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Monday 19 March 2018 04:56:17 PM
नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडु ने कहा है कि लौहपुरुष और भारत के पहले गृहमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल भारतीय संस्कृति के संवाहक थे और उन्होंने ही राजे-रजवाड़ों को एकजुटकरके देश में एकता और अखंडता कायम की थी। वेंकैया नायडु आज उपराष्ट्रपति सचिवालय में नवर्निमित सरदार पटेल सम्मेलन सभागार के उद्घाटन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उपराष्ट्रपति ने कहा कि आईएएस एवं आईपीएस जैसी अखिल भारतीय सेवाएं शुरू करने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका थी। उन्होंने कहा कि गृहमंत्री के रूपमें वे पहले व्यक्ति थे, जिन्होंने भारतीय नागरिक सेवाओं का भारतीयकरणकर इन्हें भारतीय प्रशासनिक सेवाओं का रूप दिया।
उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडु ने कहा कि उनमें कौटिल्य की कूटनीतिज्ञता तथा महाराज शिवाजी की दूरदर्शिता थी, वे केवल सरदार ही नहीं, बल्कि भारतीयों के हृदय सरदार थे। वेंकैया नायडु ने कहा कि लोकतंत्र के लिए संसद के अंदर और बाहर विचार-विमर्श, बातचीत, विचारों का संगम बहुत महत्वपूर्ण है। इस अवसर पर उपराष्ट्रपति ने सभागार का निर्माण तीन महीने में पूरा करने के लिए शहरी विकास मंत्रालय, केंद्रीय लोकनिर्माण विभाग, शिरके ग्रुप और एनडीएमसी की सराहना की। उन्होंने कहा कि यहां पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाएगा। सम्मेलन सभागार में उपराष्ट्रपति ने विदेशी प्रतिनिधिमंडलों और विभिन्न प्रतिनिधियों से बातचीत भी की।
गौरतलब है कि सरदार वल्लभभाई पटेल भारत के महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों में एक थे और भारत की आजादी के बाद भारत के प्रथम गृहमंत्री और उपप्रधानमंत्री बने। भारत की आज़ादी के बाद विभिन्न रियासतों में बिखरे भारत के भू-राजनीतिक एकीकरण में केंद्रीय भूमिका निभाने के लिए उनको भारत का बिस्मार्क और लौहपुरुष कहा जाता है। सरदार वल्लभभाई पटेल की गृहमंत्री के रूपमें पहली प्राथमिकता देसी रियासतों को भारत में मिलाना था, जो बेहद कठिन काम था और जिसको उन्होंने सफलतापूर्वक कर दिखाया, इसलिए भारत के एकीकरण में उनका महान योगदान माना जाता है।