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Wednesday 13 December 2017 03:44:01 AM
नई दिल्ली। इसरो के चेयरमैन और अंतरिक्ष विभाग के सचिव एएस किरण कुमार ने सेमीकंडक्टर उपकरणों की भौतिकी पर चार दिवसीय 19वीं अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला का विधिवत उद्घाटन किया, जिसका उद्देश्य इलेक्ट्रोनिक्स, वीएलएसआई तकनीक, सेंसर, गेलियम नाईट्राईड, क्रिस्टल विकास, फोटो फोल्टेक्स, जैविक सेमी कंडक्टर, कम्प्यूटर गणना के लिए सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में अनुसंधान और विकास पर विचार-विमर्श हेतु एक अंतर्राष्ट्रीय मंच उपलब्ध कराना है। एएस किरण कुमार ने इस अवसर पर बताया कि रक्षा, अंतिरक्ष और अन्य अनुप्रयोगों में सेमीकंडक्टर की भूमिका पर विशेष जोर दिया गया है। कार्यशाला में सेमीकंडक्टर के अनुसंधान एवं विकास के क्षेत्र में कार्यरत प्रमुख उद्यमों ने भी अपने उत्पादों का प्रदर्शन किया है।
इसरो के चेयरमैन एएस किरण कुमार ने कहा कि भारत में सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रोनिक चिप निर्माण की संभावनाएं तलाश करते हुए मेक इन इंडिया को भी प्रोत्साहित करना है। एएस किरण कुमार ने स्वदेशी तकनीक के निर्माण और इसे अपनाने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने जानकारी दी कि अंतरिक्ष मिशनों में इस्तेमाल होने वाले कई उपकरणों का निर्माण डीआरडीओ की इकाई जीएईटीईसी करती है। कार्यक्रम की अध्यक्षता डीआरडीओ के चेयरमैन और रक्षा (आर एंड डी) विभाग के सचिव डॉ एस क्रिस्टोफर ने की। उन्होंने भारत में सेमीकंडक्टर या चिप निर्माण के लिए हर संभव सहयोग देने का वादा किया। उन्होंने आशा व्यक्त की कि मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत सौर ऊर्जा और एलईडी लाइट के क्षेत्र में इलेक्ट्रोनिक चिप निर्माण में मिलने वाले प्रोत्साहन पर भी ध्यान दिया जाएगा।
रक्षामंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार डॉ जी सतीश रेड्डी ने सेंसर, एमईएम प्रेशर सेंसर, जीएएन तकनीक पर आधारित मौड्यूल और आईआर डिटेक्टर के विकास पर जोर दिया। आईआईटी दिल्ली के निदेशक प्रोफेसर रामगोपाल राव ने उल्लेख किया कि सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में आईडब्ल्यूपीएसडी भारत में आयोजित होने वाला सबसे पुराना अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन है। यूएसए, यूरोप, भारत के प्रशांत क्षेत्र और अन्य देशों के विख्यात वैज्ञानिक, तकनीकी विशेषज्ञ कार्यशाला में भाग ले रहे हैं। कार्यशाला में 130 अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त विशेषज्ञों को व्याख्यान देने के लिए आमंत्रित किया गया है।