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Saturday 17 March 2018 01:18:54 PM
नई दिल्ली। भारत सरकार और एशियाई विकास बैंक ने भारतीय रेलवे की परिचालन क्षमता बेहतर करने के लिए ज्यादा भीड़भाड़ वाले गलियारों से सटे रेलवे की पटरियों को दोहरी लाइन में तब्दील करने के साथ-साथ विद्युतीकरण से संबंधित कार्यों को पूरा करने के लिए 120 मिलियन डॉलर के ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किए। ऋण की यह तीसरी किस्त वर्ष 2011 में एडीबी के बोर्ड के स्वीकृत किए गए रेल क्षेत्र निवेश कार्यक्रम से जुड़ी 500 मिलियन डॉलर की बहुकिस्त वित्तपोषण सुविधा का एक हिस्सा है, इस ऋण राशि का उपयोग पूर्ववर्ती किस्तों के तहत शुरू किए गए कार्यों को पूरा करने में किया जाएगा।
वित्तमंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग में संयुक्त सचिव समीर कुमार खरे ने भारत सरकार की तरफ से और एडीबी के इंडिया रेजीडेंट मिशन के कंट्री डायरेक्टर केनिची योकोयामा ने एडीबी की तरफ से इस ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किए। समीर कुमार खरे ने कहा कि इस परियोजना का उद्देश्य देशभर में महत्वपूर्ण मार्गों पर रेल लाइनों के दोहरीकरण, विद्युतीकरण और आधुनिक सिग्नलिंग प्रणाली को स्थापितकर रेलवे की बुनियादी ढांचागत सुविधाओं की क्षमता को बढ़ाना है। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम से कम ऊर्जा खपत, सुरक्षित और विश्वसनीय रेल प्रणाली विकसित करने में मदद मिलेगी, जिससे परियोजना के तहत आने वाले रेल रूटों पर सफर की अवधि घटाने में मदद मिलेगी और बेहतर परिचालनगत एवं वित्तीय दक्षता सुनिश्चित होगी।
केनिची योकोयामा ने कहा कि ऋण की तीसरी किस्त के जरिए होने वाले वित्तपोषण से लगभग 840 किलोमीटर लंबे रेलमार्गों के दोहरीकरण और अधिक भीडभाड़ वाले गलियारों से सटे 640 किलोमीटर लंबी पटरियों के विद्युतीकरण से जुड़े कार्यक्रम के लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद मिलेगी। उल्लेखनीय है कि इस निवेश कार्यक्रम के तहत छत्तीसगढ़, ओडिशा, महाराष्ट्र, कर्नाटक और आंध्रप्रदेश के व्यस्त माल एवं यात्री ढुलाई वाले रूटों को लक्षित किया जा रहा है, जिसमें स्वर्णिम चतुर्भुज गलियारा भी शामिल है, जो चेन्नई, कोलकाता, मुंबई और नई दिल्ली को आपस में जोड़ता हैं। रेल खंडों का दोहरीकरण दौंड-टिटलागढ़ खंड, संबलपुर-टिटलागढ़ खंड, रायपुर-टिटलागढ़ खंड और हॉस्पेट-टिनाइघाट खंड पर किया जा रहा है, जबकि विद्युतीकरण का कार्य 641 किलोमीटर लंबे पुणे-वाडी गुंटाकल खंड पर किया जा रहा है।