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Tuesday 19 December 2017 12:25:05 AM
नई दिल्ली। भारत सरकार के कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय के प्रशिक्षण महानिदेशक और मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड ने कौशल विकास एवं उद्यमिता राज्यमंत्री अनंत कुमार हेगड़े की उपस्थिति में एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए। समझौते के अंतर्गत कौशल भारत मिशन के तहत युवाओं को ऑटोमोबाइल एवं विनिर्माण उद्योग से संबंधित उच्च रोज़गार संभावनाएं वाले कारोबार मुहैया कराए जा सकेंगे। इस फ्लेक्सी एमओयू पर डीजीटी (एमएसडी) के महानिदेशक विजय कुमार देव और मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड के उपाध्यक्ष मुकेश कुमार गुप्ता ने हस्ताक्षर किए। उद्यमिता राज्यमंत्री अनंत कुमार हेगड़े ने इस अवसर पर कहा कि यह एक अत्यंत महत्वपूर्ण पहल है और इस क्षेत्र में मारुति दो वर्ष से बुनियादी प्रशिक्षण देती आ रही है। उन्होंने कहा कि हमारे पिछले संवाद के दौरान कंपनी ने अपनी पहुंच बढ़ाने संबंधी इरादा व्यक्त किया था।
कौशल विकास एवं उद्यमिता राज्यमंत्री अनंत कुमार हेगड़े ने सुझाव दिया कि मारुति को बुनियादी प्रशिक्षण के साथ-साथ उन विद्यार्थियों को अग्रिमस्तर का प्रशिक्षण भी देना चाहिए, जो इस दिशा में अपनी जानकारियां और ज्यादा बढ़ाने को उत्सुक हैं, फिलहाल यह प्रशिक्षण 10वीं एवं 12वीं कक्षा उत्तीर्ण करने वाले विद्यार्थियों की जरूरतों को पूरा करता है। उन्होंने कहा कि ऑटोमेशन एवं ऑटोमोबाइल क्षेत्र से जुड़े सहायक उद्योगों में ऐसी विभिन्न कंपनियां कार्यरत हैं, जिनका संचालन उद्यमी करते हैं, इन उद्यमियों को अपना कारोबार सफलतापूर्वक चलाने के लिए आरंभिक प्रशिक्षण की सख्त जरूरत है। उन्होंने कहा कि मारुति इन नवोदित उद्यमियों के लिए विशेष पाठ्यक्रम तैयार कर सकती है, क्योंकि कौशल प्रशिक्षण और उद्यमिता एक ही सिक्के के दो अहम पहलू हैं। उन्होंने बताया कि समझौते के तहत डीजीटी के साथ सलाह-मशविरा करके मारुति सुजुकी ऑटोमोबाइल उद्योग की जरूरतों के अनुरूप विशिष्ट प्रशिक्षण मॉड्यूल विकसित करेगी।
अनंत कुमार हेगड़े ने बताया कि यह मारुति कंपनी आईटीआई, क्षेत्रीय प्रशिक्षण केंद्रों, प्रशिक्षणदाता भागीदारों के प्रशिक्षण केंद्रों और संबंधित वेंडरों, डीलरों के यहां उपलब्ध सुविधाओं एवं सेवाओं से लाभ उठाते हुए देशभर में विभिन्न स्थानों पर अपने पाठ्यक्रम शुरू करेगी, जिनमें विनिर्माण, ऑटोमोटिव सेवा एवं मरम्मत, ऑटोमोटिव बॉडी मरम्मत एवं ऑटोमोटिव पेंट मरम्मत शामिल हैं। उन्होंने बताया कि सफल प्रशिक्षु मारुति सुजुकी अथवा इसके व्यावसायिक भागीदारों के यहां रोज़गार पाने के पात्र होंगे, हालांकि इससे पहले इन प्रशिक्षुओं को मारुति सुजुकी अथवा इसके व्यावसायिक भागीदारों के चयन पैमाने पर खरा उतरना होगा। उन्होंने बताया कि 15 दिसंबर 2017 तक 1680 से भी ज्यादा विद्यार्थियों ने संबंधित पाठ्यक्रम में अपना नामांकन करा लिया है और यह आंकड़ा वित्तवर्ष 2018-19 तक बढ़कर 2400 हो जाने की आशा है।