Tuesday 2 January 2018 04:21:30 AM
दिनेश शर्मा
लखनऊ। धर्मपाल सिंह, यह नाम सबसे पहले उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की कल्याण सिंह के नेतृत्व में बनी पहली सरकार में राज्यमंत्री के रूपमें सामने आया और जब-तब से उत्तर प्रदेश में भाजपा में यह नाम चमकता आ रहा है। उत्तर प्रदेश के पश्चिमी भाग में रूहेलखंड क्षेत्र के सर्वाधिक चर्चित विधानसभा क्षेत्रों में एक आंवला विधानसभा से जीतकर आने वाले भाजपा के इस राजपूत किसान की राजनीतिक शक्ति का हमेशा इकबाल देखा गया है। संघ के संस्कारों से समृद्धशाली धर्मपाल सिंह 2014 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उत्तर प्रदेश में बरेली में पहली किसान विजय शंखनाद रैली का संयोजक यूं ही नहीं बनाया था। भाजपा को धर्मपाल सिंह की संगठनात्मक क्षमता जनता और किसानों के बीच पकड़ का भारी विश्वास था, जो उस दिन भारी सफलता के रूपमें देखा गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी के तमाम नेता उस रैली को देखकर कह रहे थे कि देश में भाजपा की सरकार बनने जा रही है।
धर्मपाल सिंह जिस राजपूत वर्ग से आते हैं, उत्तर प्रदेश में कभी उस वर्ग के सिरमौर कल्याण सिंह कहे जाते थे, लेकिन कोई माने या न माने आज यह ताज धर्मपाल सिंह के पास है। भारतीय जनता पार्टी नेतृत्व को अपने इस नेता की निष्ठा और क्षमताओं पर भारी यकीन है, इसीलिए लोकसभा चुनाव के पहले उत्तर प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के भावी अध्यक्ष के रूपमें भी यह नाम कई बार लिया गया। धर्मपाल सिंह इस समय योगी आदित्यनाथ के मंत्रिमंडल के वरिष्ठ सदस्यों में सिंचाई मंत्री हैं। सिंचाई विभाग में उनकी कार्यशैली सख्त किंतु सह्दयी मानी जाती है। उन्होंने भ्रष्टाचार पर कड़ी कार्रवाई की है। यह तथ्य भी उल्लेखनीय है कि धर्मपाल सिंह ने उत्तर प्रदेश के सूखाग्रस्त बुंदेलखंड को पानी देने और पूर्वांचल एवं पश्चिमांचल में बाढ़ से बचाव के कारगर प्रबंध करके भारी नुकसान से बचाने में अपनी श्रेष्ठता सिद्ध की है। धर्मपाल सिंह अपने विभाग के इंजीनियरों और कार्मिकों को इसका श्रेय देते हैं तो सबसे ज्यादा श्रेय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को देते हैं, जिन्होंने उत्तर प्रदेश को बाढ़ और सूखे से बचाने के लिए कदम-कदम पर उनका सहयोग किया है। इस समय उनका ध्यान प्रयाग कुंभ पर है, जहां निर्मल और स्वच्छ जल के अविरल प्रवाह की तैयारी है। धर्मपाल सिंह से कई ऐसे मुद्दों पर स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम की बातचीत हुई-
धर्मपालजी! आप लोकसभा चुनाव-2014 में भाजपा की तैयारियों के लिए उत्तर प्रदेश में रुहेलखंड बरेली से शुरू हुई भाजपा की पहली किसान और विजय शंखनाद रैली के संयोजक बनाए गए थे, जो न केवल एक महारैली कहलाई, बल्कि इससे विजय संदेश निकला कि देशभर में भाजपा की प्रचंड लहर शुरू हो गई है, जो देशमें भाजपा को प्रचंड जनादेश का कारक बनी और भाजपा की अनवरत जीत का वो सिलसिला आज तक जारी है....
