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Wednesday 7 March 2018 03:32:09 PM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली में केंद्रीय सूचना आयोग के नए भवन का उद्घाटन किया और कहा कि भवन का निर्माण कार्य निर्धारित समय से पहले पूरा किया गया है, जिसके लिए निर्माण में शामिल सभी एजेंसियां बधाई की पात्र हैं। उन्होंने कहा कि इस भवन को पर्यावरण अनुकूल रेटिंग गृह-IV प्रदान की गई है, जो बचत सुनिश्चित करेगी और पर्यावरण संरक्षण में मददगार होगी। प्रधानमंत्री ने उम्मीद जाहिर की कि नई सूचना प्रणाली से आयोग की कार्यप्रणाली में बेहतर समन्वय और एकीकरण संभव होगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान स्थितियों और भावी चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए प्रत्येक जिम्मेदार संस्थान का यह दायित्व है कि वह अपने अधिकारों और कर्तव्यों के बीच संतुलन बनाए रखे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीआईसी के मोबाइल ऐप शुरू किए जाने पर कहा कि इससे लोगों को आयोग के कार्यालय में अपील दाखिल करने में आसानी होगी और वे आयोग से उपलब्ध होने वाली जानकारी आसानी से हासिल कर सकेंगे। नरेंद्र मोदी ने कहा कि लोकतांत्रिक और भागीदारीपूर्ण शासन के लिए पारदर्शिता और जवाबदेही अनिवार्य है और इस दिशा में केंद्रीय सूचना आयोग महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। उन्होंने कहा कि ऐसे संस्थान विश्वास पर आधारित शासन के लिए प्रेरक के रूपमें काम करते हैं। उन्होंने कहा कि चार वर्ष से केंद्र सरकार नागरिकों को विभिन्न साधनों से सूचना अधिकारिता प्रदान कर रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि सशक्त नागरिक हमारे लोकतंत्र के सबसे मजबूत स्तंभ हैं। उन्होंने कहा कि पहला स्तंभ प्रश्न पूछना है और इस संदर्भ में उन्होंने माई गव नागरिक भागीदारी मंच का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि दूसरा स्तंभ सुझावों को सुनने का है, जिसके अंतर्गत सरकार सीपीग्राम्स अथवा सोशल मीडिया से प्राप्त सुझावों को मुक्त रूपसे ग्रहण करती है।
नरेंद्र मोदी ने कहा कि तीसरा स्तंभ संवाद है, जिससे नागरिकों और सरकार के बीच एक संबंध कायम होता है। उन्होंने कहा कि चौथा स्तंभ सक्रियता है, इस संदर्भ में जीएसटी के कार्यांवयन के दौरान शिकायतों और सुझावों पर सक्रिय अनुवर्ती कार्रवाई की गई। उन्होंने कहा कि पांचवां स्तंभ सूचना का है, जिसके अंतर्गत सरकार का यह दायित्व है कि वह अपने कार्यों के बारे में नागरिकों को सूचना प्रदान करे। नरेंद्र मोदी ने कहा कि सरकार ने रियल टाइम अपडेट यानी वास्तविक समय पर अद्यतन जानकारी ऑनलाइन डैशबोर्डों के जरिए प्रदान करने की एक नई प्रणाली शुरू की है, जिसमें सौभाग्य और उजाला जैसे कार्यक्रमों की प्रगति के बारे में जानकारी प्रदान की गई है। उन्होंने कहा कि आमतौर पर पूछी जाने वाली जानकारी सम्बद्ध विभागों और मंत्रालयों के वेबपोर्टलों पर अपलोड की जा रही है, पारदर्शिता और नागरिक सेवाओं में सुधार के लिए डिज़िटल प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल किया जा रहा है, इसी प्रकार परियोजनाओं की जानकारी भी वास्तविक समय आधार पर प्राप्त की जा सकती हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बताया कि पिछले सप्ताह प्रगति की एक बैठक में केदारनाथ में पुर्ननिर्माण कार्यों की प्रगति की निगरानी एक ड्रोन कैमरे के जरिए की गई। उन्होंने बताया कि प्रगति बैठकों से 9 लाख करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं की गति तेज़ करने में मदद मिली है। नरेंद्र मोदी ने आपूर्ति और निपटान महानिदेशालय को बंद करने का उदाहरण दिया और कहा कि अब गवर्मेंट ई-मार्केट अथवा जीईएम प्लेटफार्म के जरिए सरकारी खरीद की जा रही है, इससे भ्रष्टाचार को समाप्त करने में मदद मिली है और सरकारी खरीद में पारदर्शिता आई है। उन्होंने कहा कि सरकार-जनता परस्पर संवाद के बीच मानव हस्तक्षेप कम हुआ है। प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रशासनिक व्यवस्था में जितनी पारदर्शिता बढ़ेगी, सरकार पर लोगों का भरोसा भी उतना ही बढ़ेगा और मजबूत होगा।