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Tuesday 20 March 2018 12:46:51 PM
नई दिल्ली। खदानों एवं खनिजों पर नई दिल्ली में आज तीसरा राष्ट्रीय सम्मेलन हो रहा है, जिसमें महत्वपूर्ण विषयों पर विचार-विमर्श के लिए तीन तकनीकी सत्र आयोजित किए जाएंगे। ये सत्र हैं-खनिज ब्लॉकों की नीलामी और पीएमकेकेकेवाई का क्रियांवयन, उत्खनन को प्रोत्साहन और सतत विकास की रूपरेखा-सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करना। इससे पूर्व के सम्मेलन पूर्वावलोकन में काफी अनुकूल पाए गए हैं। गौरतलब है कि भारत सरकार के खान मंत्रालय ने 4-5 जुलाई 2016 को रायपुर में खदानों एवं खनिजों पर प्रथम राष्ट्रीय सम्मेलन और 15 फरवरी 2017 को नई दिल्ली में खदानों एवं खनिजों पर द्वितीय राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया था। इन सम्मेलनों में राज्य सरकारों, खनन उद्योगों, उद्योग संगठनों, वित्तीय एवं शैक्षणिक संस्थानों के प्रतिनिधियों के अलावा कुछ अन्य व्यक्तियों ने भी भाग लिया था और खनन क्षेत्र से जुड़े विभिन्न मुद्दों, चुनौतियों और अवसरों पर प्रकाश डाला था, ताकि सतत विकास के लिए इसकी इष्टतम संभावनाओं का उपयोग किया जा सके। इन दोनों ही राष्ट्रीय खनन सम्मेलनों को व्यापक सफलता मिली थी और समस्त प्रतिभागियों ने इन सम्मेलनों के निष्कर्षों पर अत्यंत संतुष्टि व्यक्त की थी।
खदानों एवं खनिजों पर सम्मेलन के बाद से लेकर अब तक मंत्रालय ने अनेक नई पहल की हैं। खनिज नीलामी नियमों में संशोधन किया गया है, रेत खनन नीति को अंतिम रूप दिए जाने की संभावना है, एमटीएस से संबंधित महत्वपूर्ण मॉडयूल की शुरुआत किए जाने की भी संभावना है, सूक्ष्म खनिजों के लिए स्टार रेटिंग स्कीम शुरू की गई है, सूक्ष्म खनिजों के लिए खनिज निगरानी प्रणाली का क्रियांवयन किया गया है और इसके साथ ही हाल के महीनों में कई अन्य योजनाएं शुरू की गई हैं। पूर्वालोकन में पाया गया है कि अन्य पहलुओं के क्रियांवयन के लिए हितधारकों के क्षमता निर्माण के साथ विभिन्न उद्देश्यों में समुचित तालमेल की आवश्यकता है। समस्त हितधारकों, जैसेकि खनिज संरक्षण, विकास, नीति एवं नियमन और खनन उद्योग के लिए उत्तरदायी माने जाने वाले सरकारी निकायों के बीच गहन एवं व्यापक संवाद की जरूरत है। खनिज खदान सम्मेलन भारत सरकार की हालिया नीतिगत पहलों को प्रदर्शित करने के लिए एक कारगर प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराएगा और खनन क्षेत्र से जुड़े विभिन्न मुद्दों, चुनौतियों और अवसरों पर व्यापक परिचर्चाएं सुनिश्चित करेगा।
खनिज खदान क्षेत्र में केंद्र सरकार को नीतिगत माहौल और बेहतर करने में मदद मिलेगी, सर्वोत्तम तौर-तरीकों को प्रोत्साहित किया जा सकेगा और खनन क्षेत्र से जुड़े विभिन्न मुद्दों को सुलझाया जा सकेगा। इससे मंत्रालय के विभिन्न प्रयासों को मजबूत करने में मदद मिलेगी, जिसकी बदौलत खनन क्षेत्र राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के त्वरित विकास के साथ-साथ रोजगार सृजन में भी अपना पूर्ण योगदान करने में सक्षम हो सकेगा। सम्मेलन के इन फायदों को ध्यान में रखते हुए इससे पहले आयोजित सम्मेलनों में उद्योग जगत और हितधारकों की भागीदारी को नि:शुल्क रखा गया था, जिससे कि उनकी भागीदारी को बढ़ावा दिया जा सके। इसी व्यवस्था को इस सम्मेलन में भी अपनाया