'किसान मजबूत तो उत्तर प्रदेश मजबूत'
जी! आपका प्रश्न बहुत अच्छा है, सच में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश नेतृत्व ने मुझे इस शंखनाद किसान रैली का संयोजक बनाया जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हुई, वह एक बड़ी और ऐतिहासिक रैली थी, उसी रैली से श्रीगणेश हुआ और फिर उसीके अनुसार उत्तर प्रदेश में और बाकी रैलियां हुईं और उन्हीं रैलियों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की थी कि हम उत्तर प्रदेश के किसानों और देश के किसानों की आय दोगुनी करेंगे और उन्होंने प्रधानमंत्री बनते ही इस विषय को बजट में भी लिया, मैं इस समय भी भाजपा प्रदेश का उपाध्यक्ष हूं और संगठन का भी काम मैं रूचि से करता हूं, मैं उत्तर प्रदेश सरकार में सिंचाई मंत्री भी हूं, सरकार में जो यह जिम्मेदारी मुझे मिली है, उसमें मेरा विभाग किसानों से जुड़ा विभाग है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्राथमिकता का विभाग है, मुख्यमंत्री योगीजी भी इसपर ध्यान देकर काम कर रहे हैं, हमारी सरकार का प्रयास है कि उत्तर प्रदेश के किसान की आर्थिक स्थिति मजबूत हो, जब किसान मजबूत होगा तो उत्तर प्रदेश मजबूत होगा, किसान की आय और प्रदेश की जीडीपी नापने का पैमाना कृषि है, कृषि प्रभावित होती है तो अर्थव्यवस्था प्रभावित होती है और कृषि ठीक होती है तो अर्थव्यवस्था ठीक होती है, हमारे प्रदेश का किसान उदास हताश नहीं होगा, हमारा मानना है कि किसान हंसता है तो पूरा प्रदेश हंसता और किसान रोता है तो पूरा प्रदेश रोता है, इसीके लिए प्रधानमंत्रीजी ने पूरे देश में किसानों की फसलों का बीमा कराया, उसीके अनुसार योगी सरकार की पहली ही कैबिनेट में किसानों का एक लाख रुपये तकका कर्जा माफ हुआ और किसानों के लिए ऐसे निर्णय लिए गए, जो किसान हितैषी हैं, उत्तर प्रदेश की सरकार ने इन नौ महीने में बड़े क्रांतिकारी परिवर्तन किए हैं, जो आम नागरिक को केंद्र मानकर काम किए जा रहे हैं।
यूपी में पहली सफल किसान और विजय शंखनाद रैली में आपपर प्रधानमंत्रीजी का इतना बड़ा विश्वास आपके लिए आगे और भी अच्छा करने की एक चुनौती तो पैदा करता ही है....
'हमारी नदियां देश की धन-दौलत'
प्रधानमंत्रीजी का विश्वास मेरे लिए एक चुनौती नहीं, बल्कि मेरे लिए एक अवसर प्रदान करता है और उन्होंने मुझेजो अवसर दिया है मैं उस अवसर पर खरा उतरने का काम कर रहा हूं, आज पूरा देश मोदीजी की ओर देख रहा है, बल्कि पूरी दुनिया के लोगों ने उनका लोहा मान लिया है, मोदीजी हमारी भारतीय सभ्यता, भारतीय व्यवस्था, भारतीय संस्कृति, भारतीय विकास को बहुत आगे लेजाने का काम कर रहे हैं, भारत फिर जगतगुरु की श्रेणी में जाने के लिए तैयार है और पहले जो भारत सोने की चिड़िया कहा जाता था, अब सच में सोने की चिड़िया ही कहा जाएगा, मोदीजी ने भारत को सोने की चिड़िया का वैभव लौटाने का काम किया है, जैसे मेरे पास सिंचाई विभाग है, मैंने अपने विभाग के अधिकारियों की बैठक में कहा है कि उत्तर प्रदेश की जो नदियां मर गई हैं, उन्हें पुर्नजीवित करना है, क्योंकि देश की धनदौलत रुपया-पैसा सोना-चांदी ही नहीं है, देश की दौलत धरती है और धरती पर बहने वाली नदियां हैं, जो आज विलुप्त हो रही हैं, नदियों के किनारे एक सभ्यता थी, जिसका दफन हो चुका है, हम विलुप्त हुई नदियों के संरक्षण का काम कर रहे हैं, सिंचाई विभाग के माध्यम से हम किसानों के खेतों को पानी भी देने का काम कर रहे हैं और स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था का भी काम कर रहे हैं।
धर्मपालजी! आपकी प्राथमिकताएं क्या थीं और उन्हें पूरा करने में आप कहां तक पहुंचे हैं, क्योंकि सिंचाई विभाग बड़ा चुनौतीपूर्ण विभाग है और आप जानते ही हैं कि उत्तर प्रदेश बहुत बड़ा राज्य है, सिंचाई विभाग से बहुत अपेक्षाएं हैं इसके अंदर गंगा आती है, 2019 में प्रयाग में कुंभ भी होने वाला है, इस प्रकार आपके सामने आगे और बड़ी चुनौती है...
