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Thursday 14 December 2017 11:50:36 PM
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य की नौकरशाही का अपने सख्त तेवरों से सामना कराते हुए कहा है कि जिलाधिकारी, एसपी-एसएसपी, मंडलायुक्त तथा शासन के प्रमुख सचिव और सचिव अपनी कार्यप्रणाली को और ज्यादा सुचारू बनाकर और भी बेहतर परिणाम दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि जिलाधिकारियों और पुलिस कप्तानों का जनता तथा जनप्रतिनिधियों से व्यवहार अच्छा होना चाहिए, वे जनप्रतिनिधियों का सम्मान करें और उनकी समस्याओं का प्राथमिकता देकर समाधान सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि जनसंख्या की दृष्टि से यह प्रदेश देश का सबसे बड़ा राज्य है, इस प्रदेश ने हमेशा से देश को नेतृत्व भी प्रदान किया है, जिसमें वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों का प्रमुख योगदान रहा है, मगर राष्ट्रीय स्तर पर उत्तर प्रदेश के नेतृत्व को बनाए रखने के लिए वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों को और अधिक प्रयास करने होंगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने अधिकारियों को काम करने की पूरी छूट दे रखी है, वे अपने दायित्वों के निर्वहन में अपनी श्रेष्ठता सिद्ध करें। मुख्यमंत्री विधानभवन के तिलक हॉल में आईएएस वीक को संबोधित कर रहे थे।
योगी आदित्यनाथ ने प्रभावी शब्दों में कहा कि जिलाधिकारी, एसपी-एसएसपी जनसमस्याओं का समाधान सुनिश्चित करें और जनता से संवाद स्थापित करें एवं लोगों को ऐसा न लगे कि उनकी सुनवाई नहीं हो रही है, क्योंकि संवाद स्थापित न होने के चलते ही काफी समस्याएं होती हैं। उन्होंने कहा कि जनता को गुणवत्तापरक प्रशासन उपलब्ध कराने के लिए सत्ता का विकेंद्रीकरण आवश्यक है और यह सच है कि कोई भी व्यक्ति अकेले सारा कार्य नहीं कर सकता। उन्होंने सुझाव दिया कि विभागों के उप विभागों से तालमेल बनाने से काम आसान होगा, इससे कमिश्नरी स्तर पर भी अच्छे परिणाम आएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार अपने कार्यकाल के आठ माह पूरे कर चुकी है, ऐसे में सभी अधिकारियों को शासन की मंशा भलिभांति पता चल चुकी होगी, इसलिए सुनिश्चित किया जाए कि जनपद स्तर की समस्याओं का समाधान जनपद में ही हो जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि शासन को कई जनपदों में अवैध खनन की शिकायतें अभी भी मिल रही हैं, इसलिए सभी जिलाधिकारी अपने-अपने जनपदों में अवैध खनन पर तुरंत रोक लगाएं। उन्होंने निर्देश दिए कि जिन जनपदों में अच्छे कार्य हुए हैं उनकी ‘सक्सेज स्टोरी’ प्रकाशित की जाए, ताकि लोगों तक उनकी जानकारी पहुंचे, जनता तक किसी भी घटना की तथ्यात्मक जानकारी पहुंचे, जिलाधिकारी संबंधित घटना की सही जानकारी तत्काल उपलब्ध कराएं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जनता की सुविधा के लिए अगले माह जनवरी से राज्य सरकार ‘सीएम हेल्पलाइन’ लागू कर रही है, जिसके तहत लोग अपनी समस्याओं की जानकारी दे सकेंगे। उन्होंने हिदायत के साथ कहा कि जिलाधिकारी जनपद से सम्बंधित समस्याओं का प्रभावी समाधान सुनिश्चित करें, शासन जनसमस्याओं की सुनवाई की स्थिति की मॉनीटरिंग करेगा, किसानों की समस्याओं के प्रति संवेदनशील रहें, उनसे संवाद स्थापित कर उनकी समस्याओं के समाधान के लिए सदैव तत्पर रहें। उन्होंने कहा कि जिलाधिकारियों का यह दायित्व है कि वे शासन की योजनाओं को जिला स्तर पर लागू कर उनका लाभ जनता को दिलवाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी भी अपनी गरिमा बनाएं रखें, उनकी जिम्मेदारियां भी तय की जा रही हैं, समस्याओं के समाधान पर उनका फोकस होना चाहिए। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि शासन की नीतियों की जानकारी जनता तक पहुंचाना तथा उनका लाभ सुनिश्चित कराना वरिष्ठ अधिकारियों की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि शासन और जनता उनसे बहुत उम्मीदें हैं। उन्होंने नौकरशाहों को अपनी कार्यशैली पर गम्भीर मंथन का सुझाव भी दिया। उन्होंने कहा कि प्रदेश को विकास के पथ पर आगे ले जाने की उनपर बड़ी जिम्मेदारी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि विभागाध्यक्ष सुनिश्चित करें कि उनका विभाग प्रभावी ढंग से कार्य करे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार लखनऊ में 21-22 फरवरी 2018 को ‘इन्वेस्टर्स समिट-2018’ का आयोजन कर रही है, इसके तहत प्रदेश में लगने वाले उद्योग-धंधों से राज्य के युवाओं को रोज़गार के अवसर उपलब्ध होंगे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि फाइलों का त्वरित निस्तारण हर स्तर पर सुनिश्चित किया जाए, इसके दृष्टिगत शासन द्वारा ई-ऑफिस व्यवस्था 22 विभागों में लागू की ही जा चुकी है, अन्य विभागों में भी इसे शीघ्र ही लागू किया जाएगा और उसके बाद में इसे जनपदों में भी लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि फाइलों के निस्तारण में तेजी लायी जाए और वरिष्ठ अधिकारी निर्णय लेने में देर न करें। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को निर्णय लेने की क्षमता विकसित करनी होगी। उन्होंने भरोसा दिलाया कि राज्य सरकार काम करने वाले अधिकारियों के साथ खड़ी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत सम्पादित होने वाले कार्यों को निर्धारित समय-सीमा में पूरा किया जाए। उन्होंने सुझाव दिया कि आईएएस वीक में जनता को बेहतर सेवाएं उपलब्ध कराने के तरीकों पर मंथन किया जाए। उन्होंने पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त टीएन शेषन का जिक्र करते हुए कहा कि वे भी एक वरिष्ठ अधिकारी थे और उन्होंने ऐसे चुनाव सुधार लागू किए जो आज भी प्रशंसनीय हैं। उन्होंने इंदौर के जिलाधिकारी का उल्लेख किया, जिसने अपने प्रयासों से जनपद की कायापलट कर दी। कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अपर निदेशक निखिल चंद्र शुक्ल, जिलाधिकारी गौतमबुद्धनगर तथा जिलाधिकारी गाजियाबाद ने प्रस्तुतिकरण भी दिए। कार्यक्रम में मुख्य सचिव राजीव कुमार, कृषि उत्पादन आयुक्त राजप्रताप सिंह, उत्तर प्रदेश आईएएस एसोसिएशन के अध्यक्ष एवं अध्यक्ष राजस्व परिषद प्रवीर कुमार, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त डॉ अनूप चंद्र पांडेय, पुलिस महानिदेशक सुलखान सिंह, बड़ी संख्या में आईएएएस अधिकारी उपस्थित थे।