स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Wednesday 27 February 2013 09:55:37 AM
लखनऊ। रिहाई मंच ने समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव पर आतंकवाद के नाम पर कैद निर्दोषों को छोड़ने के सवाल पर संसद को गुमराह करने का आरोप लगाते हुये लोकसभा की स्पीकर से उनके इस झूंठे बयान को संसदीय रिकार्ड से हटाने की मांग की है। रिहाई मंच ने आजम खान समेत सपा के दूसरे विधायकों और सांसदों से भी मुलायम सिंह यादव के इस बयान पर अपनी स्थिति स्पष्ट करने की मांग की है। मंच ने कहा है कि मुलायम सिंह यादव का यह बयान पीड़ित परिवारों के जख्म पर नमक छिड़कने जैसा है।
लोकसभा में मुलायम सिंह यादव के बयान कि उत्तर प्रदेश में उनकी सरकार ने आतंकवाद के नाम पर कैद निर्दोषों को रिहा कर दिया है, के बाद रिहाई मंच की लखनऊ में लाटूश रोड कार्यालय पर बैठक हुई, जिसके बाद प्रेस को भेजे ई-मेल में रिहाई मंच के अध्यक्ष मोहम्मद शुऐब एडवोकेट और महासचिव पूर्व पुलिस महानिरीक्षक एसआर दारापुरी ने कहा कि इस मसले पर मुलायम सिंह यादव पूरे देश को गुमराह कर रहे हैं, क्योंकि उनकी सरकार ने एक भी निर्दोष को नहीं छोड़ा है, उल्टे उनकी सरकार में ही सीतापुर से दो और आजमगढ़ के जमातुर्रफलाह मदरसे में पढ़ने वाले दो कश्मीरी छात्रों को पकड़ा गया है। रिहाई मंच ने लोक सभा स्पीकर मीरा कुमार से मुलायम सिंह यादव के इस गुमराह करने वाले बयान को संसद के रिकार्ड से हटाने की मांग करते हुये कहा कि मुलायम सिंह यादव की तरह ही उनके भाई और राज्य सभा सदस्य राम गोपाल यादव भी संसद में इस मसले पर झूंठे बयान देते रहे हैं कि सपा सरकार ने बेगुनाह मुस्लिम युवकों को छोड़ने के अपने चुनावी वादे को पूरा करते हुए ऐसे युवकों को छोड़ दिया है।
रिहाई मंच के नेता और इंडियन नेशनल लीग के राष्ट्रीय अध्यक्ष मोहम्मद सुलेमान ने कहा कि मुसलमानों के रहनुमा बनने वाले आजम खान समेत सपा के मुस्लिम सांसदों और विधायकों को मुलायम सिंह यादव के इस बयान पर अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए कि वे क्यों अभी भी मुलायम सिंह यादव के साथ चिपके रहना चाहते हैं? उन्होंन कहा कि एक तरफ तो सपा मुखिया संसद को गुमराह कर रहे हैं कि सपा सरकार निर्दोषों को छोड़ रही है, वहीं दूसरी ओर लखनऊ की जेल में बंद बेगुनाहों पर जेल प्रशासन जानलेवा हमले किये जा रहा है, जिस पर सरकार को ज्ञापन देने और जेल मंत्री राजेंद्र चौधरी से शिकायत के बावजूद आरोपी जेल अधिकारियों का तबादला तक नहीं किया जा रहा है। सुलेमान ने कहा कि कांग्रेस और सपा के कुछ जेबी नेता आतंकवाद के नाम पर निर्दोष मुस्लिम युवकों के सवालों को उठाने का नाटक कर रहे हैं, जिससे आवाम को सचेत ही नहीं रहना होगा, बल्कि उन्हें बेनकाब भी करना होगा।
कचहरी विस्फोटों में पिछले पांच साल से बंद खालिद मुजाहिद के चचा जहीर आलम फलाही ने कहा कि उनके भतीजे खालिद और आजमगढ़ के तारिक कासमी की बेगुनाही साबित करने वाली आरडी निमेष जांच आयोग की रिपोर्ट सपा सरकार के पास पिछले चार महीने से है, लेकिन उसे जारी करने और निर्दोष बच्चों को छोड़ने के बजाए सपा मुखिया इस मसले पर संसद को गुमराह कर रहे हैं, जो निंदनीय है। बैठक में जैद अहमद फारूकी, आफाक, इशहाक नदवी, एहसान हसन, डॉ सुब्रत गुप्ता, राजीव यादव और शाहनवाज आलम आदि मौजूद थे।