स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Thursday 14 December 2017 05:21:00 AM
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि नगरीय क्षेत्रों में नगर निकायों को नागरिक सुविधाएं एवं सेवाएं उपलब्ध कराना एक चुनौती है, जिसे स्वीकार करते हुए संकल्पबद्ध होकर कार्य करना होगा। उन्होंने कहा कि नगर निकाय सक्षम बनें और जनता के प्रति जवाबदेही भी सुनिश्चित करें, क्योंकि जनता को बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराकर उसकी सेवा करना ही नगर निकायों की सबसे बड़ी ताकत होगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार नगरीय क्षेत्रों के विकास के मामले में धन की कमी आड़े नहीं आने देगी। उन्होंने कहा भाजपा सरकार विकास के लिए न तो कोई भेदभाव करती है और न ही किसी प्रकार का समझौता। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ये उद्गार इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में नवनिर्वाचित महापौरों और अध्यक्षों की कार्यशाला में व्यक्त किए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि नगरों के विकास और उनके रख-रखाव में महापौरों और अध्यक्षों की महत्वपूर्ण भूमिका है, वे सभी प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में निवास करने वाली लगभग साढ़े चार करोड़ की आबादी का प्रतिनिधित्व करते हैं, यह आबादी कई राज्यों और देशों से कहीं अधिक है, इसको बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने के मिशन को कार्ययोजना बनाकर पूरा किया जा सकता है। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अगर नवनिर्वाचित महापौर और अध्यक्ष जनता को सहूलियतें दिलाने में सफल रहेंगे तो वे जनविश्वास के प्रतीक के रूपमें उभरेंगे। उन्होंने कहा कि नागरिकों को स्वच्छ जलापूर्ति, साफ-सफाई, कूड़ा प्रबंधन, जल निकासी एवं सड़क परिवहन आदि की सुविधाएं उपलब्ध कराकर उनका विश्वास जीता जा सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि नगर निगमों के साथ-साथ नगर पंचायतों और नगरपालिका परिषदों का दायरा भी बेहद विस्तृत है, इसको समझते हुए कार्य करना होगा।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि नगरीय क्षेत्रों में केंद्र और राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं को प्रदेश में सफल और प्रभावशाली बनाने के लिए आवश्यक है कि सभी नगर निकाय अपने कार्यों में जनसहयोग को प्राप्त करें और जनता की आकांक्षाओं को पूरा करें। उन्होंने कहा कि वे नगरीय क्षेत्रों में दौरों के लिए निकलेंगे और स्वच्छता व पेयजल सहित नागरिक सुविधाओं की उपलब्धता के बारे में जमीनी सच्चाई से रू-ब-रू होंगे। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि नगरीय सेवाएं प्रदान करना राज्य सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है, स्वच्छ पेयजल और स्वच्छता के लिए योजनाबद्ध ढंग से कार्य किया जा रहा है। उन्होंने आह्वान किया कि सभी नगर निकाय स्वच्छता के लिए इस प्रकार से कार्य करें कि आने वाले समय में उनके नगरों को स्वच्छता की अच्छी रेटिंग मिल सके। उन्होंने सवाल किया कि अगर मध्य प्रदेश का इंदौर स्वच्छता की रेटिंग में नंबर वन हो सकता है तो उत्तर प्रदेश के नगर क्यों नहीं? इसके लिए जनसहभागिता के साथ सभी को मिलजुल कर कार्य करना होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि फेरी नीति का सही अनुपालन, फेरी व्यावसाइयों का व्यवस्थित पुर्नवासन और अवैध अतिक्रमण का हटाया जाना जरूरी है, इसके लिए फेरीवालों, पटरी व्यावसाइयों और व्यापारियों के साथ मिल बैठकर उन्हें विश्वास में लेते हुए कार्य किया जाए, इसीके साथ नगरीय क्षेत्रों को ट्रैफिक जाम, पॉलीथीन एवं प्रदूषण से मुक्त किया जाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि स्वच्छता का विशेष अभियान चलाकर साफ-सफाई के कार्य को गति दी जा सकती है, नालियों की सिल्ट सफाई का भी कार्य प्राथमिकता के स्तर पर किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि कूड़े के निस्तारण के लिए कार्य योजना होनी चाहिए, जिसमें डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन का अभियान शामिल हो, आवारा पशुओं की समस्या को भी दृष्टिगत रखते हुए कार्य योजना बनाई जाए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत राज्य सरकार ने समस्त नगरों को खुले में शौच की कुप्रथा से मुक्त करने का संकल्प लिया है, जिसको पूरा करने की दिशा में नगर निकायों को कार्य करना होगा। उन्होंने कहा कि विद्युत ऊर्जा की बचत के लिए नगरों की मार्ग प्रकाश व्यवस्था में एलईडी के प्रयोग को बढ़ावा दिया जा रहा है, जिसे सभी नगर निगमों को पूरा करना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि नगर निकायों को अपनी आमदनी को बढ़ाकर राजस्व आधार को मजबूती प्रदान करनी होगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लोगों को आवास उपलब्ध कराए जा रहे हैं, इसके लिए लाभार्थी का चयन पारदर्शिता के साथ किया जाना चाहिए, अफोर्डेबिल हाउसिंग स्कीम के तहत लोगों को अच्छे आवास उपलब्ध कराये जा सकते हैं।
नगर विकास मंत्री सुरेश खन्ना ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया और कहा कि नगर निकायों के सामने नागरिकों के जीवन को बेहतर बनाने की चुनौती है। उन्होंने कहा कि नगर निकाय से संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों की कार्यप्रणाली न्यायोचित, पारदर्शी व जनता के हित में होनी चाहिए, साथ ही उन्हें अपना व्यवहार पक्ष भी ठीक रखना होगा। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को स्मृति चिन्ह के रूपमें एक पुस्तक भेंट की गई। इस अवसर पर नगर विकास राज्यमंत्री गिरीश चंद्र यादव, नवनिर्वाचित महापौर एवं अध्यक्ष, प्रमुख सचिव नगर विकास मनोज कुमार सिंह, नगरआयुक्त, अधिशाषी अधिकारी और शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।