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Tuesday 13 March 2018 01:18:50 PM
नई दिल्ली। भारत में फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों की आधिकारिक यात्रा के दौरान प्रथम भारत-फ्रांसीसी ज्ञान शिखर सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसकी मेजबानी भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने की। सम्मेलन में भारत-फ्रांस के बीच अकादमिक योग्यता की पारस्परिक मान्यता पर ऐतिहासिक समझौते और संयुक्त पहलों एवं साझेदारियों पर विश्वविद्यालयों और अनुसंधान संस्थानों के बीच रिकॉर्ड 15 महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए। इस दो दिवसीय शिखर सम्मेलन में लगभग 80 भारतीय संस्थानों और 70 फ्रांसीसी संस्थानों के 350 से अधिक लोगों ने प्रमुख उद्यमों के साथ भाग लिया, जिसे विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय, कैंपस फ्रांस और भारतीय उद्योग परिसंघ का भी समर्थन प्राप्त हुआ।
भारत-फ्रांसीसी ज्ञान शिखर सम्मेलन के समापन सत्र को केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने संबोधित किया और दोनों देशों की सरकारों को अकादमिक योग्यता की पारस्परिक मान्यता पर समझौते को अंतिम रूप देने में सहयोग देने के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि ये समझौता दोनों देशों के बीच शैक्षणिक संबंध को बढ़ावा देने, अन्य देश में अपनी पढ़ाई जारी रखने हेतु उनके लिए संभावनाओं को सुविधाजनक बनाकर दोनों देशों के छात्रों की गतिशीलता को प्रोत्साहित करने और सहयोग, विश्वविद्यालय एवं अनुसंधान संबंधी आदान-प्रदान के माध्यम से उच्चशिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्टता को बढ़ावा देने में काफी मददगार साबित होंगे। प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि भारत सरकार जल्द ही विदेशी छात्रों को भारत में शिक्षा प्राप्त करने हेतु प्रोत्साहित करने के लिए ‘भारत में अध्ययन कार्यक्रम’ का शुभारंभ करेगी। उन्होंने कहा कि वर्तमान में भारत में 47000 विदेशी छात्र अध्ययन कर रहे हैं और वर्ष 2022 तक भारत में कम से कम 100,000 विदेशी छात्र अध्ययन करने लगेंगे।
मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने सम्मेलन में यह सुझाव भी सामने रखा कि दोनों देशों को पारस्परिकता के आधार पर प्रोफेशनलों को एक-दूसरे के देश में प्रैक्टिस करने की अनुमति देने पर विचार करना चाहिए। मानव संसाधन विकास मंत्री ने जानकारी दी कि शिक्षा और शोध में द्विपक्षीय सहयोग को आगे बढ़ाने के लिए दोनों देशों के बीच एक संयुक्त कार्यदल का गठन किया जाएगा, जिसकी बैठक सितंबर में होगी। फ्रांस के उच्चशिक्षा और अनुसंधान एवं नवाचार मंत्री फ्रेडरिक विडाल ने कहा कि ग़रीबी और असमानता से लड़ने में शिक्षा एक प्रभावकारी हथियार बन सकती है। सम्मेलन में फ्रांस-भारत शिक्षा ट्रस्ट का भी अनावरण किया गया, जिसके अंतर्गत भारतीय छात्रों को शैक्षणिक छात्रवृत्तियों एवं मेरिट आधारित वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए इसका वित्तपोषण भारतीय उद्योग जगत और भारत में फ्रांसीसी कंपनियां करेंगी।
ज्ञान शिखर सम्मेलन विश्वविद्यालय, वैज्ञानिक और प्रौद्योगिकी सहयोग के लिए प्रथम फ्रांस-भारत शिखर सम्मेलन था, जिसका उद्देश्य कंपनियों के सहयोग से अगले पांच वर्ष के लिए फ्रांस-भारत सहयोग का एक रोडमैप तैयार करना है। इससे पहले मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर के नेतृत्व में एक भारतीय प्रतिनिधिमंडल और फ्रेडरिक विडाल के नेतृत्व में फ्रांसीसी प्रतिनिधिमंडल ने एक द्विपक्षीय बैठक की। प्रतिनिधिमंडल स्तर की बैठक में भारत एवं फ्रांस के उच्च शैक्षणिक संस्थानों के बीच साझेदारी बढ़ाने तथा ‘ज्ञान’ कार्यक्रम के तहत फ्रांसीसी शिक्षाविदों की और अधिक भागीदारी इत्यादि पर महत्वपूर्ण चर्चाएं हुईं।