज राष्ट्र ने भारतरत्न बाबासाहब डॉ भीमराव अंबेडकर को उनके 62वें महापरिनिर्वाण दिवस पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। राष्ट्रपति ने संसद भवन परिसर में स्थित बाबासाहब की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। डॉ भीमराव अंबेडकर का महापरिनिर्वाण दिवस देश के बाहर रह रहे भारतवंशियों में भी मनाया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी बाबासाहब डॉ भीमराव अंबेडकर को उनके महापरिनिर्वाण दिवस पर नमन किया। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर मुंबई में चैत्यभूमि पर प्रार्थना करते हुए कुछ तस्वीरें भी साझा कीं। भारतीय संविधान के जनक डॉ भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू और लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने भी श्रद्धांजलि अर्पित की।
संसद भवन परिसर में केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के अंतर्गत स्वायत्तशासी संगठन अंबेडकर प्रतिष्ठान ने एक कार्यक्रम का आयोजन किया, जिसमें केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री थावर चंद गहलोत, राज्यमंत्री किशन पाल गुर्जर, विजय सांपला, रामदास अठावले, पीएल पुनिया, गृहमंत्री राजनाथ सिंह और गणमान्य व्यक्तियों ने भी डॉ भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर श्रद्धासुमन अर्पित किए। उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बाबासाहब डॉ भीमराव अंबेडकर के परिनिर्वाण दिवस पर डॉ भीमराव अंबेडकर महासभा के कार्यक्रम में उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। राज्यपाल राम नाईक ने इस अवसर पर कहा कि डॉ भीमराव अंबेडकर बेहद प्रतिभाशाली एवं अनोखे व्यक्तित्व के धनी थे, उन्होंने बहुत कष्ट उठाकर उच्च शिक्षा प्राप्त की और महान शिक्षाविद्, कानूनवेत्ता और समाज सुधारक बने।
उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने कहा कि वर्तमान समय में डॉ भीमराव अंबेडकर के संघर्ष को समझ पाना कठिन है, बाबासाहब भारतीय संविधान की ड्राफ्टिंग कमेटी के अध्यक्ष थे, जोकि अत्यंत चुनौतीपूर्ण कार्य था, संविधान निर्माण में बाबासाहब के योगदान को भारतवासी युगों-युगों तक स्मरण करेंगे। उन्होंने कहा कि प्रायः बाबासाहब का नाम भीमराव अंबेडकर लिखा जाता है, जोकि सही नहीं है। उन्होंने संविधान की हिंदी मूल प्रति पर बाबासाहब के हस्ताक्षर भीमराव रामजी आंबेडकर को सही बताते हुए सभी से इसे ऐसे ही अपनाने का आह्वान किया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बाबासाहब डॉ भीमराव आंबेडकर को भारतीय संविधान का शिल्पी बताते हुए कहा कि आज पूरा देश भारत माता के इस सपूत को अपनी श्रद्धांजलि दे रहा है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि छोटे से बड़ा होना महानता का लक्षण है, बाबासाहब ने महानता अपने कृतित्व से अर्जित की। उन्होंने कहा कि मध्यकाल में पैदा हुई छुआ-छूत और अस्पृश्यता की विकृति का शिकार बाबासाहब को भी अपने बचपन में होना पड़ा, किंतु उन्होंने सामाजिक बुराइयों का सामना करते हुए उच्च शिक्षा प्राप्त की और समाज के सामने एक मानक प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि आजादी के संघर्ष सहित भारत के संविधान में उनका अभूतपूर्व योगदान अविस्मरणीय एवं अभिनंदनीय है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के हर सरकारी कार्यालय में डॉ भीमराव रामजी आंबेडकर की तस्वीर सम्मानजनक ढंग से स्थापित की जाएगी। प्रधानमंत्री के कल 7 दिसंबर 2017 को नई दिल्ली में आंबेडकर भवन के उद्घाटन की जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र और प्रदेश सरकार डॉ भीमराव आंबेडकर के दलितों को मुख्यधारा से जोड़ने के सपने को साकार करने के लिए कटिबद्ध है।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद डॉ भीमराव आंबेडकर से जुड़े स्थलों यथा मध्य प्रदेश राज्य में उनकी जन्मभूमि, इंग्लैंड में उनका शिक्षा स्थल, दिल्ली में राजकीय भूमि, मुंबई में चैत्यभूमि आदि को महत्व देकर पंचतीर्थ के रूपमें विकसित किया गया है। स्टैंडअप योजना के तहत प्रत्येक बैंक की ब्रांच को कम से कम एक दलित को उद्यमिता के लिए प्रोत्साहित करने के लिए कहा गया है, इससे हजारों की संख्या में दलित नौजवानों को आगे बढ़ने का मौका मिला है, योजना के तहत प्रदेश में प्रत्येक वर्ष 35 हजार उद्यमी लाभांवित होंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हाथ से मैला उठाने की प्रथा को समाप्त करने के लिए राज्य सरकार प्रत्येक व्यक्ति को शौचालय उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्हों
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अनुसूचित जाति एवं जनजाति के छात्रों के खाते में छात्रवृत्ति की शत-प्रतिशत धनराशि अंतरित की गई है, राज्य सरकार ने शादी आदि अनुदानों को कार्यक्रम से पहले दिए जाने की व्यवस्था की है। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सामाजिक और आर्थिक विषमता समाज के लिए अभिशाप है, इसलिए हम सभी समतामूलक समाज के निर्माण के लिए प्रयासरत हैं। उन्होंने कहा कि डॉ भीमराव आंबेडकर जैसे व्यक्तित्व और कृतित्व के महापुरुष को पाठ्यक्रम में स्थान मिलना चाहिए, महापुरुषों के नाम पर होने वाली छुट्टियों के स्थान पर ऐसे दिवसों पर स्कूलों में संबंधित महापुरुष के बारे में विद्यार्थियों को जानकारी दी जानी चाहिए, जिससे भावी पीढ़ी महापुरुष के व्यक्तित्व एवं कृतित्व के बारे में जानकर उनसे प्रेरणा प्राप्त करे।
कार्यक्रम को श्रममंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य और बाबासाहब डॉ भीमराव अंबेडकर महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालजी प्रसाद निर्मल ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा ने अतिथियों के प्रति आभार प्रकट किया। इससे पूर्व राज्यपाल व मुख्यमंत्री ने डॉ अंबेडकर महासभा परिसर में स्थापित तथागत भगवान बुद्ध की प्रतिमा पर माल्यार्पण तथा बाबासाहब के अस्थिकलश पर पुष्पांजलि अर्पित की। राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने भारतरत्न बोधिसत्व बाबासाहब डॉ भीमराव अंबेडकर महासभा परिसर में स्थापित अनुसूचित जाति-जनजाति उत्पीड़न निवारण एवं सशक्तिकरण केंद्र का उद्घाटन भी किया। कार्यक्रम में राज्य सरकार के मंत्रिगण आशुतोष टंडन, बृजेश पाठक, दारा सिंह चौहान, धर्मपाल सिंह, गिरीश यादव, सुरेश राणा, स्वाती सिंह, प्रमुख सचिव सूचना अवनीश कुमार अवस्थी और अधिकारीगण मौजूद थे।