'हमारे साथ बड़ी जिम्म्ेदारियां'
आपका प्रश्न बड़ा महत्वपूर्ण है, हमारा सिंचाई विभाग अंतर्राज्यीय और अंतर्राष्ट्रीय दोनों स्तर पर काम करता है, अंतर्राज्यीय हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, हरियाणा, उत्तराखंड हैं तो अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर नेपाल है, इन सारी जगहों से जो नदियां निकलती हैं, ये सब नदियां उत्तर प्रदेश से होकर जाती हैं, इसलिए हमारी जिम्मेदारी में सभी स्तरों पर अंतर्राज्यीय संबंध स्थापित करना और अंतर्राष्ट्रीय संबंध स्थापित करना है, ताकि इन नदियों से जो पानी आ रहा है उसका हर स्तरपर सदुपयोग हो, नदियां अपने निर्मल जल के साथ उत्तर प्रदेश और उसके किसानों के काम आएं, इनसे पेयजल मिले और इनकी सभ्यता भी बनी रहे। इस समय उत्तर प्रदेश में पानी का अभाव है, उत्तर प्रदेश में नदियां हैं, सिस्टम का भी अभाव है, हमारे साथ ये बड़ी जिम्म्ेदारियां हैं, जिन्हें हम राज्यों, अपने विभागीय अधिकारियों, कर्मचारियों, किसानों और जनता के समन्वय से विकासउन्मुख एवं एकीकरण से जोड़ रहे हैं।
सिंचाई विभाग के साथ काम करते हुए क्या समस्याएं और जनप्रतिनिधियों की क्या-क्या अपेक्षाएं आपके सामने आई हैं, आप किस प्रकार की अपेक्षाओं और चुनौतियों का सामना कर रहे हैं, आप अपने क्षेत्र में जाते हैं लोगों की नई डिमांड आती हैं....
'पहलीबार जल प्रबंधन समितियों का चुनाव'
प्रधानमंत्रीजी की अपेक्षा है उत्तर प्रदेश में किसानों की आय दोगुनी करने की वन ड्रॉप मोर ग्राफ, यानी एक बूंद से अधिक फसल का उत्पादन, प्रधानमंत्री इज़राइल गए थे, हम इज़राइल पद्धति से इस सिस्टम को उत्तर प्रदेश में लागू कर रहे हैं, मुख्यमंत्री योगीजी ने इसपर बहुत ध्यान दिया है, इसलिए हमें वन ड्रॉप मोर ग्राफ ड्रिप स्प्रिंग लक्ष्य चाहिए, योगी सरकार ने ग़रीब किसान का एक लाख तक का जो कर्जा माफ किया है, क्षेत्र में इसके लिए सराहना मिलती है, यह बहुत बड़ा निर्णय है, उत्तर प्रदेश में जो सीमांत और लघु सीमांत किसान हैं, उनको ड्रिप इरिगेशन, माइक्रो इरिगेशन करने के लिए ड्रिप स्प्रिंग पद्धति और ट्रिपल पद्धति से सिंचाई करने के लिए नब्बे प्रतिशत का अनुदान मिलेगा, यानी किसान को सिंचाई का जो पाइप सौ रुपये में मिलता है, लघु और सीमांत किसानों को वो अब दस रुपये में मिलेगा, ट्रिपल पद्धति का जो पाइप सौ रुपये में मिलता है उसपर उत्तर प्रदेश के सभी किसानों को अब अस्सी प्रतिशत का अनुदान मिलेगा, यानी अब वो पाइप बीस रुपये में मिलेगा, ड्रिप इरिगेशन में योगी सरकार ने बहुत बड़ा काम किया है, प्रधानमंत्रीजी की अपेक्षा के अनुसार योगी सरकार काम कर रही है, हम किसानों को खेतों तक पानी देने का प्रबंध कर रहे हैं, हमने नहरों की सफाई कराई है, इसके लिए हम एक और अच्छा कर रहे हैं जो इन साठ-सत्तर सालों में भी नहीं हो पाया है, हम जल प्रबंधन समितियों का चुनाव करा रहे हैं, जो पहलीबार हो रहा है, हमारी मतदाता सूची बन रही है, मार्च तक हम तीन समितियों का चुनाव कराएंगे, एक कोलावा समिति, एक अल्पिका समिति और एक नैव समिति, इन तीनों समितियों का चुनाव करा रहे हैं, ताकि वारबंदी निश्चित हो, कौनसे दिन किस किसान का नंबर आएगा, उसके लिए किसानों के दिन तय कर देंगे, ताकि पानी व्यवस्थित चलता रहे और घर-खेत को हर हाथ को काम और पानी मिले।
