स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Tuesday 30 January 2018 02:45:59 AM
नई दिल्ली। पीएचडी चैंबर ऑफ कामर्स के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल खेतान और वरिष्ठ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राजीव तलवार की अगुवाई में एक प्रतिनिधिमंडल ने पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास, प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष विभाग में राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह के साथ पूर्वोत्तर क्षेत्र में उद्योगों की संभावनाओं पर विचार-विमर्श के लिए एक बैठक की। डॉ जितेंद्र सिंह ने बैठक में व्यापार में सुगमता और क्षेत्र की क्षमताओं के प्रयोग के लिए सरकार के इन तीन वर्ष में उठाए गए कदमों से प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों को अवगत कराया। उन्होंने पूर्व में भंडारण और यातायात सुविधाओं की कमी के कारण प्रदेश के लगभग 40 प्रतिशत फलों के नुकसान पर खेद जताया।
पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि पूर्वोत्तर राज्यों में सड़क, रेल संपर्क और नेटवर्क में सुधार से इस कमी पर काफी हद तक काबू किया जा सका है। उन्होंने युवा स्टार्टअप्स के लिए पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय के शुरू किए गए 'वेंचर फंड' का भी उल्लेख किया, जिसको नए उद्यमियों से अप्रत्याशित सहयोग प्राप्त हुआ है। राज्यमंत्री ने कहा कि पूर्वोत्तर भारत में व्यापार की अपार संभावनाओं से विश्व समुदाय को अवगत कराने के लिए गुवाहाटी में 3 फरवरी को एक विशाल शिखर सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने पशुपालन में सुअवसर, निर्यात के लिए संभावना फोकस पूर्वोत्तर पर हुए सम्मेलनों के बारे में डॉ जितेंद्र सिंह को बताया। यह सम्मेलन असम के गुवाहाटी, मेघालय के शिलांग और त्रिपुरा के अगरतला में हुए थे।
डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र के किसानों को पशुपालन, मछलीपालन आदि क्षेत्रों में उत्तर और दक्षिण भारत के किसानों का अनुसरण करने को कहा गया है, किसान नई वैज्ञानिक तकनीक को भी अपना सकते हैं और सरकार संभावित उद्यमियों के लिए सुविधा केंद्र शुरू करेगी। पीएचडी चैंबर के प्रतिनिधियों ने डॉ जितेंद्र सिंह को भविष्य के कार्यक्रमों के संबंध में जानकारी दी, जिनमें इम्फाल में 'मेगा फूड प्रोसेसिंग' पर सेमिनार, आईजाल में खाद्य प्रसंस्करण को विकसित करने के लिए प्रौद्योगिकी पर सेमिनार और इटानगर में युवा उद्यमियों के विकास पर सेमिनार शामिल हैं। डॉ जितेंद्र सिंह ने इन प्रयासों के लिए पूर्वोत्तर विकास मंत्रालय से सहयोग का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय के अधिकारी इन प्रयासों से अधिकतम लाभ प्राप्त करने के लिए प्रदेश के सभी आठ राज्यों के साथ समन्वय स्थापित करेंगे।