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Thursday 11 January 2018 01:21:10 AM
नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविद ने पीआईओ चैंबर ऑफ कॉमर्स एवं उद्योग और भारत सरकार के विदेश मंत्रालय के सहयोग से अंतर्राष्ट्रीय सहयोग परिषद-भारत के आयोजित प्रवासी सांसदों के अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन किया। राष्ट्रपति ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि प्रवासी भारतीय सभी देशों में समृद्धि की ऊंचाइयों पर पहुंचे हैं, वहां के समाज की खुशहाली में उन्होंने योगदान दिया है, अर्थव्यवस्था को समृद्ध बनाया है और बौद्धिक संपदा एवं स्थानीय संस्कृति में उनका उल्लेखनीय योगदान माना जाता है। उन्होंने कहा कि प्रवासी भारतीयों ने इटली, बोलिविया तथा तंजानिया जैसे देशों के खेतों में कड़ी मेहनत की है, वे सिलिकन वैली स्टार्टअप परिस्थितिकी प्रणाली में महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविद ने कहा कि प्रवासी भारतीय दुबई तथा खाड़ी क्षेत्र में अन्य प्रमुख व्यावसायिक शहरों की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं, प्रवासी भारतीयों के बिना न्यूयॉर्क लंदन और सिंगापुर के वैश्विक केंद्र वैसे नहीं रहते जैसे अभी हैं। राष्ट्रपति ने कहा कि एक देश के रूपमें हमें प्रवासी भारतीय भाईयों और बहनों के कार्यों पर गर्व है, उन्होंने पूरे विश्व में भारत और भारतीय लोगों की पहचान कायम की है। रामनाथ कोविद ने कहा कि प्रवासी भारतीय, भारतीय संस्कृति के सच्चे राजदूत हैं और हजारों मील दूर रहते हुए भी वे अपनी जड़ों से जुड़े रहे हैं। उन्होंने कहा कि विश्व बाज़ार में आज भारतीय खान-पान और भारतीय फिल्में इसलिए विख्यात और जाने जाते हैं, क्योंकि प्रवासी भारतीय उन्हें दूर तक ले गए हैं।
रामनाथ कोविद ने कहा कि भारत सरकार के लिए प्रवासियों सांसदों या व्यापक भारतीय प्रवासी समुदाय के साथ सहयोग कारोबारी संबंध के रूपमें नहीं है, बल्कि हम प्रवासी समुदाय को सांसदों और निर्वाचित प्रतिनिधियों के जीवंत सेतु के रूपमें देखते हैं। उन्होंने कहा कि प्रवासी भारतीयों की प्रवास वाले देशों तथा पुरखों के देशों के बीच समझदारी बढ़ाने में खास भूमिका है। राष्ट्रपति ने कहा कि प्रवासी सांसदों के लिए अपने देश की प्राथमिकताओं को भारत के विकास से जोड़ना महत्वपूर्ण है। सम्मेलन में केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री शिवप्रताप शुक्ला और गणमान्य नागरिक भी उपस्थित थे।