स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Friday 12 January 2018 04:53:04 AM
नई दिल्ली। केंद्रीय इलैक्ट्रोनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी और कानून एवं न्यायमंत्री रविशंकर प्रसाद ने वाणिज्य विभाग दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स के छठे अंतर्राष्ट्रीय वाणिज्य सम्मेलन-2018 का उद्घाटन किया। ‘डिज़िटल पहुंच तथा विपणन कार्यप्रणाली का भविष्य’ विषय पर आयोजित दो दिवसीय सम्मेलन का उद्देश्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल ‘डिज़िटल भारत का निर्माण’ के परिदृश्य में डिज़िटल विपणन के प्रभाव को समझने के लिए असंख्य कसौटियों को उजागर करना था। सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने इस अवसर पर कहा कि भारतीय डिज़िटल पारिस्थिति तंत्र बहुत ही शक्तिशाली है, जो सुदृढ़ साइबर सुरक्षा, साइबर प्रशिक्षण और साइबर समन्वय पर भी जोर देता है। उन्होंने कहा कि मुझे यह जानकर प्रसन्नता है कि दिल्ली विश्वविद्यालय साइबर सुरक्षा हेतु एक अलग विभाग शुरू करने जा रहा है, इसके लिए केंद्र सरकार सभी संभव सहायता प्रदान करेगी, क्योंकि भारत शीघ्र ही न्यून लागत साइबर सुरक्षा उत्पादों का शक्तिशाली केंद्र बनने जा रहा है।
सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि उपभोक्ता अपनी विषय सूची के स्वयं सृजेता बन जाएंगे तथा विपणन के सभी परंपरागत मानक बदल जाएंगे, यह उभरते भारत की एक नई अभिव्यक्ति है, जिसमें आपको एक ऐसे मंच की आवश्यकता है, जो पहुंच में हो, जिसकी प्रयोज्यता हो तथा जिसको अपनाया जा सके और डिज़िटल भारत ये अवसर सृजित कर रहा है। रविशंकर प्रसाद ने इस तथ्य पर भी जोर देकर कहा कि भारत विश्व की डिज़िटल क्रांति का नेतृत्व करने के लिए मजबूती से खड़ा है। उन्होंने कहा कि डिज़िटल भारत अधिकांशत: ग़रीबों और पिछड़ों का है, जो सामान्य भारतीयों के सशक्तिकरण तथा डिज़िटलतौर पर संपन्नों और असंपन्नों के बीच की खाई को पांटने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि डिजिटल इंडिया का उद्देश्य डिजिटल समावेशन है, जोकि भारत का मूल दर्शन है, जिसकी आज पूरी दुनिया सराहना कर रही है।
अंतर्राष्ट्रीय वाणिज्य सम्मेलन में डिजिटल उपभोक्ता तथा विपणन कार्यविधि की समझ, सामाजिक मामलों पर सोशल मीडिया तथा विश्लेषणात्मक-वर्तमान तथा भविष्य पर तीन पूर्ण सत्र हुए, जिसमें 5-6 वक्ताओं का पैनल आयोजित किया गया था और सम्मेलन पथों से संबंधित लगभग 150 रिसर्च पेपर्स सम्मेलन के दौरान प्रस्तुत किए गए। सम्मेलन में दिल्ली विश्वविद्यालय के उपकुलपति डॉ योगेश के त्यागी, दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स के निदेशक पामी दुआ, दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स के वाणिज्य विभाग की प्रधान तथा डीन प्रोफेसर कविता शर्मा और एम्रॉय विश्वविद्यालय के प्रोफेसर जगदीश सेठ भी उपस्थित थे।