स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Saturday 9 December 2017 04:13:32 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास, प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, जन शिकायत राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने प्रशासनिक सुधार और जन शिकायत विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक समीक्षा बैठक की। उन्होंने विभाग की विभिन्न गतिविधियों के बारे में विचार-विमर्श किया। डॉ जितेंद्र सिंह इस बात पर प्रसन्न हुए कि उनके विभाग में शिकायत का जवाब देने का औसत समय घट गया है, यानी राजस्व विभाग में यह 2014 में 108 दिन था, जो इस वर्ष घटकर 25 दिन पर आ गया है, इसी प्रकार से दूरसंचार विभाग में यह 2014 में 19 दिन था, जो इस वर्ष घटकर 12 दिन हो गया है।
राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि 2014 की तुलना में लोगों की शिकायत दर्ज कराने की संख्या में सात गुना वृद्धि हुई है, जो 2 लाख से बढ़कर इस वर्ष करीब 14 लाख हो चुकी है, ऐसा इसलिए हुआ है कि शिकायतों पर तुरंत जवाब दिया जाता है। उन्होंने संतोष व्यक्त किया कि विभाग ने अबतक 99 प्रतिशत शिकायतों का निपटारा कर दिया है। डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि विभाग ने प्रशासनिक सुधार और जन शिकायत विभाग में शिकायत दर्ज कराने वाले शिकायतकर्ताओं में से अनेक ने फोन पर बातचीत की प्रक्रिया अपनाई है। उन्होंने बताया कि उन्होंने स्वयं पांच बार शिकायतकर्ताओं से बात की है। शिकायत प्रकोष्ठ के वरिष्ठ अधिकारी और प्रतिनिधि शिकायतकर्ताओं से उनके संतोष के स्तर की जानकारी हासिल करते हैं। उन्होंने कहा कि शिकायत के निपटारे और सुधार करने के बीच अंतर है और डीएआरपीजी जन शिकायतों के निपटारे के बारे में सोशल मीडिया पर एक जागरूकता अभियान शुरू करेगा।
डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि डीएआरपीजी राज्यों के मुख्य सचिवों को पत्र लिख रहा है कि वे केंद्र सरकार के सीपीजीआरएएमएस पोर्टल से अपने शिकायत प्रकोष्ठ को जोड़ें, इससे एकरूपता आएगी और शिकायतों के निपटारे में आसानी होगी। उन्होंने कहा कि ये पहल पारदर्शिता, जवाबदेही और नागरिक केंद्रित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन के समरूप है। उन्होंने राज्यों से अपील की कि वे प्रधानमंत्री के विजन के अनुरूप प्रयास करें। बैठक में जानकारी दी गई कि विभाग जल्द ही मंत्रालयों या विभागों के लिए एक डैशबोर्ड शुरू करेगा, जहां वे अपने मंत्रालयों या विभागों से जुड़ी शिकायतों के प्रमुख क्षेत्रों और उसके मुख्य कारणों का पता लगा सकेंगे।