जाएगा। सार्वजनिक एवं निजी दोनों ही खनन कंपनियां इस सम्मेलन में सक्रियतापूर्वक भाग लेंगी। इसके अलावा, खनन गतिविधि में संलग्न धातु क्षेत्र एवं उससे संबद्ध क्षेत्र भी इस सम्मेलन में भाग लेंगे। यह खनन क्षेत्र के विभिन्न सरकारी संगठनों जैसे कि केन्द्रीय खान मंत्रालय, राज्यों के खनिज विभागों, नियामकों यथा आईबीएम एवं डीजीएम, उत्खनन निकायों जीएसआई एवं एनएमईटी, इत्यादि को खनन एवं उससे संबद्ध उद्योग के हितधारकों के साथ संवाद करने के लिए एक प्रभावकारी प्लेटफॉर्म सुलभ कराएगा, ऐसा दावा किया जा रहा है।
खनन क्षेत्र से जुड़े मुद्दों को सुलझाने के प्रति एकजुटता सुनिश्चित करने की दृष्टि से खदानों एवं खनिजों पर आयोजित पिछले राष्ट्रीय सम्मेलनों को मिली उल्लेखनीय सफलता एवं इनकी व्यापक उपयोगिता को ध्यान में रखते हुए खान मंत्रालय आज 20 मार्च 2018 को नई दिल्ली में अशोका होटल के कन्वेंशन हॉल में खदानों एवं खनिजों पर तीसरा राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित कर रहा है। भारतीय खनिज उद्योगों का महासंघ यानी फिमी भी इस सम्मेलन में भागीदारी कर रहा है। ऐसे सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम जो खनन गतिविधि से सीधे तौर पर घनिष्ठता के साथ जुड़े हुए हैं अथवा इसकी उत्पादन प्रक्रिया का अभिन्न अंग हैं, वे भी इस सम्मेलन के आयोजन में मंत्रालय की सहायता करने वाले प्रमुख हितधारकों में से एक हैं। ये पीएसयू खान मंत्रालय के अधीनस्थ नाल्को, एचसीएल और एमईसीएल हैं। इसके अलावा कुछ कंपनियां जैसे कि एचजेडएल और बाल्को इसमें भाग ले रही हैं, जिसमें सरकारी हिस्सेदारी खान मंत्रालय के प्रशासकीय नियंत्रण में है। खान मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर सम्मेलन के दौरान सर्वोत्तम प्रदर्शन करने वाली उन 20 खानों अथवा खदानों को ‘5 स्टार’ रेटिंग के लिए पुरस्कार प्रदान करेंगे, जिन्हें स्टार रेटिंग प्राप्त है। स्टार रेटिंग प्रणाली के तहत तकनीकी, सामाजिक-आर्थिक, पर्यावरणीय पैमानों पर खदानों के प्रदर्शन का आकलन किया जाता है और खनन परिचालन में मानकीकरण सुनिश्चित करने तथा खनन के प्रभावों को न्यूनतम करने के उद्देश्य से अंतर्राष्ट्रीय मानकों को अपनाया जाता है।
तीसरे सम्मेलन के दौरान स्टार रेटिंग प्रणाली को सूक्ष्म खनिजों की खदानों पर भी लागू किए जाने के मुद्दे पर विचार किया जाएगा। सम्मेलन में खान मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर एमटीएस के पंजीकरण एवं रिटर्न मॉडयूल के साथ पीएमकेकेकेवाई की निगरानी के लिए पोर्टल लांच करेंगे। पंजीकरण एवं रिटर्न मॉडयूल के मौजूदा 14500 उपयोगकर्ताओं को नई प्रणाली से जोड़ा जाएगा। दैनिक रिटर्न को मोबाइल एप से अथवा ऑनलाइन पोर्टल पर सीधे दाखिल किया जा सकता है। मासिक रिटर्न को नई प्रणाली पर ही दाखिल करना होगा, जिसकी शुरुआत इसी महीने के रिटर्न से हो रही है। प्रभावकारी क्रियांवयन सुनिश्चित करने के लिए एमटीएस सॉफ्टवेयर को न केवल राज्यों की मौजूदा आईटी प्रणलियों, बल्कि अन्य मौजूदा आईटी एप्लीकेशंस यथा आधार, आरटीओ डाटा, जीएसटी इत्यादि से भी एकीकृत किया जाना है। प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना का क्रियांवयन जिला खनिज फाउंडेशंस के तहत एकत्रित कोष से किया जाएगा, जिसका उपयोग खनन प्रभावित क्षेत्रों के कल्याण एवं विकास के लिए किया जाएगा।