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Saturday 16 December 2017 10:55:39 AM
नई दिल्ली। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका संजय गांधी ने महिलाओं के प्रति हिंसा को रोकने के लिए बहुक्षेत्रीय प्रतिक्रिया व्यवस्था को मज़बूत करने में ‘सखी वन स्टॉप केंद्र’ की भूमिका पर नई दिल्ली में दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला को संबोधित किया। कार्यशाला का आयोजन महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की ओर से किया गया था। कार्यशाला में देशभर के 33 राज्यों, संघ शासित प्रदेशों के राज्य महिला एवं बाल विकास विभागों के करीब 400 सखी वन स्टॉप केंद्र कर्मी और नोडल अधिकारी आए। प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए मेनका संजय गांधी ने कहा कि वन स्टॉप केंद्र योजना हिंसाग्रस्त महिलाओं की रक्षा एवं मदद करने की दिशा में उनके मंत्रालय की अत्यंत कारगर पहल है। मेनका संजय गांधी ने ओएससी के प्रशासकों से आग्रह किया कि वे केंद्र सरकार से जुड़े विभिन्न मुद्दों और परेशानियों के बारे में नियमित रूपसे मंत्रालय को अपनी प्रतिक्रिया भेजें, ताकि निर्धारित समयसीमा में उनका समाधान निकाला जा सके।
मेनका संजय गांधी ने कहा कि सखी वन स्टॉप केंद्र योजना के महत्व को ध्यान में रखते हुए यह सुनिश्चित किया जाना अनिवार्य है कि वन स्टॉप केंद्रों को पूर्ण पेशेवर एवं कुशल तरीके से चलाया जा रहा है और केंद्र में आने वाली संकटग्रस्त महिलाओं के साथ पूर्ण सहानुभूति बरती जाए। उन्होंने कहा कि सखी वन स्टॉप केंद्रों का उद्देश्य महिलाओं को सुरक्षित एवं खुशहाल माहौल उपलब्ध कराना है। उन्होंने कहा कि पहले वन स्टॉप केंद्र की शुरुआत छत्तीसगढ़ में रायपुर में की गई थी और कुछ ही समय में यह केंद्र तनावग्रस्त महिलाओं के लिए एक जीवनरेखा बन गया है, तब से देशभर के विभिन्न हिस्सों में बड़ी संख्या में ओएससी केंद्रों की स्थापना की जा चुकी है। उन्होनं कहा कि उनका मंत्रालय इन केंद्रों की कार्यशैली और केंद्रों में कार्यरत कर्मचारियों में क्षमता निर्माण की नियमित रूपसे निगरानी कर रहा है, मंत्रालय इन केंद्रों के साथ विभिन्न श्रेणियों में जुड़ी नर्सों, मनोचिकित्सकों, वकीलों और पुलिसकर्मियों के लिए एक उच्चस्तरीय प्रशिक्षण पाठ्यक्रम विकसित करेगा।
सखी वन स्टॉप केंद्र पर दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन देशभर में कार्यरत वन स्टॉप केंद्रों की गुणवत्ताओं में सुधार करने और केंद्रों को अधिक मज़बूत बनाने और कार्यशाला का उद्देश्य स्वास्थ्य क्षेत्र के साथ काम करने और काम के दौरान आने वाली चुनौतियों और दुविधाओं से मिली सीख के विनिमय के लिए वर्तमान प्रथाओं की समीक्षा करना, वीएडब्ल्यू के समाधान के लिए विशिष्ट विभागों की कार्ययोजना पर चर्चा करना, स्वास्थ्य, गृह विभाग, डीएलएसए, एसएलएसए नामक कानूनी विभाग, हितधारकों के बीच कामकाज के कंवर्जेंस मॉडल को मज़बूत एवं प्रोत्साहित करना, पीड़ित या हिंसा से बचे लोगों को गुणवत्तापूर्ण सुविधा मुहैया कराने के लिए समूह कार्यसत्र के ज़रिए सेवा आपूर्ति मॉडल विकसित करना, निर्भया डैशबोर्ड की शुरुआत करना-एक वास्तविक समय आधारित ओएससी और महिला हेल्पलाइन डाटा देखरेख प्रणाली और विभिन्न राज्य, संघशासित प्रदेशों के बीच ओएससी की कार्यप्रणाली की बेहतर व्यवस्थाओं से आपस में सीखने की प्रणाली विकसित करना। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के सचिव राकेश श्रीवास्तव ने भी वन स्टॉप केंद्र योजना के महत्व पर प्रकाश डाला।