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Wednesday 27 February 2013 08:34:56 AM
लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी के नेता और सदस्य विधान परिषद हृदयनारायण दीक्षित ने सदन में संस्कृत विद्यालयों की उपेक्षा और उन्हें अनुदान सूची पर न लिए जाने का मामला औचित्य के प्रश्न के रूप में उठाया। उन्होंने 25 जून 2012 को सदन की कार्यवाही का उल्लेख किया और कहा कि नेता सदन अहमद हसन ने इस मामले में स्पष्ट आश्वासन दिया था, लेकिन अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि सरकार सदन में दिये गये आश्वासनों को पूरा नहीं करती। सभापति ने सरकार को प्रभावी कार्यवाही के निर्देश दिए।
हृदयनारायण दीक्षित ने कृषि क्षेत्र में विदेशी निवेश का मामला प्रश्नकाल में उठाया। उन्होंने कृषि मंत्री से पूछा कि कृषि क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के बारे में राज्य सरकार की नीति क्या है? कृषि मंत्री आनंद सिंह ने इस पर कहा कि अभी राज्य सरकार की कोई नीति नहीं है। दीक्षित ने पूरक प्रश्न पूछा कि सरकार ने कृषि क्षेत्र में अब तक विदेशी निवेश लाने के बारे में क्या विचार किया है? कृषि मंत्री ने उत्तर दिया अभी कोई नीति बनी नहीं है।