विधायकों जनप्रतिनिधियों में आपके एक फैसले की काफी प्रशंसा है कि जिलों में विभागीय कार्यों के संपादन को सांसद विधायक जनप्रतिनिधि भी देखेंगे, यानी क्षेत्र में जो सिंचाई योजनाएं चल रही हैं, वे भी उनकी गुणवत्ता देखेंगे कि उनका इंप्लीमेंटेशन ठीक हो रहा है कि नहीं और वह आपको जो रिपोर्ट देंगे आप उसके अनुसार आगे कार्रवाई करेंगे....
'जनप्रतिनिधियों की रिपोर्ट पर कार्रवाई'
जीहां! जनप्रतिनिधियों की जनता के प्रति जवाबदेही होती है, वह जनता और क्षेत्र की व्यवहारिक समस्याओं से रू-ब-रू होते हैं, उनके सुझावों और शिकायतों को कैसे अनदेखा किया जा सकता है? इसलिए स्थलीय कार्यों और स्थानीय कार्यप्रणाली पर केवल विभागीय ही नहीं, बल्कि जनप्रतिनिधि की जानकारी और राय का अपना दायित्व और महत्व होता है, हमने क्षेत्र में विधायकों की मान्यता का संबंध मानकर, विधायकों से प्राप्त सूचनाओं और शिकायतों को सही मानकर, अपने विभाग के एक सौ तीस करोड़ रुपये का भुगतान रोक दिया है, ग्यारह सौ करोड़ का भुगतान था हमने उसको भी रोक दिया है और अब हम डीएम के माध्यम से भी सूचना ले रहे हैं, हमने ड्रोन कैमरे से भी कार्यों का परीक्षण कराया है तो हमने अभी भुगतान रोक दिया है, कार्यस्थल माननीय विधायकों का क्षेत्र है, उनकी सूचना आने पर ही भुगतान होगा।
कवि दुष्यंत की रचना है-बाढ़ की संभावनाएं सामने हैं और नदियों के किनारे घर बसे हैं, कैसा है आपका विभाग, जिसका संबंध इतना गहराई तक जुड़ा हुआ है, क्या बोलना चाहेंगे....
नदियों की धारा में शॉपिंग कॉंप्लेस व बारातघर?
प्रश्न बहुत गंभीर है और आपने अच्छा प्रश्न किया है, बाढ़ कभी भी नियमों में नहीं बंधती है, और जो नियम से बंधते हैं, लोग उससे नहीं डरते, लोग इसलिए डरते हैं, क्योंकि बाढ़ जहां जाती है, वहां सारे नियम बंधन तोड़ देती है, लेकिन हां, हमारा भी एक रिवर एक्ट है, जिससे हम नदियों का सम्मान भी कर रहे हैं, नदियों को हम माँ कहते हैं और वृक्षों को देवता कहते हैं, माँ कभी नुकसान नहीं करती है, जब बाढ़ आती है तो वह कुछ देकर भी जाती है, किसान उम्मीद करता है कि बाढ़ आ रही है तो हमारी खेती की ज़मीन ठीक हो जाएगी, लेकिन समस्या वहां उत्पन्न होती है जब लोग फ्लड जोन में बस जाते हैं, नदी की एक धारा है, नदी की भी एक संतति और संपत्ति है, अब नदी में ही जाकर बस जाओगे तो फिर बाढ़ में ही बह जाओगे, सही बात है कि लोग फ्लड जोन में अतिक्रमण कर रहे हैं, नदियों के सीने चीर करके नदियों को नुकसान पहुंचाने का काम कर रहे हैं, इतना ही नहीं मैं गंभीरता से कह रहा हूं कि लोगों ने नदियों की धारा में शॉपिंग कॉंप्लेस बना लिए हैं, लोगों ने नदियों की धारा में बारातघर बना लिए हैं, योगी सरकार उनको तुड़वाने का काम करेगी, नदी नेचुरल वे में बहे, नदियों का हम सम्मान करते हुए, नतमस्तक होते हुए, नदी लाभकारी हो, विनाशकारी न हो, हम ये प्रयास करेंगे।
नमामि गंगे का लाभ और प्रयाग में कुंभ स्नान की तैयारियां कहां तक पहुंची हैं, संगम पर आपको नहाने और पीने का गुणवत्तायुक्त जल देना है....
