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Friday 5 January 2018 11:36:30 PM
लखनऊ। राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह ने अपना 86वां जन्मदिन लखनऊ में 86 किलो का केक काटकर मनाया। राष्ट्रपति रामनाथ कोविद, उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आदि ने उन्हें फोन करके और उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह को माल एवेन्यू स्थित उनके आवास जाकर जन्म दिवस की बधाई दी। राज्यपाल राम नाईक ने पुष्प गुच्छ भेंट करते हुए राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह की दीर्घायु एवं स्वस्थ जीवन की कामना की। इस अवसर पर कल्याण सिंह के पुत्र और सांसद राजवीर सिंह, पौत्र एवं राज्यमंत्री संदीप सिंह सहित परिवार के अन्य सदस्य भी उपस्थित थे। राज्य सरकार के मंत्री, नेता, सांसद, विधायक, भाजपा और संघ कार्यकर्ता, सामाजिक और सिविल सेवक, पत्रकार एवं मित्रगण भी कल्याण सिंह को जन्मदिन की बधाई और शुभकामनाएं देने उनके आवास पर पहुंचे। राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह को उनके सुखमय एवं दीर्घजीवन की बधाईयां और शुभकामनाएं देने वाले दिनभर आते रहे। कल्याण सिंह ने जन्मदिन की शुभकामनाओं के लिए धन्यवाद दिया है।
कल्याण सिंह को भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष महेंद्रनाथ पांडेय, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनके मंत्रिमंडल के अनेक सदस्यों उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य एवं डॉ दिनेश शर्मा, कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही, सिंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह, राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और उनके मंत्रिमंडलीय सहयोगियों, राजस्थान प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष, पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी, भाजपा के वरिष्ठ नेता लालजी टंडन, केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह, उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष हृदयनारायण दीक्षित, भाजपा के महामंत्री (संगठन) सुनील बंसल, उत्तर प्रदेश भाजपा के प्रभारी ओमप्रकाश माथुर, भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश के मीडिया प्रमुख हरीशचंद्र श्रीवास्तव हरीशजी आदि ने जन्मदिन की बधाईयां और शुभकामनाएं दी हैं। कल्याण सिंह का जन्म 5 जनवरी 1932 में अलीगढ़ में हुआ और अतरौली उनका विधानसभा क्षेत्र रहा है, जहां से आज उनका पौत्र संदीप सिंह पहली बार विधायक है और योगी सरकार में राज्यमंत्री भी है। भारतीय लोधी समाज ने उनके जन्मदिन पर उनकी दीर्घायू के लिए मंदिर में हवनपूजन कराया।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के लोध राजपूतों में उनको एक समय एकछत्र नेता माना जाता रहा है। यह वह कालखंड था, जब वे उत्तर प्रदेश में पहली बार बनी भाजपा की सरकार के मुख्यमंत्री बनाए गए थे। वे दो बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। कल्याण सिंह एक प्रखर हिंदुत्ववादी के रूप में जाने जाते हैं और अयोध्या में बाबरी मस्जिद विध्वंस के समय मुख्यमंत्री थे। वे उत्तर प्रदेश विधानसभा क्षेत्र कासगंज से भी विधायक निर्वाचित हुए हैं। वे उत्तर प्रदेश विधानसभा में विपक्ष के नेता रहे हैं। कल्याण सिंह को एक समय भाजपा से अलग होने, अपनी राजनीतिक पार्टी बनाने एवं भाजपा के खिलाफ अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं की पूर्ति के लिए समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव की शरण में जाने पर भारी राजनीतिक विफलताओं का सामना करना पड़ा है। कल्याण सिंह अलग-थलग पड़ गए थे। आखिर उन्होंने अपनी भूल स्वीकार की और भाजपा ने उन्हें माफ किया, जिससे उनका राजनीतिक वैभव लौटा है, जिससे आज वे राजस्थान के राज्यपाल हैं, जिससे आज उनका पुत्र राजवीर सिंह भाजपा के सांसद है, जिससे उनका पौत्र संदीप सिंह विधायक और राज्यमंत्री है और परिवार भाजपा की मुख्यधारा में राजयोग भोग रहा है।