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Wednesday 13 December 2017 04:35:19 AM
नई दिल्ली। सिक्किम के ग्यारह स्थानीय समुदायों के एक प्रतिनिधिमंडल ने केंद्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास, प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, जन शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष विभाग में राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह से मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल में राय, सांगर, गुरुंग, थामी, भुजेल, जोगी, सन्यासी, गिरि, नेवर, खास (भवन और छेत्री) और दीवान (यखा) समुदाय के प्रतिनिधि शामिल थे। प्रतिनिधिमंडल ने अपने-अपने समुदायों को जनजातीय सूची में शामिल करने की मांग को लेकर राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह को एक ज्ञापन सौंपा। बैठक में प्रतिनिधिमंडल ने अपने समुदायों से जुड़े विभिन्न मसलों पर डॉ जितेंद्र सिंह से बातचीत की।
राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह के साथ बातचीत के दौरान प्रतिनिधिमंडल ने अपने समुदाय का राज्य विधानसभा में प्रतिनिधित्व, नौकरियों में आरक्षण, आयकर छूट और बुनियादी सुविधाओं जैसे मुद्दे उनके समक्ष रखे। प्रतिनिधियों ने सिक्किम और अपने-अपने समुदायों से जुड़े इतिहास, भूगोल और अन्य विषयों के बारे में प्रस्तुतिकरण दिया। प्रतिनिधिमंडल को संबोधित करते हुए डॉ जितेंद्र सिंह ने देश व राज्य में इन समुदायों के उल्लेखनीय योगदान की सराहना की और कहा कि वह सुनिश्चित करेंगे कि इन समुदायों के साथ हर स्तर पर न्याय हो, क्योंकि यह हमारा उत्तरदायित्व है कि समाज के सभी तबकों को न्याय मिले। उन्होंने कहा कि प्रतिनिधिमंडल के ज्ञापन को जनजातीय मामलों के मंत्रालय के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।
डॉ जितेंद्र सिंह ने सिक्किम के महत्व और योगदान की प्रशंसा करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूर्वोत्तर क्षेत्र को सदैव उच्च प्राथमिकता देते हैं और उन्होंने स्वयं सिक्किम का दौरा भी किया था। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने सिक्किम को ऑर्गेनिक स्टेट यानि जैविक राज्य घोषित किया है और सिक्किम देश का पहला खुले में शौच से मुक्त घोषित राज्य है। उन्होंने कहा कि राज्य की साक्षरता और सकल घरेलू उत्पाद दर बेहतर है और सिक्किम ने पर्यटन के क्षेत्र में भी अच्छा काम किया है। उन्होंने कहा कि सिक्किम ने देश के अन्य राज्यों के समक्ष अपनी एक खास ख्याति प्रस्तुत की है। इस अवसर पूर्वोत्तर मंत्रालय के कई वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।