'हरिद्वार से निकलेगी कुंभ की जलधारा'
इस बार हम हरिद्वार से प्रयाग कुंभ-2019 के लिए जल भेजेंगे, क्योंकि पूरे माघ के महीने में भी वहां स्नान होता है, मैं हरिद्वार से जल छुड़वाकरके इलाहाबाद जाऊंगा और आदेश कर दिए गए हैं कि प्रयाग कुंभ में स्नान के लिए हरिद्वार से पानी छूटेगा और मुख्यमंत्री योगीजी के कथनानुसार देश-दुनिया देखेगी कि इसबार का प्रयाग कुंभ ऐतिहासिक होगा, जहां हम स्वच्छ, निर्मल और अविरल जल देने का काम करेंगे, हरिद्वार से निकलने वाली यह जलधारा, निर्मल और अविरल होगी, जिसमें स्नान करके श्रद्धालू अपनी आध्यात्मिक आत्मसंतुष्टि को प्राप्त होंगे, निश्चित रूपसे उत्तर प्रदेश का सिंचाई विभाग कुंभ में अपने जल प्रबंधन की श्रेष्ठता सिद्ध करेगा, जल का प्रवाह निर्मलता और गुणवत्ता से परिपूर्ण हो, इसमें कोई भी कोताही नहीं होगी।
शासन और स्थानीय प्रशासन में गर्वनेंस यानी डिलीवरी किसी भी लोकप्रिय सरकार का एक बुनियादी विषय है, जिसमें डीएम, एसडीएम तहसीलदार और थाने राजनीतिक व प्रशासनिक दृष्टि से महत्वपूर्ण विषय होते हैं, लोग चाहते हैं कि उनका तत्काल काम हो, उनको नाहक ही भटकना न पड़े, आप योगी सरकार के वरिष्ठ मंत्री ही नहीं हैं, बल्कि भाजपा संगठन के भी जिम्मेदार नेता हैं, इसलिए आपपर भी सुशासन का बड़ा दबाव है...
'हां डिलीवरी सिस्टम में खामी है'
मुख्यमंत्री योगीजी ने हर मंत्री के विभाग में बारह विधायक दिए हैं, इस व्यवस्था के तहत उत्तर प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के छह क्षेत्र हैं, हर क्षेत्र से दो-दो विधायक हैं, मुख्यमंत्रीजी से बात न होने की स्थिति में वे संबंधित मंत्री से बात करके अपनी समस्या का समाधान करेंगे, हम मानते हैं कि हां डिलीवरी सिस्टम में खामी है, पुलिस दरोगा अभी वैसी ही पद्धति में बैठे हैं, मगर अब धीरे-धीरे भाजपा सरकार नीतियों के अनुरूप बदल रहे हैं, योगी सरकार की मंशा के अनुसार प्रदेश में प्रशासनिक अधिकारियों को काम करना ही पड़ेगा, अन्यथा उनको बहुत सख्त कार्रवाई का सामना करना होगा, इसलिए जनहित में जनता की अपेक्षाओं का सम्मान और समस्याओं का समयबद्ध समाधान करना होगा, लोगों की आवाज़ भगवान की आवाज़ कहलाती है, योगी सरकार बहुत बड़े विश्वास पर आधारित है और मेरा मानना है कि जहां से राजाओं का राज्य समाप्त होता है, वहां से भाजपा का योगी राज्य प्रारंभ होता है, उत्तर प्रदेश में योगी सरकार है, इसलिए सुशासन में कोई कठिनाई नहीं होगी।