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Tuesday 12 December 2017 04:36:29 AM
नई दिल्ली। भारत सरकार के प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन, परमाणु ऊर्जा एवं अंतरिक्ष विभाग में राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा है कि कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग खाली पड़े पदों को भरने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है, जिनकी संख्या साल-दर-साल बढ़ती जा रही है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार भ्रष्ट और नाकारा अधिकारियों को कतई बर्दाश्त न करने की नीति पर चल रही है और इसके साथ ही वह अच्छा कार्य करनेवाले अधिकारियों को पूरा संरक्षण भी दे रही है। डॉ जितेंद्र सिंह उनसे मुलाकात के लिए आए केंद्रीय सचिवालय के कर्मचारियों के एक शिष्टमंडल के साथ बातचीत कर रहे थे। शिष्टमंडल ने कनिष्ठ श्रेणी के कर्मचारियों को समय पर पदोन्नति न मिल पाने के मामलों में राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह से हस्तक्षेप करने का आग्रह किया। केंद्रीय सचिवालय एमटीएस एसोसिएशन की ओर से उन्हें एक ज्ञापन सौंपा गया, जिसमें कहा गया कि भारत सरकार के निम्नतम स्तरपर काम करने वाले कर्मचारियों को अपनी समूची सेवा अवधि के दौरान एक भी पदोन्नति नहीं मिल पाती।
राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि प्रशासनिक सुविधा और पैनलबद्ध करने में निष्पक्षता को ध्यान में रखते हुए सरकार ने इन तीन साल में प्रक्रियाओं को आसान बनाया है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पदोन्नति किसी व्यक्तिविशेष की मर्जी से न हों। उन्होंने बताया कि इस संबंध में परिष्कृत टेक्नोलाजी की मदद से प्रक्रियाओं को हाईटेक बना दिया गया है, जिससे मानवीय हस्तक्षेप की कम से कम गुंजाइश होगी। उन्होंने कहा कि अतीत में हर सरकार इस बात का श्रेय लेती रही है कि उसने नए नियम या कानून बनाए हैं, मगर मोदी सरकार ने ऐसे करीब 1500 नियमों को हटा दिया है, जो या तो पुराने पड़ चुके थे या समय बीतने के साथ-साथ उनकी उपयोगिता नहीं रह गई थी। उन्होंने कहा कि इस समूची कार्रवाई का उद्देश्य सिर्फ यह सुनिश्चित करना है कि जनता को कारगर तरीके से और समय पर अच्छे नतीजे मिलें और साथ ही कर्मचारियों को भी अपनी क्षमता के अनुसार बेहतरीन कार्य निष्पादन का अवसर प्राप्त हो।
डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि प्रशासन के सबसे निचले स्तर पर काम करने वाले कर्मचारियों को उनके समूचे 30-35 साल के सेवाकाल में एक भी पदोन्नति न मिलने का कोई मामला जब कभी उनके सामने आता है तो वे विचलित हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि इस बारे में मंत्रालय के सभी वरिष्ठ अधिकारियों के साथ उन्होंने चर्चा की है और प्रशासन के निचले तथा बीच के स्तर पर ठहराव को रोकने के लिए कई नए उपाय किए जा रहे हैं। डॉ जितेंद्र सिंह ने अदालती कार्रवाई की वजह से बड़ी संख्या में कर्मचारियों को पदोन्नति न मिल पाने पर भी खेद व्यक्त किया और कहा कि कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग अदालत में अपना पक्ष प्रस्तुत करने में कोई कसर नहीं छोड़ता मगर मुकद्मेबाज़ी से देरी होना स्वाभाविक है।