स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Friday 5 January 2018 12:29:44 AM
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यशभारती से सम्मानित उर्दू के मशहूर शायर अनवर जलालपुरी के निधन पर दुःख व्यक्त किया है। अनवर जलालपुरी के निधन पर शायरों, कवियों, साहित्यकारों, सामाजिक एवं सांस्कृतिक संस्थाओं और विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े संगठनों के प्रतिनिधियों ने भी शोक संवेदनाएं व्यक्त की हैं। राज्यपाल ने शोक संदेश में कहा है कि अनवर जलालपुरी उर्दू शायरी और मुशायरे का का एक जीवंत नाम है, जिसे किसी परिचय की आवश्यकता नहीं है। राज्यपाल ने कहा कि उनके निधन की ख़बर सुनकर ऐसा लगा जैसे बीच मुशायरे से किसी ने शमअ-ए-महफिल उठा ली है। उन्होंने कहा कि उन्हें अनेक कार्यक्रमों में अनवर जलालपुरी को सुनने का अवसर प्राप्त हुआ है।
राज्यपाल राम नाईक ने कहा कि उर्दू रायटर्स फोरम के कार्यक्रम में अनवर जलालपुरी ने मेरी पुस्तक ‘चरैवेति! चरैवेति!!’ पर अपने रचनात्मक एवं प्रशंसात्मक विचार भी व्यक्त किए थे। राज्यपाल ने कहा कि अनवर जलालपुरी ने भगवद्गीता तथा गीतांजलि का उर्दू में अनुवाद कर धार्मिक एकता की मिसाल कायम की है। उन्होंने उनकी आत्मा की शांति की कामना करते हुए दुःखी परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी मशहूर शायर अनवर जलालपुरी के निधन पर दुःख व्यक्त किया है। उन्होंने उनकी आत्मा की शांति की कामना करते हुए शोक संतप्त परिजनों के प्रति हार्दिक संवेदना भी व्यक्त की। उल्लेखनीय है कि अनवर जलालपुरी की पुस्तक ‘उर्दू शायरी में गीता’ काफी लोकप्रिय हुई है और मुशायरों के संचालन में भी उनकी खास पहचान थी।
उर्दू के मशहूर शायर अनवर जलालपुरी की स्मृति में कैफी आज़मी अकादमी पेपर मिल कालोनी लखनऊ में उर्दू रायटर्स फोरम ने एक शोकसभा का आयोजन किया, जिसमें उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक, उपमुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा, मंत्री डॉ रीता बहुगुणा जोशी, पूर्व मंत्री डॉ अम्मार रिज़वी, डॉ शारिब रूदौलवी, प्रोफेसर शाबरा हबीब, डॉ फजले इमाम, प्रोफेसर माहरूख मिर्जा, उर्दू रायटर्स फोरम के वकार रिज़वी और बड़ी संख्या में हिंदी एवं उर्दू के विद्वतजन उपस्थित थे। राज्यपाल ने इस अवसर पर अनवर जलालपुरी के उर्दू में अनूदित काव्य को पढ़कर सुनाया। उन्होंने कहा कि अनवर जलालपुरी ने गीता और गीतांजलि का बेहतरीन अनुवाद किया है, जब तक गीता और गीतांजलि दुनिया में रहेंगी, लोग उनको याद करेंगे। राज्यपाल राम नाईक ने कहा कि अनवर जलालपुरी ने गीता को बड़ी सहजता के साथ उर्दू जानने वालों के लिए अनुवाद किया था।
राम नाईक ने कहा कि अनवर जलालपुरी अपनी रचनाओं के माध्यम से उर्दू और हिंदी को एक मंच पर लाए। उन्होंने कहा कि मेरा उनका परिचय बहुत कम रहा, मगर कई बार उनकी रचनाओं को उनसे ही सुनने का अवसर मिला है, उनके शब्दों में अप्रतिम ताकत थी, सही समय पर सही तरीके से अपनी बात लोगों तक रखना उनकी विशेषता थी। उपमुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा ने कहा कि अनवर जलालपुरी में एक नेक इंसान की सारी खूबियां थीं, कई बार उनका कविता पाठ सुना है, उनके मंच पर बोलने से लगता था कि कोई धारा बह रही है। डॉ दिनेश शर्मा ने कहा कि व्यक्ति का नेक कार्य उसे मरने नहीं देता है और उसके शब्द हमेशा जीवित रहते हैं। उन्होंने कहा कि अपनी लेखनी के माध्यम से वे हजारों साल जिएंगे, अनवर जलालपुरी कुरान और गीता पर समान रूपसे अधिकार रखते थे। उन्होंने कहा कि अनवर जलालपुरी में अपना बनाने की कला थी और वे लोगों को प्रभावित करना जानते थे।
डॉ अम्मार रिज़वी ने कहा कि अनवर जलालपुरी अपनी रचनाओं के माध्यम से हमारी यादों और उर्दू साहित्य में हमेशा जिंदा रहेंगे, उनकी ज़िंदगी कभी न खत्म होने वाली ज़िंदगी है। डॉ अम्मार रिज़वी ने उपमुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा से अनुरोध किया कि अनवर जलालपुरी के गृह जनपद अंबेडकरनगर के जलालपुर में उनके नाम से कोई डिग्री कालेज खोला जाए। कार्यक्रम में वकार रिज़वी ने अनवर जलालपुरी की कृतियां ‘उर्दू शायरी में गीता’ एवं ‘उर्दू शायरी में गीतांजलि’ की प्रति राज्यपाल और अन्य महानुभावों को भेंट की। कार्यक्रम का संचालन डॉ अब्बास रज़ा नैय्यर ने किया था।