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बच्चों की बहादुरी प्रशंसनीय-प्रधानमंत्री

राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार से सम्मानित हुए बहादुर बच्चे

बच्चों के अदम्य साहस और पराक्रम की देशभर में चर्चा

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Thursday 25 January 2018 01:15:58 AM

brave children with the pm modi

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली में एक कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों से आए 18 बहादुर बच्चों को राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार प्रदान किए। इनमें से तीन पुरस्कार मरणोपरांत प्रदान किए गए। पुरस्कृत बच्चों के साथ बातचीत करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि उनकी वीरता के कार्यों पर बहुत चर्चा हुई है और मीडिया ने भी खूब उल्लेख किया है। उन्होंने कहा कि बच्चों के ऐसे साहसिक और बहादुरीभरे कार्य उनकी निर्णय लेने की क्षमता और पराक्रम को प्रदर्शित करते हैं, जो प्रशंसनीय हैं, वे अन्य बच्चों के लिए प्रेरणास्रोत हैं और अन्य बच्चे उनके ऐसे अदम्य साहसी कार्यों के प्रति प्रेरित होंगे तथा उनमें भी आत्मविश्वास की भावना पैदा होगी। ये बहादुर बच्चे 26 जनवरी के दिन गणतंत्र दिवस परेड में शामिल होंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अधिकतर पुरस्कार प्राप्त बच्चे ग्रामीण और साधारण पृष्ठभूमि के हैं। उन्होंने कहा कि शायद उनके दैनिक संघर्षों के कारण उनके अंदर यह भावना पैदा हुई और वे हर विपरीत परिस्थिति में बहादुरी के साथ काम करने में सक्षम हुए। प्रधानमंत्री ने सभी विजेताओं, उनके माता-पिता और अध्यापकों को बधाई दी। उन्होंने उन लोगों की भी प्रशंसा की, जिन्होंने बच्चों की बहादुरी के कामों को दर्ज किया और लोगों का ध्यान उनकी ओर आकर्षित करने में सहायता की। नरेंद्र मोदी ने कहा कि अब भविष्य में भी पुरस्कार विजेताओं से अधिक आशा की जाएगी। उन्होंने बच्चों को उनके भावी जीवन के लिए शुभकामनाएं दीं। इस अवसर पर महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी और गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
गौरतलब है कि राष्‍ट्रीय वीरता पुरस्कार भारतीय बाल कल्याण परिषद ने 1957 में शुरु किए थे। पुरस्कार के रूप में एक पदक, प्रमाण पत्र और नकद राशि दी जाती है। इन पुरस्कारों में बच्चों को भारत पुरस्‍कार, गीता चोपड़ा पुरस्‍कार, संजय चोपड़ा पुरस्‍कार, बापू गैधानी पुरस्‍कार और सामान्य राष्‍ट्रीय वीरता पुरस्‍कार प्रदान किए जाते हैं। वीरता पुरस्‍कारों के लिए चयन उच्च अधिकार प्राप्त समिति करती है, जिसमें विभिन्न मंत्रालयों, विभागों के प्रतिनिधि, गैर सरकारी संगठन और भारतीय बाल कल्याण परिषद के वरिष्ठ सदस्य शामिल होते हैं। सभी बच्चों को विद्यालय की पढ़ाई पूरी करने तक वित्तीय सहायता भी दी जाती है और भारतीय बाल कल्‍याण परिषद के कार्यक्रम के अंतर्गत विजेताओं को तब तक वित्तीय सहायता दी जाती है, जब तक उनकी स्‍कूल की पढ़ाई पूरी नहीं होती, कुछ राज्य सरकारें भी वित्तीय सहायता देती हैं। इंदिरा गांधी छात्रवृत्ति योजना के अंतर्गत आईसीसीडब्‍ल्‍यू उन बच्‍चों को वित्‍तीय सहायता देती है, जो इंजीनियरिंग और मेडिकल जैसे व्‍यावसायिक पाठ्यक्रम की पढ़ाई करते हैं, अन्‍य बच्‍चों को यह सहायता उनकी स्नातक शिक्षा पूरी होने तक दी जाती है। भारत सरकार ने विजेता बच्‍चों के लिए मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेज तथा पॉलीटेक्‍नीक में कुछ सीटें आरक्षित कर रखी हैं। 

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