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Thursday 11 January 2018 01:40:13 AM
नई दिल्ली। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने महारजिस्ट्रार एवं जनगणना आयुक्त के कार्यालय के कार्यों की समीक्षा बैठक में असम में नागरिकों के राष्ट्रीय पंजीकरण यानी एनआरसी, राष्ट्रीय जनसंख्या पंजीकरण से संबंधित कार्य संपन्न होने, नागरिक पंजीकरण प्रणाली में सुधार और सुदृढ़ीकरण के उपाय तथा 2021 में होने वाली जनसंख्या गणना के लिए खाका तैयार करने की प्रगति पर संबंधित अधिकारियों से विचार-विमर्श किया। बैठक में आरजीआई ने गृहमंत्री को संगठन के भाषा, सामाजिक अध्ययन और नक्शे के वर्गीकरण से संबंधित अन्य कार्यों के बारे में जानकारी दी। बैठक में गृहमंत्री को असम में एनआरसी की स्थिति के संबंध में जानकारी दी गई कि उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के अनुसार उन 1.9 करोड़ आवेदकों की खाका सूची तैयार कर ली गई है, जिनकी सत्यापन प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और यह सूची 31 दिसंबर 2017 को प्रकाशित भी हो चुकी है।
केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह को समीक्षा बैठक में बताया गया कि शेष आवेदकों की खाका सूची उनके सत्यापन होने के बाद प्रकाशित की जाएगी, जो उच्चतम न्यायालय की निगरानी में निष्पक्ष और तटस्थ तरीके से की जा रही है। संपूर्ण खाका एनआरसी के प्रकाशन के बाद दावें और आपत्तियां आमंत्रित की जाएंगी। केंद्रीय गृहमंत्री को जानकारी दी गई कि अधिकतर राज्यों में 2015 में कराए गए राष्ट्रीय जनसंख्या पंजीकरण से संबंधित कार्य पूरे हो गए हैं। समीक्षा बैठक में जनगणना 2021 के संबंध में 2018 में किए जाने वाले आवश्यक कार्यों पर भी चर्चा की गई, जिनमें चयनित राज्यों में डिजाइन सुदृढ़ करना, हितधारकों की बैठक और प्रायोगिक अभ्यास शामिल हैं।
गृहमंत्री राजनाथ सिंह को समीक्षा बैठक में नागरिक पंजीकरण प्रणाली की प्रगति के बारे में भी जानकारी दी गई और यह बताया गया कि राष्ट्रीयस्तर पर जन्म पंजीकरण स्तर 88 प्रतिशत और मृत्यु पंजीकरण स्तर 76.6 प्रतिशत है। उन्हें जानकारी दी गई कि हाल ही में सैंपल पंजीकरण प्रणाली के तहत 2016 के लिए महत्वपूर्ण दर जारी की गई है, जिसके अनुसार अखिल भारतीय स्तर पर जन्म दर 20.4 और मृत्यु दर 6.4 तथा शिशु मृत्यु दर 34 है। गृहमंत्री ने बैठक में सभी गांवों और कस्बों के बारे में भौगोलिक नक्शे की आवश्यकता को भी रेखांकित किया।